यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालने में कहां हो रही है मुश्किल ,बता रहे है केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू
We News 24» रिपोर्टिंग / विवेक श्रीवासव
नई दिल्ली : वार जों युक्रेन से ऑपरेशन गंगा के तहत युद्धस्तर पर भारतीय छात्रों और नागरिकों को निकालने के लिए भारत सरकार की ओर से मिशन चलाया जा रहा है. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद रूस और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और व्लादिमीर पुतिन से लगातार बात कर रहे हैं. इसके साथ ही, सरकार ने अपने चार मंत्रियों को विशेष दूत बनाकर यूक्रेन से सटे पड़ोसी देशों में भेजा है. इस मिशन पर यूक्रेन के पड़ोसी देश स्लोवाकिया गए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भारतीय छात्रों से बातचीत के दौरान यूक्रेन से अपने छात्रों और नागरिकों को निकालने में पेश आ रहीं चुनौतियों और पेचीदगियों को साझा किया. उन्होंने छात्रों को बताया कि भारत सरकार को यूक्रेन से भारतीय नागरिकों और छात्रों को निकालने में कहां-कहां पर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
ये भी पढ़े-छिंदवाड़ा मध्यप्रदेश,सात दिवसीय विशाल भंडारा का हुआ सम्पन
अभी ऑपरेशन नहीं हुआ है खत्म
स्लोवाकिया में यूक्रेन से निकले भारतीय छात्रों से बातचीत करते हुए चुनौतियों और पेचीदगियों के बारे में बताते हुए भरोसा दिया कि अभी ऑपरेशन खत्म नहीं हुआ है. अभी भी अंदर कई लोग फंसे हुए हैं. उन लोगों को बाहर निकालना प्रायोरिटी है. हम उन सभी को यह भरोसा देते हैं कि हम सभी भारतीय को सुरक्षित निकालेंगे. हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारे नागरिकों को सुरक्षित करने और उन्हें जल्द से जल्द घर लोने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए हैं. इस तरह बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चलाने वाला भारत दुनिया का सबसे पहले देश है.
ये भी पढ़े-बिहटा में दो दिनों से लापता युवक का मिला शव,परिजनों में मचा कोहराम
कहां फंसा है पेच
भारतीय छात्रों से बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि लेकिन कुछ लोग ईस्टर्न में हैं. वार जोन में हैं. क्या करें, हमारा एंबेसी स्टाफ भी नहीं जा पाते. फायरिंग चल रही है, बमबार्डिंग है. इसलिए दिक्कत है. उन्होंने कहा कि कुछ डिस्ट्रेस वीडियो आ जाते हैं, जो हमारे देश में सर्कुलेट हो जाते हैं. तो लोगों को ऐसा लगने लगता है कि हमारे एंबेसी वाले वहां क्यों नहीं पहुंच पा रहे हैं.
ये भी पढ़े- यूक्रेन पर रूस के आक्रमण का समर्थन करने वाला पहला देश बना पाकिस्तान
धमाकों के बीच पहुंचना आसान नहीं
किरेन रिजिजू ने कहा कि वहां हालात ठीक नहीं है. वहां पहुंचना आसान नहीं है, जैसा हम सोचते हैं कि एंबेसी वाले वहां जा क्यों नहीं रहे हैं? दूर से बैठकर ऐसा सोचना आसान है, लेकिन उन इलाकों में जाना आसान नहीं है. परिस्थितियां बेहद चुनौती भरी हैं और इन्हीं चुनौतियों में हम काम कर रहे हैं, लोगों को निकालने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम सभी को सुरक्षित निकालने प्रयास कर रहे हैं और जब तक हम एक-एक भारतीय नागरिक को यहां से निकाल नहीं लेते, मैं इस जगह को नहीं छोड़ूंगा.
इस आर्टिकल को शेयर करे .


कोई टिप्पणी नहीं
कोमेंट करनेके लिए धन्यवाद