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    हमारा पडोसी पाकिस्तान 70 साल से नफरत की आग में में पल रहा है




    अंतर्राष्ट्रीय/समाचार 
    by-दीपक कुमार विशेष रिपोर्ट 

    हमारा पडोसी पाकिस्तान 70 साल से  नफरत की आग में में पल रहा है | अरबों डॉलर आतंकवाद और सेना पर खर्च करता रहा. मगर इस नफरत की आग ने अब  खुद पाकिस्तान का दामन पकड़ लिया है. अब हालात ऐसेहो गये है कि या तो इमरान खान अपनी अवाम को भूखा मरने दें या अपने मुल्क को आईएमएफ यानी अंतरर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास गिरवीं रख दें |

    इमरान खान के पास ये दो रस्ते है 
    1-अवाम को भूखा मरने दें 
    2- अपने मुल्क को आईएमएफ यानी अंतरर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास गिरवीं रख दें
    इन दोनों रस्ते में से इमरान खान ने दूसरा रास्ता चुना है | यानि देश को आईएमएफ के पास  गिरवी रख दे | आईएमएफ से आठ अरब डॉलर में देश को गरीवी रखने को तैयार है | पर सवाल ये उठता है की क्या पाकिस्तान जैसे देश को आईएमएफ कर्ज देगा | 
    क्योकि पाकिस्तान का खजाना खाली है पाकिस्तान में कोई पैसा लगाने को तैया नहीं है | जिन देशो ने मदद करने की बात कही अब वो भी मदद करने की तैयार नहीं है |
    अब इमरान सरकार के पास एक ही रास्ता बचा है आईएमएफ (इंटरनेशनल मोनिट्री फंड) कर्ज देने से पहले आईएमएफ ने पाकिस्तान के सामने शर्त रखी |

    आइये जानते है क्या है आईएमएफ का शर्त 
    1-बैल आउट की शर्तो में कर्जे की पारदर्शिता दिखानी होगी 
    2-कर्ज से नहीं चुकया जा सकेगा किसी और देश का कर्ज 
    3-पाकिस्तान को माननी हो आईएमएफ के सलाह 
    4-कर्ज नहीं चुकाने पर पाकिस्तान को कर दिया जायेगा डीफोल्टर 

    ये कर्ज इमरान सरकार अपने देश को कंगाली से उबारने के लिए लेना चाहती है वो बहुत ही रिस्की है |
    क्योकि अगर इस बैल आउट से पाकिस्तान अपनी व्यवस्था नहीं सुधार पाया डीफोल्टर  घोषित हो गया तो पाकिस्तान की और मुश्किल बढ़ जाएगी |
    क्या फर्क पड़ेगा पाकिस्तान को पाकिस्तान में इन्वेस्ट करने वाले अपना इन्वेस्ट रोक देगा |
    आईएमएफ फिर बाद में कोई और कर्ज नहीं देगा |
    कोइ अंतर्राष्ट्रीय संस्था पाकिस्तान को कर्ज नहीं देगा |
    पाकिस्तनी मुद्रा में भारी गिरावट आ जयेगा |
    जंहा पैसो की कमी से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था डूब रही है  पाकिस्तानी मुद्रा का हालत थी नहीं है  |
    पाकिस्तान के मैजूदा हालत को देखते हुए आईएमएफ से भी कर्ज नहीं मिलने की खतरा मंडरा रही है |
    पहले भी पाकिस्तान आईएमएफ से बैल आउट पकेज 12 बार ले चुकी है |
    और कर्ज चुकाने के मामले में पाकिस्तान का रिकोर्ड अच्छा नहीं है |
    आईएमएफ इस बार पाकिस्तान को कर्ज देने से पहले बहुत ही सावधानी बरतेगा 
    अगर आईएमएफ कर्ज नहीं दिया तो पाकिस्तान की स्तिथि खराब हो जएगी |

    आपके मन में ये सवाल उठ रहा होगा की आईएमएफ क्या है 

    आईएमएफ का गठन ही डूबते हु देश को मदद करने के लिए बना है |ये संस्था न सिर्फ संकट से जूझ रहे देश उबारने के लिए बना है बल्कि आर्थिक सलाह भी देती है |
    और पाकिस्तान पर ये आर्थिक संकट इस लिए आई है की पाकिस्तान अपने हैसियत से ज्यादा कर्ज ले रखा है |
    और ऐसा माना जा रहा है की पाकिस्तान भुगतान  संबंधी खतरा मंडरा रहा है |
    अगर इसे आसन भाषा में समझे तो अगर कोई देश विदेशो से कोई सामन आयात करता है तो उसका रकम निर्धारित समय में करना होता है |
    इसके आलावा नागरिको को दी जाने वाली सरकारी छुट के लिए भी भविष्य के फंड की व्यवस्था करनी पड़ती है |
    और जब कोई मुल्क ऐसा करने असमर्थ हो जाता है |
    इसलिए इमरान सरकार ने पाकिस्तान आर्थिक संकट से बचाने के लिए आईएमएफ के शरण में जाने का फैसला लिया है |








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