📰 नेपाल में कोह्जी ओह्कुरा के खिलाफ शिकायत: Nichiren Shoshu संप्रदाय पर अंतरराष्ट्रीय विवादों का साया
नई दिल्ली / काठमांडू / टोक्यो | विशेष संवाददाता
जापानी नागरिक कोह्जी ओह्कुरा और उनके संबंधित Nichiren Shoshu बौद्ध संप्रदाय एक बार फिर विवादों के केंद्र में हैं। भारत में मानहानि के मुकदमे और वीजा उल्लंघन के आरोपों के बाद अब नेपाल में भी ओह्कुरा के खिलाफ सामाजिक अशांति फैलाने की शिकायत दर्ज हुई है। यह मामला अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सवाल खड़े कर रहा है, जिससे भारत, नेपाल, जापान और अमेरिका जैसे देशों में इस संप्रदाय की गतिविधियों पर गंभीर चर्चा शुरू हो गई है।
नेपाल में कोह्जी ओह्कुरा के खिलाफ शिकायत: क्या है मामला?
काठमांडू के स्थानीय निवासी रमेश कुमार तमाङ ने जिला प्रशासन कार्यालय, काठमांडू में कोह्जी ओह्कुरा और उनके जापानी सहयोगियों—यासुनुमो मिचिको, ओकानो होतोमी , हाकामुरा यासुओ और काजुओ—के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। शिकायत में आरोप है कि ये लोग स्थानीय संस्कृति और धार्मिक माहौल को बिगाड़ रहे हैं, जिससे क्षेत्र में तनाव की स्थिति पैदा हो रही है।
- सामाजिक और धार्मिक अशांति: कोह्जी ओह्कुरा और उनकी टीम की गतिविधियाँ स्थानीय संस्कृति के लिए बाधक बताई गई हैं।
- शांति भंग का खतरा: इन गतिविधियों से काठमांडू में सामाजिक और सांप्रदायिक तनाव बढ़ने की आशंका जताई गई है।
भारत में कोह्जी ओह्कुरा का विवाद: मानहानि और वीजा उल्लंघन
भारत में कोह्जी ओह्कुरा पहले से ही चर्चा में हैं। दिल्ली की साकेत अदालत में उनके खिलाफ पत्रकार दीपक कुमार और WeNews24 के खिलाफ ₹10 लाख का मानहानि मुकदमा दायर है। दीपक कुमार ने अपनी खोजी पत्रकारिता के जरिए ओह्कुरा पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें शामिल हैं:
- धार्मिक रूपांतरण: धार्मिक गतिविधियों की आड़ में अवैध रूपांतरण का प्रयास।
- टूरिस्ट वीजा का दुरुपयोग: भारत में पर्यटक वीजा पर रहते हुए गैर-कानूनी मिशनरी गतिविधियाँ।
ये भी पढ़े-केजरीवाल का 15 करोड़ रुपये रिश्वत का दावा: सच्चाई या झूठा बयान? ACB ने दिया केजरीवाल को नोटिस
पत्रकार दीपक कुमार ने इस मामले पर कहा:
“नेपाल में दर्ज शिकायत इस बात का सबूत है कि हमारी रिपोर्टिंग न केवल भारत तक सीमित है, बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को उजागर कर रही है। जो सच बोलता है, उसे ये लोग कोर्ट केस से डराने की कोशिश करते हैं।”
Nichiren Shoshu संप्रदाय: विवादों का इतिहास
Nichiren Shoshu, एक जापानी बौद्ध संप्रदाय, लंबे समय से विवादों से घिरा रहा है। इसकी गतिविधियाँ न केवल जापान, बल्कि अमेरिका, भारत और अब नेपाल में भी सवालों के घेरे में हैं।
जापान में कानूनी कार्रवाइयाँ
- 2000 में शवों की राख का मामला: Nichiren Shoshu पर अवैध रूप से शवों की राख को चावल के थैलों में भरकर मंदिर परिसर में दफनाने का आरोप लगा। टोक्यो हाई कोर्ट ने पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने का आदेश दिया, जिसे जापान सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा।
