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    दिल्ली और NCR, जहरीली हवा की चपेट में



    राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली /समाचार 
    दिल्ली और NCR : जहरीली हवा की चपेट में आ गई है। राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) गुरुवार को 315 दर्ज किया गया जो बेहद गंभीर माना जाता है। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के मुताबिक, आगामी दिनों में दिल्ली का एक्यूआई और खराब रहेगा। सफर के अनुसार, गुरुवार को दक्षिणी दिल्ली का मथुरा रोड वाला क्षेत्र सबसे प्रदूषित रहा। इस क्षेत्र में पीएम 2.5 सबसे अधिकतम 379 दर्ज किया गया। दूसरे स्थान पर उत्तरी दिल्ली का धीरपुर क्षेत्र रहा। यहां पीएम 2.5 का स्तर 363 दर्ज किया गया। सबसे कम प्रदूषण मध्य दिल्ली के पूसा रोड पर दर्ज हुआ। यहां पीएम 2.5 का स्तर 124 दर्ज किया गया।
    वाहन दबाव वाले क्षेत्र में अधिक प्रदूषण : सफर के निदेशक गुरुफान बेग के अनुसार, जिन क्षेत्रों में वाहनों का दबाव अधिक है और औद्योगिकी इकाइयां संचालित होती हैं, वहां प्रदूषण अधिक मिला। इसके पीछे ठंड का बढ़ना प्रमुख कारण है। ठंड की वजह से नमी बढ़ती है और प्रदूषण के कण नमी के संपर्क में आने के बाद नीचे रह जाते हैं। इस कारण प्रदूषण बढ़ता है। 
    पीएम 10 का स्तर और बिगड़ सकता है : सफर के अनुसार राजधानी में शुक्रवार को पीएम 10 का स्तर और ज्यादा बदतर हो जाएगा। अनुमान के मुताबिक यह सवा तीन सौ और शनिवार को यह खतरनाक स्तर करीब साढ़े तीन सौ के बीच जा सकता है।
    आपातकालीन योजना लागू : दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए आपातकालीन योजना ग्रेडेड रेस्पॉन्स ऐक्शन प्लान सोमवार को लागू किया गया है। इसमें मशीनों से सड़कों की सफाई और भीड़भाड़ वाले इलाकों में वाहनों के सुचारु आवागमन के लिए यातायात पुलिस की तैनाती जैसे उपाय शामिल हैं। पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण के मुताबिक इसके तहत जेनरेटरों के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई गई है।
    15 दिनों में 100 चालान किए:
    दक्षिणी निगम ने बीते 15 दिनों में प्रदूषण फैलाने पर 106 चालान किए हैं। इनसे 1 लाख 12 हजार 900 रुपए जुर्माना वसूला गया। निगम महापौर नरेन्द्र चावला और आयुक्त डॉ. पुनीत कुमार गोयल ने चारों जोन के अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। कार्रवाई और उसके परिणामों पर भी नजर रखी जा रही है। महापौर और आयुक्त मौके पर स्वयं जाकर निगरानी कर रहे हैं।
    किसमें-कितना जुर्माना
    निर्माण गतिविधियों और वायु प्रदूषण के नियमों के उल्लंघन के लिए 44 चालान किए गए और 82,900 रुपये जुर्माना वसूला गया। पत्ते, कचरा जलाने पर 4 चालान किए गए। इनसे 10,000 रुपये वसूले गए। भवन सामग्री और मलबा सड़कों पर बिखरे रहने के मामले में 58 चालान कर 20000 रुपये वसूले गए। वहीं, प्लास्टिक के उपयोग को लेकर तीन चालान कर लगभग डेढ़ लाख रुपये वसूले गए हैं।

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