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    दिल्ली में वकीलों की हड़ताल: पुलिस थानों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के आदेश के खिलाफ प्रदर्शन, कोर्ट का काम ठप

    दिल्ली में वकीलों की हड़ताल: पुलिस थानों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के आदेश के खिलाफ प्रदर्शन, कोर्ट का काम ठप


    📝We News 24 :डिजिटल डेस्क » प्रकाशित: 26 अगस्त 2025, दोपहर 13:09 IST

    रिपोर्टिंग : वरिष्ठ पत्रकार दीपक कुमार 

    नई दिल्ली :- दिल्ली के विभिन्न जिला अदालतों में मंगलवार को वकीलों ने उपराज्यपाल (एलजी) के उस आदेश के खिलाफ हड़ताल और विरोध प्रदर्शन जारी रखा, जिसमें पुलिस थानों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गवाही और साक्ष्य पेश करने की अनुमति दी गई है। इस आदेश को वापस लेने की मांग को लेकर अधिवक्ता सड़कों पर उतर आए, जिससे तीस हजारी, साकेत, राउज एवेन्यू, पटियाला हाउस, कड़कड़डूमा, द्वारका और रोहिणी कोर्ट में न्यायिक कार्य पूरी तरह ठप रहा।


    हड़ताल का तीसरा  दिन: सड़कों पर वकील, चक्का जाम


    22 अगस्त से शुरू हुई इस हड़ताल के तहत वकीलों ने सोमवार को न्यायिक कार्यों का पूर्ण बहिष्कार किया था। मंगलवार को तीस हजारी कोर्ट के बाहर अधिवक्ताओं ने चक्का जाम कर विरोध प्रदर्शन किया, जिससे पुलिस को जाम खुलवाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। साकेत कोर्ट में भी हड़ताल का व्यापक असर देखा गया, जहां 100 से अधिक मामलों में सुनवाई नहीं हो सकी और अगली तारीख देनी पड़ी।


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    रोहिणी कोर्ट के वकील मधुबन चौक पर सड़क पर बैठ गए, जिससे पूरी सड़क जाम हो गई। कड़कड़डूमा कोर्ट की शाहदरा बार एसोसिएशन के सचिव नरवीर डबास ने स्पष्ट किया कि किसी भी पुलिसकर्मी या सरकारी वकील को कोर्ट परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।


    अधिवक्ताओं की मांग: आदेश रद्द हो, कमेटी बने

    नई दिल्ली बार एसोसिएशन के सचिव तरुण राणा ने बताया कि केंद्र सरकार की 2024 की अधिसूचना में स्पष्ट कहा गया था कि पुलिस स्टेशन या उसके नियंत्रण वाली जगह को साक्ष्य रिकॉर्ड करने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद, उपराज्यपाल ने 13 अगस्त को यह आदेश पारित किया, जिसे वकील "मनमाना और असंवैधानिक" मानते हैं।


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    राणा ने कहा, "हम इस आदेश में किसी भी संशोधन को स्वीकार नहीं करेंगे। इसे पूरी तरह रद्द किया जाए। अगर नया आदेश बनाना है, तो एक कमेटी गठित हो, जिसमें अधिवक्ताओं को शामिल किया जाए और सभी की राय के बाद ही निर्णय लिया जाए।"


    साकेत बार एसोसिएशन की चेतावनी

    साकेत बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजपाल कसाना ने चेतावनी दी कि यदि आदेश वापस नहीं लिया गया, तो वकील एलजी कार्यालय का घेराव करेंगे और चक्का जाम करेंगे। तीस हजारी कोर्ट परिसर में मंगलवार शाम को हुई सभी जिला अदालतों की समन्वय समिति की बैठक में आगे भी हड़ताल जारी रखने का फैसला लिया गया।


    कोर्ट में सुनवाई प्रभावित, पुलिस-वकील तनाव

    हड़ताल के कारण दिल्ली की जिला अदालतों में सुनवाई बुरी तरह प्रभावित हुई। कोर्ट रूम में वकीलों की अनुपस्थिति के कारण अधिकांश मामलों में अगली तारीख देनी पड़ी। वकीलों ने पुलिसकर्मियों और सरकारी वकीलों को कोर्ट परिसर में प्रवेश से रोकने की कोशिश की, जिससे कई जगह तनाव की स्थिति बनी।


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    आगे क्या?वकीलों का कहना है कि जब तक उपराज्यपाल का आदेश वापस नहीं लिया जाता, उनका आंदोलन और तेज होगा। इस हड़ताल से न केवल न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित हो रही है, बल्कि आम जनता को भी अपनी कानूनी समस्याओं के समाधान के लिए इंतजार करना पड़ रहा है।





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