झारखंड में आदिवासियों की जमीन की अवैध खरीद-बिक्री की राज्य सरकार कराएगी जांच
We News 24 Digital News» रिपोर्टिंग सूत्र / सूरज महतो
रांची:- राज्य सरकार छोटानागपुर और संताल परगना में सीएनटी-एसपीटी और पेसा एक्ट का उल्लंघन कर जमीन की खरीद-बिक्री और लीज के मामले की जांच करायेगी. छोटानागपुर और संताल परगना के कमिश्नर को जांच की जिम्मेदारी दी गयी है. शनिवार को सदन के आखिरी दिन लोबिन हेम्ब्रम ने सीएनटी-एसपीटी का उल्लंघन कर इन इलाकों में जमीन की अवैध खरीद-बिक्री के खिलाफ गैर सरकारी प्रस्ताव लाया. सदन में सरकार की ओर से जवाब देते हुए भू-राजस्व मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि यह गंभीर मामला है. आदिवासियों की जमीन की अवैध खरीद-बिक्री हुई है. राज्य सरकार इन दोनों संभागों के आयुक्तों से ऐसी अवैध खरीद-फरोख्त की जांच कराएगी.
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कमिश्नरों को 45 दिनों के भीतर जांच शुरू करनी होगी और छह महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देनी होगी. झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने निजी संकल्प के तहत मामला उठाते हुए कहा कि ऐसा कानून होने के बावजूद आदिवासियों के अधिकारों का हनन हुआ है. उन्होंने कहा, पेसा-1996 एक मजबूत केंद्रीय कानून है. जो अनुसूचित क्षेत्रों की पांचवीं अनुसूची के राज्यों के लिए सुरक्षा कवच है। यह कानून 24 दिसंबर 1996 को संसद में पारित किया गया था। इस कानून को तत्कालीन बिहार सरकार ने 6 मार्च 1998 को दक्षिण बिहार के अनुसूचित क्षेत्रों में लागू किया था। लेकिन इसका भी उल्लंघन होता रहा है। केंद्रीय कानून के उल्लंघन की जांच जरूरी है.
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हेम्ब्रम ने गैर सरकारी प्रस्ताव के माध्यम से मांग की कि तीनों केंद्रीय कानूनों को सख्ती से लागू किया जाये. उन्होंने आदिवासियों और मूलवासियों को बचाने की मांग की. विधायक हेम्ब्रम ने बताया कि भुईंहारी डाली कटारी सरना दोन की जमीन लूटी जा रही है. नगर क्षेत्र के पटना निवासी रिपुंजय प्रसाद सिंह ने फर्जी आदेश के जरिये इसे हासिल कर लिया. यह गंभीर मामला है और आदिवासियों को खत्म करने की साजिश है. इसी तरह हेम्ब्रम ने संताल परगना में एसपीटी एक्ट का उल्लंघन कर जमीन की खरीद-बिक्री के मामले की जानकारी दी.
विधानसभा कमेटी का गठन हो चुका है
सीएनटी-एसपीटी एक्ट के उल्लंघन मामले की जांच सरकार पहले ही कर चुकी है. झामुमो नेता स्टीफन मरांडी की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया. कमेटी ने प्रदेश भर के लोगों से शिकायतें मांगी थीं। विधानसभा कमेटी ने अब तक अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपी है.
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