यूक्रेन में पढ़ रहे मेडिकल छात्र योगेश के घर पहुँचते ही परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई है।
We News 24» रिपोर्टिंग /उमाशंकर गिरी
मुजफ्फरपुर :रूस यूक्रेन की युद्ध के बीच भारतीय मूल के हजारो छात्र अब भी यूक्रेन में फंसे हुए है। रोमानिया बॉर्डर आने तक मौत का साया बना रहा। इस बीच छात्रों को किसी प्रकार की कोई मदद नही मिला। मेडिकल का छात्र योगेश गुरुवार को अपने घर लौट आया। यूक्रेन में खौफनाक मंजर की पूरी दास्तां बयां कर योगेश ने बताया कि यूक्रेन से 900 किलोमीटर दूर रोमानिया बॉर्डर पहुँचना मुश्किल था।
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भयावह स्थिति में सभी अपना जान बचाने में लगे थे। खाने पीने पर आफत बन गई। यूक्रेनी सेना पहले अपने देश के लोगो को बचाने में लगे थे उनका व्यवहार भारतीयों के प्रति विपरीत रही। भारत सरकार से किसी प्रकार की कोई मदद रोमानिया बॉर्डर तक पहुँचने में छात्रों को नही मिला। योगेश के घर पहुँचते ही परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई है .
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आसपास के लोग भी योगेश से मिलने गांव पहंचे। कांटी क्षेत्र के लसकरीपुर पंचायत के छपरा धरमपुर यदु निवासी शैलेश कुमार उर्फ गुड्डू सिंह का पुत्र योगेश कुमार है । कांटी प्रमुख कृपा शंकर शाही एवं स्थानीय मुखिया इंद्र मोहन झा भी योगेश से मिलने पहूंचे।
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