सीतामढ़ी जिला में पंचो को नाबालिग बालिका की जबरन शादी करवाना पड़ा मंहगा
We News 24 Digital News» रिपोर्टिंग सूत्र / असफाक खान
सीतामढ़ी :- जिला में सात पंचो को नाबालिग बालिका की जबरन शादी करवाना पड़ा मंहगा , नाबालिग बालिका को तथाकथित ससुराल से करवाया गया मुक्त, बाल विवाह करवाने वाले के खिलाफ होगी कानूनी कारवाई*
*बचपन बचाओ आंदोलन की पहल पर जिला प्रशासन एवं जिला पुलिस के द्वारा की गई करवाई*
सीतामढ़ी: सीतामढ़ी जिला के परिहार प्रखंड के मानिकपुर मुशहरनिया पंचायत के एक गांव में 14 वर्ष की एक नाबालिक बालिका का बाल विवाह जबरन मनपोर पंचायत के एक कम उम्र के लड़के से अंदोली गांव में बाल विवाह जैसी कुरीतियों को बढ़ावा देने वाले एक जनप्रतिनिधि के अगुवाई में सात पंचों द्वारा लड़के के पिता और भाई के सहमती से तीन अक्टूबर सम्पन्न करवाए जाने की गुप्त सूचना नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी द्वारा स्थापित संगठन बचपन बचाओ आंदोलन (बीबीए) को बाल विवाह करवाए जानें की सूचना प्राप्त हुई जिसके उपरांत बचपन बचाओ आंदोलन के जिला प्रतिनिधि मुकुंद कुमार चौधरी ने एसडीओ सह बाल विवाह निषेध अधिकरी सीतामढ़ी सदर प्रशांत कुमार एवं पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) सह नोडल विशेष किशोर पुलिस इकाई मनोज राम को ममाले की जानकारी देकर बाल विवाह करवाई गई नाबालिग बालिका को तथाकथित ससुराल से विमुक्त का अनुरोध किया । जिसके उपरांत एसडीओ प्रशांत कुमार ने त्वरित संज्ञान लेकर प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी प्रभात कुमार को करवाई करने के निर्देष दिया । जिसके उपरांत बचपन बचाओ आंदोलन के जिला प्रतिनिधि मुकुंद कुमार चौधरी एवं बेला थाना के पुलिस अवर निरीक्षक सह बाल कल्याण पुलीस पदाधिकारी पंकज कुमार मनपोर स्थित लड़के के घर से बालिका को महिला अधिकारी के माध्यम से सफलतापूर्वक मुक्त करवाया।
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विदित हो कि नाबालिग लड़की की शादी एक लाख सात हजार सात सौ छीयसी रूपए का मोहर देन एवं बंध पत्र बनवाकर जबरन पंचायत के एक जनप्रतिनिधि के अगुवाई में सात पंच के द्वारा करवा दी गई थी। मामले में एसडीओ सह बाल विवाह निषेध अधिकरी ने नाबालिक की शादी करवाने वालो के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई करने का आश्वाशन दीया हैं। मामले में प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी परिहार के द्वारा बच्ची के सुरक्षा को देखते हुए बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी के माध्यम से बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत करवाया गया है। इस संदर्भ में बचपन बचाओ आंदोलन के राज्य समन्वयक अरिजीत अधिकरी ने नाबालिग को बचाने में दिखाई इस तत्परता के लिए जिला प्रशासन एवं जिला पुलिस की सराहना करते हुए कहा, “नाबालिगों के साथ जबरन विवाह जैसे अपराधों की रोकथाम के लिए पुलिस, प्रशासन के इस तरह के समन्वित प्रयासों से निश्चित रूप से ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। बाल विवाह के खिलाफ कानूनों पर सख्ती से अमल करने की जरूरत है।”
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