60-40 Planning Policy:-60-40 नियोजन नीति के विरोध में झारखंड बंद के दूसरे दिन भी छात्रो का प्रदर्शन ,पुलिस सतर्क
We News 24 Digital News» रिपोर्टिंग सूत्र / सूरज महतो
रांची। 60-40 नियोजन नीति के विरोध में झारखंड बंद के दूसरे दिन भी छात्र संगठनों ने विभिन्न जगहों पर प्रदर्शन किया। छात्र संगठनों ने बांस बल्ली से सड़क को जाम कर दिया और जमकर नारेबाजी की। बंद समर्थकों ने कांके चौक, बिरसा चौक, हिनू चौक, डोरंडा चौक समेत में रोड में प्रदर्शन किया। हालांकि, बंद को लेकर पुलिस पहले से सतर्क दिखी। प्रदर्शन कर रहे जितेंद्र कुमार महतो, संजय महतो को बूटी मोड़ में बंद के दौरान गिरफ्तार कर खेलगांव थाना लाया गया है। शहर में गाड़ियों का आवागमन जारी रहा।
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बता दें कि झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन के आह्वान पर 60-40 नियोजन नीति के विरोध में 10 और 11 जून को झारखंड बंद किया गया है। शहर में सुबह से ही गाड़ियों की आवाजाही जारी रही। जबकि बस स्टैंड पर बसों की आवाजाही प्रभावित रही। डिप्टी एसपी कोतवाल प्रकाश सोय ने कहा कि हमने सभी ट्रैफिक सिग्नल और अन्य क्षेत्रों में पर्याप्त बल तैनात किया है। अभी स्थिति स्थिर है। हम लगातार स्थिति पर नजर रख रहे हैं। दुकानें सामान्य रूप से खुल रही हैं। उन्होंने कहा कि किसी ने जबरदस्ती दुकान बंद करवाने की कोशिश की तो कार्रवाई की जाएगी। फिर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
बसों को रोका गया
झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष देवेंद्र नाथ महतो के साथ अन्य सदस्य सुबह से ही शहर के विभिन्न जगहों पर जाकर दुकानदारों और वाहन चालकों से बंद समर्थन की अपील करते दिखे। सभी छात्र नेताओं ने खादगढ़ा बस स्टैंड पर जाकर बसों की आवाजाही बंद रखने की अपील कर रहे थे। सभी छात्र नेताओं ने राज्य सरकार की नियोजन नीति के विरोध में नारे लगाते दिखे। इस दौरान उन्होंने सभी बस एसोसिएशन, ट्रक एसोसिएशन, दुकानदार संघ, बाजार समितियों को बंद में सहयोग करने की अपील कर रहे थे।
मिल रहा सांसद व विधायक का सहयोग
देवेंद्र नाथ महतो ने कहा कि 31 दिवसीय महा जनांदोलन के प्रथम चरण में 42 सत्ता पक्ष के विधायक समेत कुल 72 विधायकों और 13 सांसदों ने लिखित समर्थन दिया है। दूसरे चरण में संपूर्ण झारखंड के हाट बाजार में मांदर नगाड़ा बजाकर और सखुआ पत्ता घुमाकर ग्रामीणों को जागरूक किया गया।
मेडिकल सेवा बंद से मुक्त
उन्होंने कहा कि इस बंद से आवश्यक मेडिकल सेवाओं को बंद से मुक्त रखा गया है। बंद को सफल बनाने के लिए झारखंड के विभिन्न आदिवासी मूलवासी सामाजिक संगठन ने अपना समर्थन दिया है। देवेंद्र ने कहा कि यूनियन की मांग है कि झारखंडी हित में क्षेत्रीय और जनजातीय भाषा से सुसज्जित खतियान आधारित संवैधानिक नियोजन नीति लागू कर सभी रिक्त पदों पर नियुक्ति की जाए।
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