Mythology:- गौ पूजन से मिलेगी पापों से मुक्ति, भाग्य बदलेगी गौ माता ,इन्हें बनाओ राष्ट्रमाता
नई दिल्ली :- मनुष्य अगर अपने जीवन में गौ माता को स्थान देने का संकल्प कर ले तो वह हर संकट से बच सकता है मनुष्य को चाहिए कि वह गाय को मंदिरों और घरों में स्थान दें क्योंकि गौमाता हमें मोक्ष दिलाती है . इन बातों का प्रमाण पुराणों में भी मिलता है की गाय की पूंछ छूने मात्र से मुक्ति का मार्ग खुल जाता है . गाय की महिमा को शब्दों में नहीं बयान किया जा सकता है . मनुष्य अगर गौ माता को महत्व देना सीख ले तो गौमाता उनके दुख दूर कर देती है . गाय हमारे जीवन से जुड़ी है .उसके दूध से लेकर गोमूत्र तक का उपयोग किया जा रहा है . गोमूत्र से बनने वाली दवाएं असाध्य से असाध्य बीमारियों को दूर करने के लिए रामबाण मानी जाती है .
गोपाष्टमी के दिन गाय का पूजन करके उनका संरक्षण करने से मनुष्य को पुण्य फल की प्राप्ति होती है . जिस घर में गौ पालन किया जाता है . उस घर के लोग संस्कारी और सुखी होते हैं .इसके अलावा जीवन मरण से मोक्ष भी दिलाती है गौमाता मरने से पहले गाय की पूंछ पकड़ते हैं . ताकि जीवन में किए गए सभी पापों से मुक्ति मिले लोग पूजा पाठ करके धन पाने की इच्छा रखते हैं . तो आपकी भाग्य बदलने वाली तो गौमाता ही है . उसके दूध से जीवन मिलता है . रोज पंचगव्य का सेवन करने वाले पर तो जहर का भी असर नहीं होता और वह सभी व्याधियों से मुक्त रहता है . गाय के दूध में वो सारे तत्व मौजूद है ,जो जीवन के लिए जरूरी है , वैज्ञानिक भी मानते हैं कि गाय के दूध में सारे पौष्टिक तत्व मौजूद है .
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मीरा जहर पीकर भी जीवित बच गई क्योंकि मीरा पंचगव्य का सेवन करती रोज सुबह गाय का दर्शन हो जाए तो समझ ले कि आपका दिन मंगलमय हो गया क्योंकि गो दर्शन के बाद और किसी के दर्शन की आवश्यकता नहीं रह जाती क्योकि शास्त्र और पुराण कहता है .की अकेली गौ माता में 33 कोटि देवी देवता का वास है .हम आपको अपने आने वाले लेख बतायेंगे की गौ माता के किस-किस अंग में कौन से देवी देवता का वास है .
लोग अपने लिए आलीशान इमारत बनवाते हैं . यदि इतना धन कमाने वाले अपनी कमाई का एक हिस्सा भी गौ सेवा और उसकी रक्षा के लिए खर्च करें तो गौमाता उनकी रक्षा करेगी गो दर्शन को सबसे सर्वोत्तम माना जाता है . गाय कभी साथ नहीं छोड़ते हैं लेकिन आज के लोगों ने गाय माता का साथ छोड़ दिया है . जब पांडव वन में जा रहे थे तो वो भी गाय का साथ मांगा था . समय बदलते रहे राम कृष्ण और परशुराम आते रहे उन्होंने भी गाय और संतों के उद्धार का काम किया . इसकी बड़ी महिमा सूरदास और तुलसी ने गौ कथा में वर्णन किया है . लोक प्रत्यक्ष सभी देवी देवता का स्वरुप गौ माता की पूजा नहीं करते लेकिन अदृश्य देवता की तलाश में भटकते रहते हैं . उनको नहीं मालूम कि भविष्य में बड़ी समस्याओं का हल भी गाय से मिलने वाले उत्पादों से मिल सकता है . आने वाले दिनों में संकट के समय गौमाता ही लोगों की रक्षा करेगी . इस सच्चाई से लोग अनजान बने हुए हैं . और आज इस राम कृष्ण के देश में गौ माता पर अत्याचार हो रहा है .
इन्ही अत्याचार को बंद करने के लिए उत्तराखंड के पहाड़ो में बसने वाले गोपाल मणि महाराज ने एक बीड़ा उठाया की गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिलना है .उनके इस मुहीम में दिल्ली छतरपुर बाबा बालक नाथ मंदिर की गुरु माँ राजेश्वरी देवा भी उनके कंधे से कंधे मिलाकर उनका साथ दे रही है .गोपाल मणि जी पुरे देश में घूम-घूम कर लोगो को जगा रहे है .उसी प्रकार गुरु माँ राजेश्वरी देवा भी घूम-घूम कर गौ माता को राष्ट्र माता बनाने की सन्देश दे रहे है .गुरु माँ राजेश्वरी देवा तो प्रत्येक रविवार को दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्र में फेरी लगा कर लोगो को जगा रही है .
आने वाली 20 नवंबर गोपाष्टमी के दिन दिल्ली के रामलीला मैदान में गौ माता को राष्ट्रमाता बनाने को लेकर एक बहुत बड़ा जन आंदोलन होने वाला है .आप भी अपने धर्म संस्कार बचाने के लिए इस आंदोलन का हिस्सा बने फिर कल मिलेंगे गौ माता की अगली लेख में ,आप सभी को एडिटर एंड चीफ दीपक कुमार का प्यार भरा नमस्कार ,धन्यवाद
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