केजरीवाल के लिए पंजाब की जबरदस्त जीत अग्निपरीक्षा से कम नहीं , आप को बना देगी या डूबा देगी
We News 24» रिपोर्टिंग / दीपक कुमार
नई दिल्ली : 'पहले दिल्ली में इंकलाब हुआ, अब पंजाब में इंकलाब हुआ है, अब पूरे देश में इंकलाब होगा...।' पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को मिली कामयाबी कितनी बड़ी है, ये अरविंद केजरीवाल के इन शब्दों से समझा जा सकता है। इस जबरदस्त जीत से उत्साहित अरविंद केजरीवाल अब दिल्ली और पंजाब से आगे देश देख रहे हैं। लेकिन पंजाब की जबरदस्त जीत आम आदमी पार्टी के लिए एक बड़ा मौका है, तो उतनी बड़ी चुनौती भी है । ये AAP को बना भी सकती है तो डूबो भी सकती है। आइए समझते हैं पूरा प्रकरण ।
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पंजाब में AAP की आंधी में उड़े बड़े-बड़े दिग्गज
पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की जबरदस्त आंधी में बाकी दलों के बड़े-बड़े सूरमा तिनके की तरह उड़ गए ।जिसमे कैप्टन, सिद्धू, बादल, चन्नी, मजीठिया...बड़े-बड़े दिग्गज को हार का मुंह देखना परा । 117 सीटों में से 91 सीटों पर आप ने जीत हासिल की ।पहली बार दिल्ली से बाहर दिल्ली जैसी ही करिश्मा हुआ , केंद्रशासित प्रदेश से बाहर एक पूर्ण राज्य में शानदार जीत से आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल का उत्साह इतना हिलकोरे मारने लगा की वो AAP को देश स्तर पर विस्तार के सपने देखने लगे ।इस बात की झलक उनके भाषण में भी दिखी। इन चुनावों में भी आम आदमी पार्टी पंजाब के अलावा गोवा, उत्तराखंड और यूपी में भी ताकत से लड़ी थी लेकिन कुछ खास कामयाबी नहीं मिली। अब उसकी नजर इस साल के आखिर में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनावों पर है।
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पंजाब की जीत क्यों AAP को बना सकती है?
पंजाब में जबरदस्त जीत आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा मौका है। पहली बार पार्टी दिल्ली से बाहर किसी राज्य की सत्ता में आ रही है और उतने ही धमाकेदार अंदाज में। दिल्ली में मुफ्त बिजली, मुफ्त इलाज, मोहल्ला क्लीनिक, शिक्षा में सुधार जैसे कदमों को अरविंद केजरीवाल शोकेस के तौर 'दिल्ली मॉडल' के तौर पर देश के सामने पेश किया । अगर पंजाब में भी भगवंत मान गवर्नेंस और विकास का कोई 'पंजाब मॉडल' तैयार करने में कामयाब होते हैं तो यह पार्टी के दूसरे राज्यों में विस्तार में मददगार साबित होगा। गोवा में भी पहली बार आम आदमी पार्टी ने 2 सीटों पर जीत भी हासिल की है। गुजरात में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव है। पिछले साल सूरत के नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 27 सीटें जीतकर चौंकाया था। अब पार्टी गोवा और गुजरात में जड़ें जमाने की कोशिश करेगी।
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पंजाब की प्रचंड जीत AAP को डूबो भी सकती है?
पंजाब की जबरदस्त जीत आम आदमी पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती भी है क्योंकि ये उसे डूबो भी सकती है। चौंकिए नहीं। पंजाब की जनता ने बड़ी उम्मीदों से AAP को सिर आंखों पर बैठाया है। अगर AAP सरकार उन उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी तो अगले चुनावों में वहां पार्टी की लुटिया डूब भी सकती है। पंजाब की अपनी चुनौतियां हैं। दिल्ली से उलट पंजाब एक सरहदी सूबा है जहां पाकिस्तान और उसकी कुख्यात खुफिया एजेंसी आईएसआई अस्थिरता फैलाने की अपनी कोशिशों से बाज नहीं आने वाले।
पिछले कुछ सालों से पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन्स के जरिए पंजाब में ड्रग्स और हथियारों की तस्करी की जा रही है। पाकिस्तान खालिस्तानी आतंकवाद को भी फिर से उभारने की लगातार कोशिशों में है। AAP सरकार के सामने पाकिस्तान के नापाक मंसूबों को नाकाम करने की चुनौती होगी।
इसके अलावा, पंजाब में बेअदबी बहुत संवेदनशील मसला है। दिल्ली में लॉ ऐंड ऑर्डर केंद्र के अधीन है लेकिन पंजाब तो पूर्ण राज्य है। यहां लॉ ऐंड ऑर्डर की नाकामी का ठीकरा कहीं और नहीं फोड़ा जा सकता। जाहिर है, अगर इन मोर्चों पर आम आदमी पार्टी सरकार का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा तो राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार के उसके सपने चकनाचूर भी हो सकते हैं।
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