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    🏛 बांके बिहारी कॉरिडोर: सेवायतों के पुनर्वास की योजना, रुक्मिणी विहार में मिलेगा नया आशियाना

     

    🏛 बांके बिहारी कॉरिडोर: सेवायतों के पुनर्वास की योजना, रुक्मिणी विहार में मिलेगा नया आशियाना



    📅 तारीख: 12 जून 2025
    📍 स्थान: वृन्दावन, मथुरा (उत्तर प्रदेश)
    ✍️ लेखक: WeNews24 हिंदी डेस्क


    वृन्दावन में श्री बांके बिहारी मंदिर के आसपास प्रस्तावित कॉरिडोर के निर्माण को लेकर एक अहम कदम उठाया गया है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इस योजना से प्रभावित होने वाले सेवायतों, गोस्वामियों और स्थानीय निवासियों के पुनर्वास के लिए रुक्मिणी विहार और सुनरख बांगर में वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी।

    📌 क्या है बांके बिहारी कॉरिडोर योजना?

    बांके बिहारी मंदिर के चारों ओर 5.5 एकड़ क्षेत्र में कॉरिडोर तैयार किया जाना है, जिसका उद्देश्य श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के लिए बेहतर पहुंच, सुरक्षा और सुविधा प्रदान करना है। यह योजना मंदिर की ऐतिहासिकता को बनाए रखते हुए आधुनिक आधारभूत ढांचे को जोड़ने की कोशिश है।



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    🏠 कहां बसाए जाएंगे प्रभावित?

    जिलाधिकारी चंद्रप्रकाश सिंह के अनुसार,

    “मथुरा-वृन्दावन विकास प्राधिकरण (MVDA) ने रुक्मिणी विहार और सुनरख बांगर क्षेत्रों में 275 परिवारों के लिए जमीन चिह्नित कर ली है। वहां फ्लैट उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि कोई भी परिवार बेघर न हो।”

    🙏 सेवायतों की मांग का रखा जाएगा ध्यान

    प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि सेवायत परिवारों की धार्मिक भूमिका, सामाजिक परंपरा और जनभावनाओं का पूरा सम्मान करते हुए ही पुनर्वास किया जाएगा। प्रत्येक परिवार की मांग के अनुसार उन्हें सुविधाजनक और सम्मानजनक आवास दिया जाएगा।

    📢 क्या बोले स्थानीय लोग?

    कुछ स्थानीय सेवायतों ने कहा—

    “हम इस योजना के खिलाफ नहीं हैं, बशर्ते हमारी धार्मिक परंपराओं और जीविकोपार्जन को नुकसान न पहुंचे।”


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    📷 जल्द होगी कार्य की शुरुआत

    बांके बिहारी कॉरिडोर को उत्तर प्रदेश सरकार की प्राथमिक परियोजनाओं में शामिल किया गया है। जल्द ही पुनर्वास प्रक्रिया के बाद निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाएगा।


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    🔗 निष्कर्ष:

    बांके बिहारी मंदिर केवल एक आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि लाखों श्रद्धालुओं की श्रद्धा का प्रतीक है। सरकार की पुनर्वास नीति यदि संवेदनशीलता और सम्मान के साथ लागू होती है, तो यह विकास और विरासत दोनों के बीच एक आदर्श संतुलन बन सकता है।


    📢 आपकी राय क्या है? क्या यह योजना सेवायतों के हित में है?
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