महाराष्ट्र में CM पद को लेकर पेंच फंसा! शिंदे ने उठाया ये कदम, क्या बोले रामदास अठावले
We News 24 Hindi / रिपोर्टिंग सूत्र / अनिल पाटिल
मुंबई:- महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर सियासी खींचतान बढ़ गई है। हालांकि, बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया है, लेकिन महायुति के अंदर एकनाथ शिंदे की नाराजगी ने राजनीतिक पारा बढ़ा दिया है। शिंदे के इस्तीफे और उनकी नाराजगी ने मुख्यमंत्री पद को लेकर अनिश्चितता पैदा कर दी है, जबकि बीजेपी और अन्य सहयोगी दलों की नजरें स्थिर सरकार बनाने पर हैं।
एकनाथ शिंदे की नाराजगी
- सीएम पद को लेकर असंतोष: शिंदे ने अप्रत्यक्ष रूप से अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी बनाए रखी है।
- दिल्ली जाने की तैयारी: शिंदे जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के लिए दिल्ली जा सकते हैं।
- अंदरूनी बयानबाजी: शिंदे के सहयोगी कह रहे हैं कि वे वही करेंगे जो मोदी और शाह चाहेंगे, लेकिन इसके पीछे उनके दावों को बल देने की रणनीति भी छिपी हो सकती है।
रामदास आठवले का बयान और नई संभावनाएं
- केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने शिंदे को केंद्र की राजनीति में शामिल होने की सलाह दी है।
- आठवले ने कहा कि अजित पवार की एनसीपी और बीजेपी को मिलकर सरकार बनानी चाहिए, जिससे सियासी समीकरण बदल सकते हैं।
- आठवले के बयान ने यह संकेत दिया है कि महायुति में शिंदे के विकल्प को लेकर विचार किया जा रहा है।
देवेंद्र फडणवीस का नाम आगे
- बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व और सहयोगी दलों ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद के लिए समर्थन दिया है।
- अजित पवार ने पहले ही फडणवीस को सीएम के रूप में समर्थन की बात कही है।
- फडणवीस की संगठनात्मक और प्रशासनिक क्षमता को बीजेपी की जीत का प्रमुख कारण माना जा रहा है।
सीएम का सस्पेंस और महायुति की रणनीति
- चुनाव नतीजों के तीन दिन बाद भी मुख्यमंत्री पद को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है।
- बीजेपी, महायुति में स्थिरता बनाए रखने और एकनाथ शिंदे को संतुष्ट रखने के लिए नए फॉर्मूले पर काम कर रही है।
- शिंदे को सरकार में कोई प्रमुख पद देने या उनकी नाराजगी दूर करने की कोशिशें जारी हैं।
संभावित परिदृश्य
- फडणवीस मुख्यमंत्री बनें: शिंदे को केंद्र या राज्य में अन्य महत्वपूर्ण भूमिका दी जा सकती है।
- महायुति का संतुलन: सभी दलों को साथ लेकर सरकार बनाना, जिसमें किसी प्रकार की खींचतान न हो।
- शिंदे की सहमति के बिना फैसला नहीं: बीजेपी नेतृत्व शिंदे को नाराज करके कोई कदम उठाने से बचना चाहेगी।
निष्कर्ष
महाराष्ट्र का राजनीतिक माहौल फिलहाल अस्थिर बना हुआ है। हालांकि, फडणवीस के नाम की संभावना सबसे मजबूत दिख रही है, लेकिन एकनाथ शिंदे की नाराजगी को दरकिनार करना बीजेपी के लिए आसान नहीं होगा। आने वाले दिनों में दिल्ली में होने वाली बैठकों से तस्वीर साफ हो सकती है।
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