ट्रंप के टैरिफ वॉर के बीच चीन भारत नजदीक: रेयर अर्थ, फर्टिलाइजर्स, टनल बोरिंग मशीन की समस्याएं सुलझाने का आश्वासन
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खबर का सार : चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर को आश्वासन दिया कि चीन रेयर अर्थ मिनरल्स, फर्टिलाइजर्स, और टनल बोरिंग मशीनों की आपूर्ति की समस्याओं को हल करेगा। ट्रंप के टैरिफ वॉर के बीच यह कदम भारत-चीन व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण है। PM मोदी की SCO समिट के लिए संभावित चीन यात्रा से पहले यह मुलाकात हुई।
📝We News 24 :डिजिटल डेस्क » प्रकाशित: 19 अगस्त 2025, 09:20 IST
रिपोर्टिंग : अमित मेहलावत
नई दिल्ली :- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर के बीच चीन ने भारत की तीन प्रमुख समस्याओं – रेयर अर्थ मिनरल्स, फर्टिलाइजर्स, और टनल बोरिंग मशीनों की आपूर्ति – को हल करने का वादा किया है। सोमवार को नई दिल्ली में चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के साथ मुलाकात में यह आश्वासन दिया। यह कदम भारत-चीन संबंधों को मजबूत करने और वैश्विक आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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वांग यी और जयशंकर की मुलाकात
सोमवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने दो दिवसीय भारत दौरे के दौरान विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार, वांग यी ने भारत की तीन प्रमुख चिंताओं – रेयर अर्थ मिनरल्स, फर्टिलाइजर्स, और टनल बोरिंग मशीनों की आपूर्ति – को संबोधित करने का वादा किया। जयशंकर ने जुलाई 2025 में अपनी चीन यात्रा के दौरान इन मुद्दों को उठाया था, और इस मुलाकात में उन पर आगे चर्चा हुई।
जयशंकर ने कहा, “भारत और चीन, पड़ोसी देशों और दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के रूप में, विविध और बहुआयामी संबंध साझा करते हैं। प्रतिबंधात्मक व्यापार उपायों से बचना और पारस्परिक सम्मान, हित, और संवेदनशीलता के आधार पर स्थिर और रचनात्मक संबंध बनाना दोनों देशों और वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद है।”
चर्चा में शामिल प्रमुख मुद्दे
बैठक में निम्नलिखित विषयों पर चर्चा हुई:
- आर्थिक और व्यापारिक सहयोग: रेयर अर्थ मिनरल्स, फर्टिलाइजर्स, और टनल बोरिंग मशीनों की आपूर्ति पर जोर।
- सीमा व्यापार और कनेक्टिविटी: दोनों देशों के बीच व्यापारिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना।
- लोगों से लोगों का संपर्क: तीर्थयात्रा और नदी डेटा साझाकरण जैसे मुद्दों पर सहयोग।
चीन ने इन क्षेत्रों में भारत की जरूरतों को पूरा करने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक, रेयर अर्थ मिनरल्स, फर्टिलाइजर्स, और टनल बोरिंग मशीनों की आपूर्ति पर लगी पाबंदियां हटाई जा चुकी हैं, और शिपमेंट शुरू हो गए हैं।
ट्रंप के टैरिफ वॉर का प्रभाव
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत और चीन पर लगाए गए 50% टैरिफ ने दोनों देशों को व्यापारिक सहयोग बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है। ट्रंप ने भारत पर रूस के साथ संबंधों को लेकर अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाया, जबकि चीन को 90 दिन की छूट दी गई। इस पृष्ठभूमि में, भारत और चीन एक व्यापार पैकेज पर चर्चा कर रहे हैं, जिसमें रेयर अर्थ मिनरल्स, फर्टिलाइजर्स, और फार्मास्यूटिकल्स शामिल हैं।
SCO समिट और PM मोदी की संभावित चीन यात्रा
वांग यी का यह दौरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 31 अगस्त से सितंबर 2025 तक तियानजिन में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के लिए संभावित चीन यात्रा से पहले हुआ है। यह यात्रा भारत-चीन संबंधों को और मजबूत करने का अवसर प्रदान कर सकती है।
भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण?
- रेयर अर्थ मिनरल्स: भारत अपनी 90% रेयर अर्थ मिनरल्स जरूरतों के लिए चीन पर निर्भर है। ये ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रॉनिक्स, और रक्षा क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
- फर्टिलाइजर्स: भारत अपनी 30% उर्वरक आपूर्ति चीन से आयात करता है, जो कृषि के लिए महत्वपूर्ण है।
- टनल बोरिंग मशीनें: ये मशीनें बुनियादी ढांचा परियोजनाओं, जैसे मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर, के लिए आवश्यक हैं।
- चीन की इस पहल से भारत के ऑटोमोटिव, कृषि, और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों को राहत मिलने की उम्मीद है।
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