दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक,न्यूनतम वेतन पर 'आप' की जीत,
नई दिल्ली/समाचार
नई दिल्ली :सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को भारी राहत देते हुए न्यूनतम वेतन बढ़ाने की अधिसूचना रद्द करने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह तीन माह के अंदर देखे कि न्यूनतम वेतन को कैसे लागू करना है। हालांकि, कोर्ट ने कहा ऐरियर के मामले में फैसला बाद में होगा।
चीफ जस्टिस रंजन गांगोई, जस्टिस यू.यू. ललित और जस्टिस केएम जोसेफ की बैंच ने यह आदेश बुधवार को दिल्ली सरकार की अपील पर दिया। अब दिल्ली में अकुशल श्रमिक का न्यूनतम वेतन 13,350 रुपये तथा कुशल श्रमिक का वेतन 16000 रुपये से ज्यादा हो जाएगा।
दिल्ली हाईकोर्ट ने उद्योगपतियों तथा कारोबारियों की रिट याचिका पर 4 अगस्त 2018 को दिल्ली सरकार की न्यूनतम वेतन बढ़ाने की अधिसूचना को निरस्त कर दिया था। 'आप' सरकार ने वेतन बढ़ाने की यह अधिसूचना मार्च 2017 में जारी की थी। इस अधिसूचना से दिल्ली में कामगारों का वेतन देश में सबसे ज्यादा हो गया था। सरकार ने हार्इकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
फैसले पर खुशी जताते हुए आम आदमी पार्टी ने ट्वीट कर कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने न्यूनतम मजदूरी पर हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। शीर्ष अदालत के आदेशानुसार में दिल्ली में न्यूनतम मजदूरी का भुगतान जारी रहेगा और सरकार को तीन महीने के भीतर तकनीकी औपचारिकताओं को पूरा करने का निर्देश दिया जाएगा"



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