अब क्या करेंगे केजरीवाल? कैसे बचाएंगे अपनी सरकार? किसे बनायेंगे दिल्ली का सीएम?
We News 24 Digital News» रिपोर्टिंग सूत्र / दीपक कुमार
नई दिल्ली :- नही केंद्र में इण्डिया की गठबंधन सरकार बनी और न ही अरविंद केजरीवाल को कोर्ट से राहत मिली। दोनों तरफ से निराशा मिलने के बाद अब केजरीवाल के सामने दिल्ली में अपनी सरकार बचाने की चुनौती है। इस बीच दिल्ली की राजनीति पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। जहां एलजी पहले ही कह चुके हैं कि वह सरकार को जेल से नहीं चलने देंगे, ऐसे में कोई भी निश्चित नहीं है कि वह जेल से कब बाहर आएंगे। इस बीच दिल्ली में नया सियासी भूचाल आ सकता है, जिसे लेकर दो संकेत और बड़ा दावा सामने आ रहा है। जिन दो संकेतों की हम बात कर रहे हैं, उनमें पहला संकेत यह है कि दिल्ली के सीएम को जमानत नहीं मिल रही है।
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दूसरा संकेत यह है कि गुरुवार को सीएम आवास पर सुनीता केजरीवाल की अध्यक्षता में पहली बार बैठक हुई। इस बैठक से बीजेपी के इस दावे को बल मिलता है कि केजरीवाल इस्तीफा देकर अपनी पत्नी सुनीता को अपना उत्तराधिकारी बना सकते हैं। क्या है मौजूदा स्थिति गौरतलब है कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने साफ कर दिया है कि वह दिल्ली सरकार को जेल से नहीं चलने देंगे। उन्होंने दिल्ली में संवैधानिक संकट जैसी स्थिति पैदा होने पर सख्त कदम उठाने के भी संकेत दिए हैं। इससे आप सरकार के भविष्य को लेकर अटकलें लगने लगी हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गिरफ्तारी के बाद भी उन्होंने पद नहीं छोड़ा। आम आदमी पार्टी ने ऐलान किया है कि केजरीवाल जेल से ही सरकार चलाएंगे। वहीं, भाजपा उनके इस्तीफे की मांग कर रही है।
दिल्ली का विकास बाधित हो रहा है: भाजपा
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा व अन्य नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री के जेल में होने से दिल्ली का विकास बाधित हो रहा है। मेयर का चुनाव नहीं हो पाया है। दिल्लीवासियों के हित में उन्हें तुरंत इस्तीफा देकर किसी अन्य विधायक को सीएम बना देना चाहिए।
क्या कहते हैं दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव
दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव ओमेश सहगल का मानना है कि मुख्यमंत्री के जेल में रहने से सामान्य प्रशासनिक कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ रहा है, लेकिन बड़े फैसले नहीं लिए जा सकते। अगर वे लंबे समय तक जेल में रहे तो निश्चित तौर पर दिल्ली के विकास और अन्य काम बाधित होंगे। महत्वपूर्ण फाइलें मुख्यमंत्री की सिफारिश पर उपराज्यपाल द्वारा पास की जाती हैं।
क्या है राजनीतिक विशेषज्ञों की राय?
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि केजरीवाल को उम्मीद रही होगी कि अगर केंद्र में कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनती है तो उन्हें राहत मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कोर्ट ने भी उन्हें अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। इससे आने वाले दिनों में उनकी सरकार की मुश्किलें और बढ़ेंगी।
सरकार बचाने के लिए किसी और को सौंपनी होगी कुर्सी
आप सरकार को बचाने के लिए उन्हें इस्तीफा देकर किसी और को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपनी होगी। उनके पास दो विकल्प हैं, या तो वे अपनी पत्नी को उत्तराधिकारी बनाएं या अपने किसी विधायक को। भाजपा आरोप लगाती रही है कि केजरीवाल अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल को अपना उत्तराधिकारी बनाना चाहते हैं। इसके लिए वह पार्टी में आम सहमति बनाने की कोशिश कर रहे हैं और इसे लेकर पार्टी में असंतोष है। पति की गैरमौजूदगी में फ्रंटफुट पर आईं सुनीता पति के जेल जाने के बाद से ही सुनीता केजरीवाल राजनीति में सक्रिय हो गई हैं। उनकी राजनीतिक पारी की शुरुआत 31 मार्च को रामलीला मैदान में इंडिया की रैली से हुई थी। पति की गैरमौजूदगी में वह लोकसभा चुनाव प्रचार की कमान भी संभाल रही थीं।
गुरुवार को उनकी गैरमौजूदगी में सीएम आवास पर विधायकों की बैठक हुई। ऐसे में भाजपा के आरोप को बल मिलता है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने लगाए ये आरोप दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का कहना है कि परिवारवाद और भ्रष्टाचार का विरोध कर सत्ता तक पहुंचने वाले केजरीवाल की सच्चाई जनता के सामने आ गई है। वह भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में हैं। खुद को बचाने के लिए वह उन लोगों की शरण में चले गए हैं, जो कभी उन पर भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाकर उनका विरोध करते थे। अब उन्हें न तो भ्रष्टाचार से परहेज है और न ही भाई-भतीजावाद से। यही कारण है कि भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जाने के बाद भी वह अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बनाने की कोशिश कर रहे हैं। दिल्ली के हित में उन्हें अपने किसी विधायक को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए।
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