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    वक्फ कानून के खिलाफ बंगाल फिर सुलगा: मुर्शिदाबाद में हिंसा, पुलिस पर पथराव, ट्रेनें ठप, हालात अब काबू में

     

    वक्फ कानून के खिलाफ बंगाल फिर सुलगा: मुर्शिदाबाद में हिंसा, पुलिस पर पथराव, ट्रेनें ठप, हालात अब काबू में


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    मुर्शिदाबाद/कोलकाता।वक्फ संशोधन अधिनियम (Waqf Amendment Act) को लेकर पश्चिम बंगाल एक बार फिर उबाल पर आ गया। शुक्रवार, 11 अप्रैल को मुर्शिदाबाद जिले के सुती और शमशेरगंज इलाकों में प्रदर्शन अचानक हिंसा में तब्दील हो गया। भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया, गाड़ियों में आग लगा दी और नेशनल हाईवे के साथ-साथ रेलवे ट्रैक को भी जाम कर दिया।




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    कैसे शुरू हुआ बवाल?

    शुक्रवार की नमाज के बाद बड़ी संख्या में लोग शमशेरगंज में इकट्ठा हुए और वक्फ कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू किया। धीरे-धीरे भीड़ आक्रोशित हो गई और नेशनल हाईवे-12 को जाम कर दिया। जैसे ही पुलिस ने स्थिति नियंत्रित करने की कोशिश की, उपद्रवियों ने पुलिस की गाड़ियों पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। हालात तब और बिगड़े जब वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया।



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    10 पुलिसकर्मी घायल, सड़क और रेल यातायात बाधित

    इस हिंसा में करीब 10 पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। मुर्शिदाबाद के अलावा मालदा में भी प्रदर्शनकारियों ने रेल पटरी पर धरना दिया, जिससे पूर्वी रेलवे की कई ट्रेनों को कैंसिल करना पड़ा। फरक्का-आज़िमगंज रेलखंड पर ट्रेनों का संचालन पूरी तरह से प्रभावित रहा।


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    रेलवे को उठाना पड़ा बड़ा कदम

    पूर्वी रेलवे के अनुसार, धूलियानगंगा स्टेशन के पास करीब 5000 प्रदर्शनकारी रेलवे ट्रैक पर बैठ गए, जिससे कामाख्या पुरी एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनें फंस गईं। बरहरवा-अजीमगंज पैसेंजर को भी बल्लालपुर स्टेशन पर रोकना पड़ा। रेलवे ने यात्रियों से संयम बरतने की अपील की है।

    पुलिस और बीएसएफ एक्शन में

    पुलिस ने हालात को काबू में लाने के लिए मोर्चा संभाल लिया है। अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है और हिंसा फैलाने वालों को पकड़ने के लिए छापेमारी जारी है। साथ ही, संवेदनशील इलाकों में BSF की तैनाती भी की गई है। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के बीएसएफ डीआईजी नीलोत्पल कुमार पांडे ने बताया कि जंगीपुर में उपद्रव को नियंत्रित करने के लिए बीएसएफ ने प्रशासन की मदद की।


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    राज्यपाल और असम के सीएम की प्रतिक्रिया

    राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस ने राज्य सरकार से सख्त और त्वरित कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने दावा किया कि इस तरह की स्थिति की आशंका पहले ही जताई जा चुकी थी। वहीं, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बंगाल की तुलना में अपने राज्य में शांतिपूर्ण प्रदर्शन की बात कही। उन्होंने कहा कि असम में पुलिस की बेहतर तैयारी और सामाजिक समरसता के चलते स्थिति नियंत्रण में रही।


    फिलहाल क्या हालात हैं?

    बंगाल पुलिस के अनुसार, शमशेरगंज और सुती में हालात अब सामान्य हो गए हैं। नेशनल हाईवे पर यातायात बहाल कर दिया गया है और पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। हालांकि स्थिति अभी पूरी तरह सामान्य नहीं मानी जा सकती।


    👉 निष्कर्ष:
    वक्फ कानून के खिलाफ बढ़ता आक्रोश अब एक बड़ी चुनौती बन चुका है, खासकर उन राज्यों में जहां इसकी संवेदनशीलता अधिक है। सरकार को चाहिए कि वो जनता की भावनाओं को समझे और शांति व्यवस्था के लिए कड़े और संतुलित कदम उठाए।

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