Ahoi Ashtami 2018: पूजा में जरूर करें अहोई माता की ये आरती, जानें शुभ मुहूर्त भी
धर्म/कर्म
अहोई अष्टमी : कार्तिक कृष्ण पक्ष अष्टमी को अहोई अष्टमी मनाई जाती है, इस साल ये व्रत कल यानि 31 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पुत्र की लंबी उम्र और उसको अनहोनी से बचाने की कामना करती हैं। इस दिन महिलाएं अहोई माता की पूजा करके निर्जला व्रत रखती हैं। आइए अहोई अष्टमी का शुभ मुहूर्त और अहोई माता की पूरी आरती जानते हैं।
Ahoi ashtami 2018: यहां पढ़ें अहोई अष्टमी व्रत की कथा
शुभ मुहुर्त
सायं - 5:45 से 7:00 बजे तक विशेष मुहुर्त
अहोई माता की आरती
जय अहोई माता, जय अहोई माता!
तुमको निसदिन ध्यावत हर विष्णु विधाता। टेक।।
ब्राहमणी, रुद्राणी, कमला तू ही है जगमाता।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत नारद ऋषि गाता।। जय।।
माता रूप निरंजन सुख-सम्पत्ति दाता।।
जो कोई तुमको ध्यावत नित मंगल पाता।। जय।।
तू ही पाताल बसंती, तू ही है शुभदाता।
कर्म-प्रभाव प्रकाशक जगनिधि से त्राता।। जय।।
जिस घर थारो वासा वाहि में गुण आता।।
कर न सके सोई कर ले मन नहीं धड़काता।। जय।।
तुम बिन सुख न होवे न कोई पुत्र पाता।
खान-पान का वैभव तुम बिन नहीं आता।। जय।।
शुभ गुण सुंदर युक्ता क्षीर निधि जाता।
रतन चतुर्दश तोकू कोई नहीं पाता।। जय।।
श्री अहोई माँ की आरती जो कोई गाता।
उर उमंग अति उपजे पाप उतर जाता।।
तुमको निसदिन ध्यावत हर विष्णु विधाता। टेक।।
ब्राहमणी, रुद्राणी, कमला तू ही है जगमाता।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत नारद ऋषि गाता।। जय।।
माता रूप निरंजन सुख-सम्पत्ति दाता।।
जो कोई तुमको ध्यावत नित मंगल पाता।। जय।।
तू ही पाताल बसंती, तू ही है शुभदाता।
कर्म-प्रभाव प्रकाशक जगनिधि से त्राता।। जय।।
जिस घर थारो वासा वाहि में गुण आता।।
कर न सके सोई कर ले मन नहीं धड़काता।। जय।।
तुम बिन सुख न होवे न कोई पुत्र पाता।
खान-पान का वैभव तुम बिन नहीं आता।। जय।।
शुभ गुण सुंदर युक्ता क्षीर निधि जाता।
रतन चतुर्दश तोकू कोई नहीं पाता।। जय।।
श्री अहोई माँ की आरती जो कोई गाता।
उर उमंग अति उपजे पाप उतर जाता।।
कोई टिप्पणी नहीं
कोमेंट करनेके लिए धन्यवाद