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    इस समय की बड़ी खबर ,सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम वीवीपैट सभी याचिकाओं को किया खारिज

    इस समय की बड़ी खबर ,सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम वीवीपैट सभी याचिकाओं को किया खारिज






    We News 24 Digital News» रिपोर्टिंग सूत्र  / अंजली कुमारी 

    नई दिल्ली:- भारत की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ईवीएम वीवीपैट मामले में बड़ा फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दायर सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है. इसका मतलब यह है कि अब देश में सिर्फ ईवीएम के जरिए ही मतदान कराया जाएगा. कोर्ट ने उन सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया जो ईवीएम और वीवीपैट सत्यापन की मांग को लेकर दायर की गई थीं. कोर्ट ने कहा कि चुनाव कराना हमारा काम नहीं है. इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग को भी खारिज कर दिया है.


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    जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने ये फैसला सुनाया

    ईवीएम वीवीपैट मामले में दायर याचिकाओं पर सुनवाई के बाद जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने अहम फैसला सुनाया है. आपको बता दें कि यह फैसला ऐसे वक्त आया है जब देश में 18वीं लोकसभा के लिए दूसरे चरण का मतदान चल रहा है. इससे पहले सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने ईवीएम से डाले गए वोटों का वीवीपैट से सत्यापन कराने की मांग वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.


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    ये सुप्रीम कोर्ट का फैसला है

    देश की शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में साफ कहा है-

    -ईवीएम-वीवीपैट का 100 फीसदी मिलान नहीं हो पाएगा. इसके साथ ही वीवीपैट की पर्ची 45 दिनों तक सुरक्षित रहेगी.

    - उन्होंने यह भी कहा कि ये पर्चियां अभ्यर्थियों के हस्ताक्षर के साथ सुरक्षित रहेंगी।

    कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि चुनाव के बाद सिम्बर लोडिंग यूनिटों को भी सील कर सुरक्षित स्थान पर रखा जायेगा.

    - कोर्ट के निर्देश के मुताबिक नतीजे घोषित होने के बाद उम्मीदवारों के पास ईवीएम के माइक्रो कंट्रोलर प्रोग्राम की तकनीकी टीम से जांच कराने का विकल्प होगा.

    हालांकि, उम्मीदवार को ऐसा करने का मौका चुनाव की घोषणा के सात दिनों के भीतर ही मिलेगा.


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    ईवीएम और वीवीपैट का क्या उपयोग है?

    दरअसल, देश में चुनावों के दौरान वीवीपैट सत्यापन के तहत संसदीय क्षेत्र की हर विधानसभा सीट के केवल पांच मतदान केंद्रों पर ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों का मिलान यानी सत्यापन किया जाता है। इसे लेकर एक याचिका दायर की गई थी कि सभी केंद्रों पर ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों का मिलान किया जाए, सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया और जवाब देने को कहा.


    वीवीपैट का उपयोग 2013 में शुरू हुआ

    भारत में वीवीपैट का इस्तेमाल साल 2013 से शुरू हुआ. इसकी शुरुआत नागालैंड विधानसभा चुनाव से हुई. इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में कुछ सीटों पर इस मशीन का इस्तेमाल किया गया था. जबकि 2017 में गोवा में हुए विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर वीवीपैट का इस्तेमाल किया गया था. लेकिन 2019 में पहली बार सभी लोकसभा सीटों पर वीवीपैट का इस्तेमाल हुआ. करीब 17 लाख वीवीपैट का इस्तेमाल किया गया. 

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