तमिलनाडु में 90 करोड़ के बैंक घोटाले
नई दिल्ली /समाचार
नई दिल्ली। 90 करोड़ रुपये के बैंक कर्ज घोटाले और मनी लांड्रिंग के मामले में तमिलनाडु में प्रवर्तन निदेशालय ने नौ स्थानों पर छापेमारी की है। इस घोटाले में शनिवार को एमएस इंशुमती रिफाइनरीज प्राइवेट लिमिटेड (आरआईपीएल) के विरुधुनगर, मदुरई और कोयंबटूर में छापे मारे गए। विरुधुनगर जिले में इस कंपनी का मुख्यालय है।
कंपनी के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत आपराधिक मामला भी दर्ज कर लिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि इस कंपनी का प्रबंधन आर.शेनबागन और अन्य देखते हैं। कंपनी के रिहाइशी और कार्यालय परिसरों में छापे मारे गए हैं। आरोप है कि आरआईपीएल कंपनी को एसबीआई के चेन्नई स्थित ओवरसीज ब्रांच से कैश क्रेडिट सुविधाएं हासिल थीं।
लेटर ऑफ क्रेडिट (एलओसी) सुविधा और टर्म लोन सुविधा भी मिली हुई थी। प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी शिकायत में कहा है कि इस कंपनी ने बोगस कंपनियों और फर्जी बिलों के दम पर एसबीआई से कुल 46 एलओसी हासिल कर रखी थीं। इसकी कीमत करीब 87.36 करोड़ रुपये की है।
कंपनी के खाते में पर्याप्त धन नहीं होने पर इसे बाद में बैंक में फर्जीवाड़ा करके बनाया गया था। बाद में इस रकम को व्यापारिक गतिविधियों में लगा दिया गया, जिससे भारतीय स्टेट बैंक को करीब 90 करोड़ रुपये का चूना लग गया। लिहाजा, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सीबीआइ की एफआईआर के आधार पर कंपनी के खिलाफ पीएमएलए का केस दर्ज किया। आर.शेनबागन और अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया।

नई दिल्ली। 90 करोड़ रुपये के बैंक कर्ज घोटाले और मनी लांड्रिंग के मामले में तमिलनाडु में प्रवर्तन निदेशालय ने नौ स्थानों पर छापेमारी की है। इस घोटाले में शनिवार को एमएस इंशुमती रिफाइनरीज प्राइवेट लिमिटेड (आरआईपीएल) के विरुधुनगर, मदुरई और कोयंबटूर में छापे मारे गए। विरुधुनगर जिले में इस कंपनी का मुख्यालय है।
कंपनी के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत आपराधिक मामला भी दर्ज कर लिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि इस कंपनी का प्रबंधन आर.शेनबागन और अन्य देखते हैं। कंपनी के रिहाइशी और कार्यालय परिसरों में छापे मारे गए हैं। आरोप है कि आरआईपीएल कंपनी को एसबीआई के चेन्नई स्थित ओवरसीज ब्रांच से कैश क्रेडिट सुविधाएं हासिल थीं।
लेटर ऑफ क्रेडिट (एलओसी) सुविधा और टर्म लोन सुविधा भी मिली हुई थी। प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी शिकायत में कहा है कि इस कंपनी ने बोगस कंपनियों और फर्जी बिलों के दम पर एसबीआई से कुल 46 एलओसी हासिल कर रखी थीं। इसकी कीमत करीब 87.36 करोड़ रुपये की है।
कंपनी के खाते में पर्याप्त धन नहीं होने पर इसे बाद में बैंक में फर्जीवाड़ा करके बनाया गया था। बाद में इस रकम को व्यापारिक गतिविधियों में लगा दिया गया, जिससे भारतीय स्टेट बैंक को करीब 90 करोड़ रुपये का चूना लग गया। लिहाजा, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सीबीआइ की एफआईआर के आधार पर कंपनी के खिलाफ पीएमएलए का केस दर्ज किया। आर.शेनबागन और अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया।

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