- 1991 में Soka Gakkai के साथ विवाद: Nichiren Shoshu ने अपने सबसे बड़े अनुयायी संगठन Soka Gakkai को मतभेदों के कारण निष्कासित कर दिया, जिससे जापान में व्यापक विवाद खड़ा हुआ।
ये भी पढ़े-पांच साल बाद रेपो रेट में कटौती, इनकम टैक्स के बाद अब सस्ते लोन का तोहफा
अमेरिका में विवाद
1963 में Nikken Abe का मामला: Nichiren Shoshu के उच्च पुरोहित Nikken Abe पर सिएटल में वेश्याओं के साथ अनैतिक व्यवहार का आरोप लगा। इस मामले में संप्रदाय द्वारा दायर मानहानि का मुकदमा अमेरिकी अदालत ने खारिज कर दिया।अन्य गंभीर आरोप
- धार्मिक सिद्धांतों से विचलन: कई विद्वानों का मानना है कि Nichiren Shoshu के कुछ शिक्षण बौद्ध धर्म के मूल सिद्धांतों से मेल नहीं खाते।
- नैतिक आचरण पर सवाल: संप्रदाय के पुरोहितों पर अनैतिक व्यवहार के कई आरोप लगे हैं।
- युद्ध समर्थन: द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान संप्रदाय पर युद्ध प्रयासों का समर्थन करने का आरोप लगा, जिसके लिए माफी की मांग की गई है।
अंतरराष्ट्रीय जांच की माँग
कोह्जी ओह्कुरा और उनकी टीम की गतिविधियाँ अब केवल भारत या नेपाल तक सीमित नहीं हैं। भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में इनकी गतिविधियाँ सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक संतुलन के लिए खतरा बन रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस मामले में अंतरराष्ट्रीय जांच जरूरी है ताकि:
- धार्मिक स्वतंत्रता और स्थानीय संस्कृति के बीच संतुलन सुनिश्चित हो।
- वीजा नियमों के उल्लंघन और अवैध गतिविधियों की गहराई से जाँच हो।
- Nichiren Shoshu की गतिविधियों का वैश्विक स्तर पर मूल्यांकन किया जाए।
WeNews24 का बयान
WeNews24 ने इस मामले पर स्पष्ट रुख अपनाते हुए कहा:
“हम भारत के संविधान, न्यायपालिका और मीडिया की मर्यादा का पूरा सम्मान करते हैं। हमारी रिपोर्टिंग तथ्य, दस्तावेज और जनहित पर आधारित है। हम किसी भी न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने की मंशा नहीं रखते।”
निष्कर्ष: एक वैश्विक सवाल
कोह्जी ओह्कुरा और Nichiren Shoshu से जुड़े विवाद अब एक वैश्विक मुद्दा बन चुके हैं। भारत और नेपाल में चल रही जांचों के साथ-साथ जापान और अमेरिका में इस संप्रदाय के खिलाफ पहले से दर्ज कानूनी मामले इस बात की पुष्टि करते हैं कि इसकी गतिविधियाँ संदेह के घेरे में हैं।
क्या यह केवल धार्मिक गतिविधियों का मामला है, या इसके पीछे कोई बड़ा अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क काम कर रहा है? यह सवाल अब भारत, नेपाल, जापान और अमेरिका जैसे देशों में चर्चा का विषय बन चुका है।
अधिक जानकारी के लिए: Nichiren Shoshu से संबंधित विस्तृत जानकारी के लिए Research on NICHIREN SHOSHU Issues की वेब साइड nichiren.com/eng पर जाएँ।
डिस्क्लेमर: यह लेख नेपाल में दर्ज आधिकारिक शिकायत, प्रशासनिक दस्तावेजों और विश्वसनीय समाचार स्रोतों पर आधारित है। WeNews24 भारत की न्यायपालिका का सम्मान करता है और इस लेख का उद्देश्य केवल जनहित में सूचना प्रदान करना है।
यह लेख जनहित में जागरूकता के लिए लिखा गया है। क्या आपके पास इस मामले से संबंधित कोई जानकारी या राय है? नीचे कमेंट करें और चर्चा में शामिल हों!
कोई टिप्पणी नहीं
कोमेंट करनेके लिए धन्यवाद