एमसीडी, पुलिस और एसटीएफ की मिलीभगत बदस्तूर जारी है राजधानी दिल्ली में अवैध निर्माणों
We News 24 Digital News» रिपोर्टिंग सूत्र / दीपक कुमार
नई दिल्ली:- राजधानी में आए दिन होने वाले अवैध निर्माणों के भरभरा कर गिर जाने से न जाने कितने मजदूरों और लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। बावजूद इसके दिल्ली में लगातार अवैध निर्माण धड़ल्ले से हो रहे हैं। ये निर्माण कार्य एमसीडी, पुलिस और एसटीएफ की साठगांठ से बदस्तूर जारी है। जानकारों के अनुसार साउथ दिल्ली एमसीडी क्षेत्र के अंदर अवैध निर्माण की भरमार हो गयी है। अगर हम दक्षिणी दिल्ली के छत्तरपुर इलाके की बात करे तो पिछले चार से पांच सालो में कई अवैध बहुमंजिला फ्लेट का निर्माण हुआ है ,और वर्तमान में भी कई निर्माण कार्य जारी है .
भ्रष्टाचार की वजह से होता है अवैध निर्माण
दिल्ली में अवैध निर्माण की एक प्रमुख वजह भ्रष्टाचार है। स्थानीय निकाय के कर्मचारियों और अधिकारियों द्वारा अवैध निर्माण को रिश्वत के बदले प्रोत्साहन देने की बात किसी से छिपी नहीं है। खास बात यह है कि अवैध निर्माण की शिकायतों को लेकर भी कार्रवाई करने में प्रशासन पीछे रहता है। जिससे अवैध निर्माण करने वालों को प्रोत्साहन मिलता है। दिल्ली नगर निगम में निर्माण समिति के अध्यक्ष रहे जगदीश ममगंई का कहना है निगम के सभी अधिकारी भ्रष्ट नहीं है, लेकिन कुछ भ्रष्ट अधिकारियों की वजह से निगम की बदनामी होती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में अवैध निर्माण के लिए भवन विभाग में तबादले न होना सबसे बड़ी वजह है। अगर निगम के नियमों के मुताबिक हर तीन साल में भवन विभाग के कर्मचारियों के तबादले होते रहे तो इस अवैध निर्माण की बीमारी से राहत मिल सकती है।
वोट बैंक के लिए बढ़ता रहा अवैध कालोनियों को संरक्षण
राजधानी दिल्ली में बनी 1731 अनधिकृत कालोनियों में अवैध निर्माण हर समय होता रहता है। लेकिन राजनीति की वजह से इन अवैध निर्माण को संरक्षण देने का कार्य राज्य और केंद्र सरकार ने किया है। जब भी अवैध निर्माण को गिराने की बात आई तो वोट बैंक की राजनीति के चलते इन अवैध निर्माणों को गिराने से रोकने के लिए संसद से संरक्षण देने वाले कानून पारित किए गए। समय-समय पर केंद्र सरकारें इनके संरक्षण की अवधि बढ़ाती गई।
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