'फलस्तीन आज़ाद करो' के नारे और यहूदी समुदाय पर बम हमला: अमेरिका के कोलोराडो में मचा हड़कंप, कई घायल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली: अमेरिका के कोलोराडो राज्य के बोल्डर शहर से एक दर्दनाक और चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। रविवार को यहूदी समुदाय के लोगों को निशाना बनाते हुए आग के बम फेंके गए और 'फ्री फलस्तीन' (Free Palestine) के नारे लगाए गए।
इस नस्लीय एवं धार्मिक घृणा से प्रेरित हमले में 67 से 88 वर्ष की उम्र के कम से कम 6 लोग घायल हुए हैं, जिन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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🔍 एफबीआई ने बताया 'लक्षित आतंकी हमला'
घटना के बाद एफबीआई निदेशक काश पटेल ने इसे targeted terrorist attack बताया। एफबीआई और स्थानीय पुलिस ने 45 वर्षीय मोहम्मद सबरी सोलिमा नामक व्यक्ति को मुख्य संदिग्ध के रूप में हिरासत में लिया है।
कोलोराडो के अटॉर्नी जनरल फिल वीजर ने भी बयान जारी कर इसे एक घृणा अपराध (Hate Crime) बताया है, जिसमें एक विशेष धार्मिक समुदाय को जानबूझकर निशाना बनाया गया है।
🧕 19 वर्षीय प्रत्यक्षदर्शी का बयान: ‘शरीर बुरी तरह जल चुका था’
कोलोराडो विश्वविद्यालय की छात्रा ब्रुक कॉफमैन (19 वर्ष) ने घटना का आंखों देखा हाल बताते हुए कहा:
"चार महिलाएं ज़मीन पर पड़ी थीं, उनके पैरों और शरीर के हिस्सों में जलन थी। एक महिला इतनी बुरी तरह जल चुकी थी कि उसे एक झंडे में लपेटा गया था। यह दृश्य बेहद भयावह था।"
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🕍 धार्मिक स्थलों की सुरक्षा बढ़ी
हमले के बाद न्यूयॉर्क सिटी पुलिस विभाग (NYPD) ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए शवोत (Shavuot) जैसे यहूदी धार्मिक पर्व के मद्देनज़र धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा बढ़ाने की घोषणा की है।
🌍 गाजा संघर्ष और अमेरिका में बढ़ता तनाव
यह घटना गाजा में इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध की पृष्ठभूमि में सामने आई है, जहां अमेरिका में फलस्तीन समर्थक और यहूदी विरोधी प्रदर्शनों की संख्या बढ़ रही है। इससे समुदायों के बीच तनाव और अधिक गहरा होता जा रहा है।
❗ निष्कर्ष:
यह हमला केवल एक अपराध नहीं, बल्कि अमेरिका की सांप्रदायिक सहिष्णुता और धार्मिक स्वतंत्रता पर एक गंभीर प्रश्नचिन्ह है। प्रशासन को न केवल दोषियों को कड़ी सज़ा देनी चाहिए, बल्कि समाज में सद्भाव और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है।
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