Header Ads

ad728
  • Latest Stories

    2019:राजस्थान के रास्ते केंद्र की तैयारी में यूं जुटी बीजेपी

    नई दिल्ली /राजनीती /समाचार 

    नई दिल्ली :विधानसभा चुनाव में भले ही राजस्थान को बीजेपी के लिए सबसे मुश्किल माना जा रहा है लेकिन बीजेपी राजस्थान में ही बाजी पलटकर लोकसभा चुनाव में मनोवैज्ञानिक बढ़त लेने की तैयारी में है। इसी वजह से राजस्थान के लिए चुनाव की कमान न सिर्फ बीजेपी चीफ अमित शाह ने अपने हाथ में रखी है बल्कि राजस्थान में ही सबसे अधिक जोर लगाने की कवायद भी शुरू कर दी है। राजस्थान में सब कुछ कंट्रोल करने के इरादे से इस बार पार्टी आलाकमान टिकट बंटवारे में भी मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के अधिकार सीमित कर सकती है। 
    पार्टी सूत्रों का कहना है कि हालांकि एक साथ पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं लेकिन अब पार्टी की रणनीति यह है कि पार्टी के मुख्य रणनीतिकार अमित शाह सबसे अधिक वक्त राजस्थान में ही लगाएंगे। पार्टी का मानना है कि शाह के खुद कमान संभालने के बाद राज्य में पार्टी बढ़िया प्रदर्शन कर पाएगी और राज्य में पार्टी में बिखराव का खतरा भी कम हो जाएगा। 

    दरअसल, पार्टी को लग रहा है कि राजस्थान के हारने की जितनी संभावनाएं जताई जा रही हैं, वास्तव में स्थिति उतनी खराब नहीं है और चुनाव आते आते शाह राज्य में हालात बदल सकते हैं। पार्टी का यह भी मानना है कि अगर राजस्थान में बीजेपी जीत हासिल कर लेती है तो 2019 में विपक्ष की सारी संभावनाएं धूमिल हो जाएंगी। पार्टी नेताओं के मुताबिक मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी के लिए आसार ठीक-ठाक हैं और दोनों राज्यों में पार्टी को अपने दोनों मुख्यमंत्रियों पर भरोसा भी है, लेकिन राजस्थान को वे मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के भरोसे नहीं छोड़ना चाहते। उन्हें लगता है कि राजस्थान जीतने के बाद सीधे कांग्रेस के खिलाफ मेसेज जाएगा और 2019 से पहले ही यह मेसेज चला जाएगा कि कांग्रेस या विपक्ष सत्ता में नहीं आने वाला। 

    इसी वजह से पार्टी इस तैयारी में है कि राज्य की 200 विधानसभा सीटों में से लगभग 150 सीटों के लिए उम्मीदवारों का चयन पार्टी आलाकमान के स्तर पर ही होगा। मुख्यमंत्री के खेमे के लिए 50 से 60 सीटें रखी जा सकती हैं यानी इन सीटों पर वसुंधरा राजे सिंधिया की पसंद के उम्मीदवारों को उतारा जा सकता है लेकिन अन्य सीटों पर उम्मीदवारों का चयन पार्टी के दखल पर होगा ताकि पार्टी अपने स्तर पर ही रणनीति बनाने से लेकर प्रचार तक का फैसला खुद करे। 

    कोई टिप्पणी नहीं

    कोमेंट करनेके लिए धन्यवाद

    Post Top Ad

    ad728

    Post Bottom Ad

    ad728