India Rail in Saudi Arabia:चीन को मात देने की तैयारी में भारत,अमेरिका, सऊदी अरब और UAE में दौड़ेगी भारत की ट्रेन
We News 24 Digital News» रिपोर्टिंग सूत्र / कविता चौधरी
नई दिल्ली : चीन ने एक दशक पहले बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव की शुरुआत किया इसके लिए वह पाकिस्तान अफगानिस्तान होते हुए पश्चिम एशिया के देशों से यूरोप तक जोड़ने की तैयारी में है इसके लिए उसने बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया है . और दुनिया के कुल 150 देशों को उसने जोड़ने की बड़ी तैयारी की थी . हालांकि इटली जैसे कई देश चीन के इरादों पर संदेह जताते हुए उससे पीछे हटने लगे हैं .इस बीच भारत ने अमेरिका और पश्चिम एशिया के देशों के साथ मिलकर बड़े प्लान पर काम करना शुरू कर दिया .
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रविवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सऊदी अरब गए यहां उनकी अमेरिकी और अरब देश के प्रतिनिधियों से मुलाकात हुई इस मीटिंग में अमेरिका अरब देशों और भारत के बीच इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने को लेकर चर्चा हुई . इसके तहत अमेरिका से पश्चिम एशिया को रेल लिंक से जोड़ने का प्लान भी शामिल है . फिर समुद्री रास्ते से भारत तक कनेक्टिविटी होगी इस दुनिया में कारोबारी और रणनीतिक लिहाज से अहम माना जा रहा है .इसके जरिए भारत की अरब और खाड़ी के 3 देशों तक सीधी पहुंच होगी इसके अलावा वह अमेरिका तक भी जा सकेगा .
एक रिपोर्ट के मुताबिक अरब देशों से अमेरिका का संपर्क रेल नेटवर्क के जरिए होगा . और फिर समुद्री जहाज के जरिए भारत से कनेक्टिविटी होगी दरअसल पाकिस्तान से संबंध खराब होने और गिलकित-बाल्टिस्तान पर अवैध कब्जे के चलते भारत के लिए जमीन के रास्ते से अफगानिस्तान होते हुए पश्चिम एशिया से जुड़ना एक चुनौती भरा रहा है . ऐसे में समुद्री रास्ता ही विकल्प रहा हाल ही में रूस से भी इस तरह की कनेक्टिविटी चाबहार पोर्ट के जरिए भारत ने की है .
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खबर है कि पहली बार डेढ़ साल पहले आईटूयूटू देश की मीटिंग में इस प्रस्ताव पर चर्चा हुई थी . इस संगठन में इंडिया, इसराइल, संयुक्त अरब अमीरात ,और अमेरिका शामिल है . मिडिल ईस्ट में रणनीतिक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को तैयार करने के मकसद से इस संगठन का गठन किया गया है . अमेरिका ने नियरेस्ट पॉलिसी के तहत अरब देशों से कनेक्टिविटी का प्लान तैयार किया है . अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सुरवीन ने पिछले दिनों इस बात को संकेत दिए थे . एक्सपर्ट के मुताबिक इस पूरी कवायद का मुख्य केंद्र भारत ही है .वाशिंगटन के साथ भारत के गहरी साझीदारी है . और वह मानता है कि चीन की वैश्विक पकड़ को कमजोर करने के लिए यह संगठन जरूरी है .
अरब और खाड़ी देश चीन की बेल्ट एंड रोड परियोजना का मुख्य हिस्सा रहा है . अमेरिका का मानना है . कि यह प्रोजेक्ट उसकी कट का सबसे बेहतर उपाय हो सकता है . अब यदि सऊदी अरब और यूएई की बात करें तो वह भी जानते हैं . कि भारत का एक बड़ा तेल उपभोक्ता है .ऐसे में इस कनेक्टिविटी के जरिए डील करना आसान होगा . रुसी युक्रेन हमले के बाद से भारत और रूस के बीच तेल का कारोबार तेजी से बढ़ा है . ऐसे में अरब देशों को भी लगता है कि भारत के लिए कनेक्टिविटी होना जरूरी है .
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