केजरीवाल का 15 करोड़ रुपये रिश्वत का दावा: सच्चाई या झूठा बयान? ACB ने दिया केजरीवाल को नोटिस
We News 24 Hindi / एडिटर दीपक कुमार
नई दिल्ली :-दिल्ली विधानसभ चुनाव के नतीजे से एक दिन पहले राजधानी में सियासत गर्मा गई है. यहां अरविंद केजरीवाल समेत आप नेताओं ने हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाया है .अरविंद केजरीवाल के 15 करोड़ की रिश्वत वाले दावे को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है।. 15 करोड़ रुपये की रिश्वत के दावे ने राजनीतिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है। उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने इस बयान को गंभीरता से लेते हुए भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) को जांच के आदेश दिए हैं।
क्या है पूरा मामला?
हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया था कि उन्हें 15 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी। उन्होंने कहा कि अगर वह एक खास राजनीतिक दल में शामिल हो जाते, तो उन्हें यह रकम दी जाती। इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई और एलजी ने इस दावे की सत्यता की जांच के आदेश दे दिए।
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ACB की कार्रवाई
- ACB की एक टीम अरविंद केजरीवाल के घर पहुंची और उन्हें नोटिस दिया।
- नोटिस में केजरीवाल से सबूत पेश करने को कहा गया है, जिससे यह साबित हो सके कि वास्तव में उन्हें रिश्वत की पेशकश की गई थी।
- ACB ने यह भी पूछा कि इस मामले में अब तक कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं की गई और अगर यह सच है तो FIR दर्ज क्यों नहीं कराई गई।
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राजनीतिक प्रतिक्रिया
- आप (AAP) का बयान: आम आदमी पार्टी ने इस नोटिस को राजनीतिक साजिश बताया है और कहा कि यह चुनाव से ठीक पहले उन्हें फंसाने की कोशिश है।
- बीजेपी का जवाब: बीजेपी नेताओं ने केजरीवाल के बयान को झूठा और भ्रामक बताया और पूछा कि अगर रिश्वत की पेशकश हुई थी तो उन्होंने पहले FIR क्यों नहीं दर्ज कराई?
- कांग्रेस की प्रतिक्रिया: कांग्रेस ने भी इस मामले में साफ-सुथरी जांच की मांग की है।
- आम आदमी पार्टी (AAP) का कहना है कि यह चुनाव से ठीक पहले एक राजनीतिक साजिश है और बीजेपी सरकार विपक्ष को दबाने के लिए इस तरह के कदम उठा रही है।
- AAP नेताओं का कहना है कि केजरीवाल ने सच्चाई बताई थी, लेकिन अब उन पर ही कार्रवाई की जा रही है।
बीजेपी और विपक्ष की प्रतिक्रिया
- बीजेपी ने केजरीवाल के बयान को झूठ और प्रचार का हथकंडा बताया और कहा कि अगर उन्हें रिश्वत की पेशकश की गई थी तो वे चुप क्यों थे?
- कांग्रेस ने भी इस मामले की सही जांच की मांग की है और कहा कि अगर यह आरोप सही हैं तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
अब आगे क्या?
- अगर केजरीवाल के पास कोई ठोस सबूत हैं, तो उन्हें ACB को सौंपना होगा।
- अगर वे ऐसा नहीं कर पाते, तो उन पर झूठा दावा करने के आरोप भी लग सकते हैं।
- यह मामला चुनावी माहौल में बड़ा मुद्दा बन सकता है और दिल्ली के राजनीतिक समीकरणों पर असर डाल सकता है।
दिल्ली की राजनीति में इस मामले ने तूफान खड़ा कर दिया है। देखना दिलचस्प होगा कि केजरीवाल अपने दावे को कितना साबित कर पाते हैं और ACB की जांच में क्या नतीजा निकलता है। फिलहाल, यह कहना मुश्किल है कि केजरीवाल का दावा सच्चा है या झूठा। यह पूरी तरह इस बात पर निर्भर करता है कि वे ACB को क्या सबूत देते हैं और जांच में क्या निकलकर आता है। अगर वे ठोस सबूत नहीं दे पाए, तो यह उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
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