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    ये हैं योग का त्रिकोणासन ,मोटापे से परेशान लोगो के लिए रामबाण साबित होगा ये आसन


    त्रिकोणासन का नियमित अभ्यास करने से आपके पेट, कमर, जांघ और नितंब पर जमी अतिरिक्त चर्बी को आसानी से घटाया जा सकता हैं।

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     We News 24» रिपोर्टिंग / दीपक कुमार 

    नई दिल्ली : वि न्यूज 24  योग पाठशाला कॉलम शुरू किया है , जिसमे हमने अपने पहले दिन के योग पाठशाला में आपको बताया ताड़ासन के फायदे आज के योग पाठशाला में बताने जा रहे  है त्रिकोणासन के बारे में .


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    अदि काल से  हमारे ऋषि मुनि का मानना है कि हमारे संपूर्ण शरीर में चारों और ऊर्जा का क्षेत्र है यह ऊर्जा शरीर के अंदर तथा उसके चारों और निश्चित मार्गों पर घूमती है इन्हीं मार्गों को योग की भाषा में नाड़िया कहते हैं . यह प्राणमय कोष होता  इन्हीं नारियों के अवरुद्ध हो जाने से प्राण यानि स्वास  जगह -जगह पर अवरुद्ध यानि रुक जाता  है .जिससे हमारे शरीर में समस्या उत्पन होने लगता है आप अपने शारीरिक  समस्या को योग विद्या से ठिक करते हुए स्वास्थ जीवन जी सकते है आज हम आपके लिए लेकर आये है त्रिकोणासन जो लोग मोटापे जैसी समस्या से जूझ रहे है तो उनके लिए रामबाण है ये त्रिकोणासन 

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    तो आइये जानते है त्रिकोणासन के फायदे 

    त्रिकोणासन योग करते समय शरीर का आकार त्रिकोण यानि ट्रीअंगेल के समान होने के कारण इसे त्रिकोणासन  कहा जाता हैं। मोटापे से परेशान लोगो के लिए यह सबसे सरल और उपयोगी आसन हैं। त्रिकोणासन का नियमित अभ्यास करने से आपके पेट, कमर, जांघ और नितंब पर जमी अतिरिक्त चर्बी को आसानी से घटाया जा सकता हैं।

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    त्रिकोणासन योग की विधि

    दोनों पैरों के बीच  2 से 3 फुट का फासला छोड़कर सीधे खड़े हो जाये।

    दायें पैर (राईट लेग ) को दायी ओर मोड़कर रखे।

    अपने कंधो की उचाई तक दोनों हाथों को बगल में फैलाए।

    अब श्वास ले और दायी ओर (राईट साइड ) झुके। झुकते समय नजर सामने रखे।

    दायें हाथ से दायें पैर को चुने की कोशिश करे।

    बायाँ  हाथ (लेफ्ट हैण्ड) सीधा आकाश की और रखे और नजर बायें हाथ की उंगलियों की और रखे।

    अब वापस  सीधी अवस्था में लौटकर दूसरी और भी हाथ बदलकर यह अभ्यास करे।

    ऐसे कम से कम 20 बार करे।

    शरीर उठाते समय श्वास अन्दर ले औए झुकते समय श्वास छोड़े।

     





    त्रिकोणासन के  लाभ

    यह आसन करने से गर्दन, पीठ, कमर और पैर के स्नायु मजबूत होते हैं।

    शरीर का संतुलन ठीक होता हैं।

    पाचन प्रणाली ठीक होती हैं।

    एसिडिटी से छुटकारा मिलता हैं।

    चिंता, तनाव, कमर और पीठ का दर्द गायब हो जाता हैं।

    पेट पर जमी अतिरिक्त चर्बी और मोटापा दूर करने में सहायक आसन माना जाता हैं।

    शरीर को सुडौल, मजबूर और लचीला बनाता हैं।


    किन्हें  त्रिकोणासन नहीं करना चाहिए 

    लो बी पी , हाई बी पी, माइग्रेन, जुलाब, गर्दन और पीठ की चोट लगने पर यह आसन नहीं करना चाहिए।

    यह आसन करते समय सिरदर्द, चक्कर आना या पीठ दर्द जैसी समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर या योग विशेषज्ञ की सलाह लेना चाहिए।

    त्रिकोणासन के और भी अलग प्रकार है पर यहाँ पर हमने सबसे सरल और उपयोगी त्रिकोणासन के विधि की जानकारी  दी हैं।

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