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    देश में छिड़ी राजनीतिक 'जंग', विदेश में वायुसेना कर रही राफेल टेस्ट






     नई दिल्ली/समाचार/@Waors2
    नई दिल्ली :देश में एक तरफ राफेल विमान के सौदे को लेकर राजनीतिक युद्ध छिड़ा हुआ है वहीं दूसरी तरफ वायुसेना 36 राफेल विमानों को बेडे़ में शामिल करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। भारतीय वायु सेना के टॉप अधिकारी ने फ्रांस में राफेल विमान का टेस्ट किया। इसमें भारतीय तकनीक को जोड़कर 14 अपग्रेडेशन किए गए हैं। बता दें कि सितंबर 2016 में राफेल विमानों को लेकर हुए 59,000 करोड़ के कॉन्ट्रैक्ट को लेकर कांग्रेस और बीजेपी मैदान में हैं। 
    गुरुवार को भारतीय वायुसेना के डेप्युटी एयर मार्शल रघुनाथ नंबियार ने 'टेस्टबेड' के रूप में उपयोग होने वाले 17 साल पुराने राफेल को उड़ाया। इसमें 14 तरह के भारतीय उपकरण भी लगाए गए हैं। अधिकारी ने फ्रांस में लगभग 80 मिनट की उड़ान भरी। 

    तेजस जैसे लड़ाकू विमान को सबसे पहले उड़ाने वाले और जानेमाने फाइटर पायलट नंबियार ने हाल में ही कहा था कि राफेल से भारत को अभूतपूर्व क्षमता और आकाश में गजब की ताकत मिलने वाली है। वायुसेना की एक टीम जिसमें पायलट और टेक्निकल ऑफिसर शामिल हैं, इन दिनों फ्रांस में है। टीम 36 राफेल विमानों को एयरफोर्स में शामिल करने की तैयारी कर रही है। नवंबर 2019 से अप्रैल 2022 के बीच राफेल को हासीमारा (पश्चिम बंगाल) और अंबाला (हरियाणा) एयरबेस में शामिल करने की योजना है। 

    36 राफेल विमानों का सौदा 7.8 अरब यूरो में हुआ है जिसमें परमाणु हथियार और 14 अपग्रेड शामिल हैं। 1.7 अरब यूरो यानी लगभग 12,780 करोड़ रुपये की लागत से इसमें रडार, इजराइली हेल्मेट वाला डिस्प्ले, लो बैंड जैमर, ठंडे इलाकों में स्टार्ट होने के लिए इंजन की क्षमता जैसे अपग्रेड भी किए जाने हैं। 

    भारत के पास अभी 31 फाइटर स्क्वाड्रन हैं जबकि पाकिस्तान और चीन की धमकी को देखते हुए 42 स्क्वाड्रन की जरूरत है। लेकिन कांग्रेस का आरोप है कि राफेल डील अपारदर्शी है और इसमें जरूरत से ज्यादा खर्च किया गया है। कांग्रेस का कहना है कि अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से रक्षा सौदे के नियमों का उल्लंघन किया गया है। कांग्रेस का कहना है कि फ्रांस की कंपनी का सहयोगी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स है। 

    एनडीए सरकार ने कांग्रेस के इन आरोपों को खारिज किया है। सरकार का कहना है कि यूपीए के समय में हुए सौदे से यह डील सही है। सरकार के मुताबिक यूपीए के समय हुए 126 राफेल जेट के सौदे को हटाकर मीडियम मल्टी रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट प्रॉजेक्ट लाया गया है। इससे कम लागत में वायुसेना को ज्यादा ताकत मिल पाएगी। 

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