Uttarkashi Tunnel Collapse:-उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिल्क्यारा टनल में भूस्खलन, 35-40 मजदूर टनल में फंसे।
We News 24 Digital News» रिपोर्टिंग सूत्र / उर्वीदत गैरोला
उत्तरकाशी:- में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में रविवार सुबह भूस्खलन हो गया. जिसकी वजह से काम कर रहे 35-40 मजदूर सुरंग में फंस गए. मजदूरों को सुरंग में फंसे हुए 24 घंटों से ज्यादा का वक्त हो चुका है. मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान लगातार चलाया जा रहा है. लेकिन अभी तक कोई मजदूर बाहर नहीं निकल पाया है. हालांकि, राहत की खबर ये है कि सुरंग में फंसे हुए सभी मजदूर सुरक्षित बताए जा रहे हैं. रातभर मजदूरों को निकालने के लिए अभियान चलता रहा. इस दौरान उनसे वॉकी टॉकी के जरिये संपर्क स्थापित किया गया. इस दौरान मजदूरों ने खुद को सुरक्षित बताया और भोजन की मांग की.
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मलबा को रोकने की हो रही कोशिश
बता दें कि कैविटी में गिर रहे मलबे को रोकने का काम भी किया जा रहा है. जिससे मजदूरों को बाहर निकलने में ज्यादा मुश्किल न हो. इसके लिए शॉर्ट क्रिएटिंग मशीन की मदद ली जा रही है. हालांकि अभी तक इस काम में सफलता नहीं मिल रही. जिसके चलते देर रात शॉर्ट क्रिएटिंग मशीन को सुरंग से बाहर निकाला गया. अब लोडर के जरिए लूज मालवा को कैविटी क्षेत्र से 30 से 40 मीटर पीछे की ओर लाया जा रहा है.
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वॉकी-टॉकी के जरिए हुई मजदूरों से बात
सिलक्यारा कंट्रोल रूम ने सोमवार सुबह जानकारी दी कि टनल में फंसे हुए मजदूरों से संपर्क किया गया. कंट्रोल रूम ने बताया कि वॉकी-टॉकी के जरिए मजदूरों से संपर्क करने में सफलता मिली है. कंट्रोल रूम ने सभी मजदूरों को ठीक बताया है. सुरंग में फंसे हुए मजदूरों ने खाने की मांग की है. क्योंकि टनल में पिछले 24 घंटों से मजदूर फंसे हुए हैं. जिन्हें पाइप के जरिए खाना पहुंचाया जा रहा है. जहां मजदूर फंसे हुए हैं वह स्थान रेस्क्यू कर्मचारियों से करीब 60 मीटर दूर है.
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मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने की हो रही हर कोशिश
टनल में फंसे मजदूरों को सुरक्षित रूप से बाहर निकलने की हर कोशिश की जा रही है. जिसके लिए टनल में पानी की आपूर्ति के लिए बिछी पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है. इसी पाइपलाइन के जरिए चना-चबैना के पैकेट कंप्रेसर के जरिए दबाव बनाकर टनल में फंसे मजदूरों तक भेजे गए हैं. बता दें कि सुरंग के अंदर यह पाइपलाइन राहत और बचाव अभियान में काफी मददगार साबित हो रही है. इसी पाइपलाइन के माध्यम से फंसे हुए मजदूरों से संपर्क किया गया है. बता दें कि पहले टनल में फंसे मजदूर तक संदेश भेजने के लिए कागज पर लिखे संदेश की पर्ची पाइप लाइन के जरिए भेजी गई थी, अब हादसे वाले स्थल के पास से इस पाइपलाइन को खोलकर मजदूर तक संदेशों भेजा जा रहा है.
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