ऑनलाइन गेमिंग हॉर्स रेस कैसीनो का शौक पड़ेगा महंगा, अर्टिगा, इनोवा जैसी कारों पर देना होगा 50% टैक्स
We News 24 Digital News» रिपोर्टिंग सूत्र / कविता चौधरी
नई दिल्ली : जीएसटी काउंसिल की 50वीं बैठक कई मायनों में एतिहासिक रही है. इस मीटिंग में जिस बात पर सभी नजरें थी उस पर भी फैसला ले ही लिया गया. इस मीटिंग में अगर कुछ सामान को सस्ता किया गया तो कुछ मामलों में टैक्स को बढ़ा दिया गया है. जी हां, यहां बात ऑनलाइन गेमिंग से लेकर होर्स रेस और कसीनो की हो रही है. अब इस तरह के शौक काफी महंगे हो जाएंगे. वहीं दूसरी ओर काउंसिल ने मल्टी यूजर व्हीकल पर 28 फीसदी जीएसटी लगाने के साथ 22 फीसदी कंपनसेशन टैक्स लगाने का भी ऐलान कर दिया है. इसका मतलब है कि आम लोगों के लिए एमयूवी खरीदना महंगा हो जाएगा. आइए आपको भी विस्तार से बताते हैं कि आखिर देश की वित्त मंत्री और जीएसटी काउंसिल की चेयरपर्सन निर्मला सीतारमण ने किस चीज पर महंगाई में इजाफा कर दिया है.
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ऑनलाइन गेमिंग से लेकर कसीनो के शौक हुए महंगे
जीएसटी काउंसिल ने मंगलवार को नई दिल्ली में मस्ट अवेटिड टैक्स पर ऐलान कर ही दिया. काफी समय से ऑनलाइन गेमिंग, होर्स रेस और कसीनो पर टैक्स लगाने का फैसला अटका हुआ था. जीओएम भी इस पर कोई फैसला नहीं ले पा रहा था. लेकिन जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में बहुमत से फैसला ले लिया गया कि फुल वैल्यू पर 28 फीसदी जीएसटी लगाया जाएगा. वैसे इस मामले में गोवा की ओर से असहमति व्यक्त की गई थी. गोवा चाहता था कि प्लेटफॉर्म चार्ज पर केवल 18 फीसदी टैक्स लगाया जाए. इस मामले में एनए शाह एसोसिएट्स के पार्टनर पराग मेहता मीडिया रिपोर्ट में कहते हैं कि ऑनलाइन गेमिंग, होर्स रेस और कसीनो जीत की फुल वैल्यू पर 28 फीसदी जीएसटी से गेमिंग इंडस्ट्री को बड़ा नुकसान होगा. ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को बड़े पैमाने पर नुकसान होगा.
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क्या कहते हैं जानकार
इंडियाप्लेज के सीओओ, आदित्य शाह ईटी से बात करते हुए कहते हैं कि जीएसटी काउंसिल द्वारा की गई हालिया घोषणा से न केवल ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म की नए गेम और तकनीकों को विकसित करने की क्षमता बाधित होगी, बल्कि बाजार में उनकी कंप्टीटिवनेस भी कमजोर होगी.टॉप ऑनलाइन गेमिंग फर्मों के एक ग्रुप ने केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड यानी सीबीआईसी से इस क्षेत्र के लिए जीएसटी रेट को 28 फीसदी तक नहीं बढ़ाने का आग्रह किया था. उन्होंने कहा था कि यह काफी नुकसान पहुंचाएगा. ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री के अस्तित्व पर भी सवाल खड़ा हो सकता है, क्योंकि इतने हाई टैक्सेशन के साथ कोई भी कारोबार जीवित नहीं रह सकता है.
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एमयूवी पर एक्स्ट्रा 22 फीसदी कंपनसेशन सेस
जीएसटी काउंसिल ने यूटिलिटी व्हीकल की डेफिनेशन और रजिस्ट्रेशन के लिए नॉर्म्स को कड़ा करने का फैसला लिया है. मल्टी यूटिलिटी वाहनों यानी एमयूवी के टैक्सेशन को भी पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया गया है. वित्त मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि काउंसिल एमयूवी के लिए 22 फीसदी कंपनसेशन सेस लगाने की सिफारिश पर सहमत हो गई है, लेकिन सेडान को इस लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि दो राज्य, पंजाब और तमिलनाडु सेडान को इस लिस्ट में शामिल करने के खिलाफ हैं, जिससे जीएसटी टैक्स में इजाफा होगा. खास बात तो ये है कि ये 22 फीसदी कंपनसेशन सेस उस 28 फीसदी जीएसटी रेट से अलग होगा जो एमयूवी पर लगा हुआ है.
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