दिल्ली में भो हो गया बेंगलुरु जैसा हाल,पानी के लिए मच गया हाहाकार
We News 24 Digital News» रिपोर्टिंग सूत्र / दीपक कुमार
नई दिल्ली:- मुझे रहीमदास का एक दोहा याद आता है. उन्होंने कहा है..'रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून..' रहीमदास ने आज की स्थिति को बहुत पहले भाप लिया था कि आने वाले समय में पानी कितना महत्वपूर्ण हो जयेगा है? उनके दोहे का सीधा सा मतलब है कि पानी के बिना जीवन में कुच्छ भी नहीं है .पानी के बिना लोगों का जीवन व्यर्थ है। एक कहावत भी मशहूर है की 'जल ही जीवन है'। जल के बिना कल की कल्पना नहीं हो सकती।
ये खबर भी पढ़े-सीतामढी लोकसभा प्रत्याशी बताएं कि नेपाल के आसपास के रेल यात्रियों की प्राथमिक जरूरतें कब होंगी पूरी .
दुनिया में लगातार जल संकट गहराता जा रहा है। भारत के साथ-साथ दुनिया के कई देश जल संकट के चपेट में हैं। अगर भारत की बात करें तो हाल ही में झीलों का शहर कहे जाने वाला बेंगलुरु में पानी के लिए हाहाकार मच गया .तिन हजार से ज्यादा बोरवेल सूख गए. हजारों लोग पानी के बूंद के लिए तरसने लगे। हालात बिल्कुल ख़राब हो गया. लोगों के घरो तक पानी पहुंचना बंद हो गया .टैंकर मालिक लोगो से 500 रुपये में बिकने वाले टैंकरों की कीमत 2000 रुपये वसूलने लगे.
ये खबर भी पढ़े-साइबर अपराधी खुद को सीबीआई, आरबीआई, ईडी बताकर कर रहे हैं ब्लैकमेल और जबरन वसूली .
भारत में जल संसाधन मात्र 4 प्रतिशत हैं
हम आपको बताने जा रहे हैं कि बेंगलुरु के अलावा भारत में पांच और शहर हैं, जिन्हें भविष्य में 'बेंगलुरु' जैसी परिस्थिति का सामना करना पड़ सकता है। इन शहरों में भी पानी के लिए हाहाकार मच जाएगा. इन पांच शहरों में दिल्ली, राजस्थान का जयपुर, पंजाब का बठिंडा, मुंबई और चेन्नई शामिल हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जल संकट एक राष्ट्रव्यापी समस्या है. भारत में दुनिया की आबादी का 18 प्रतिशत लोग रहते है लेकिन जल संसाधन की व्यवस्था मात्र 4 प्रतिशत है।
ये खबर भी पढ़े-भारतीय नौसेना का आईएनएस जहाज वियतनाम पहुंचा
40 प्रतिशत भारत के लोगो को नहीं मिलेगा पानी
विशेषज्ञों ने कहा कि भारत का मुख्य जल भंडार पिछले पांच साल में अपने सबसे निचले स्तर पर चला गया है। नीति आयोग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2030 तक 40 फीसदी भारतीयों को पीने का पानी नहीं मिल पाएगा. लगभग 600 मिलियन भारतीय पहले से ही गंभीर जल संकट का सामना कर रहे हैं। रिपोर्ट में चिंताजनक भूजल उपलब्धता वाले 21 शहरों का उल्लेख किया गया है। इसमें दिल्ली, गुरुग्राम, गांधीनगर, जयपुर, चेन्नई, हैदराबाद, आगरा, इंदौर, अमृतसर, वेल्लोर, चेन्नई, लुधियाना शामिल हैं।
ये खबर भी पढ़े-भारतीय नौसेना का आईएनएस जहाज वियतनाम पहुंचा
दिल्ली की आबादी 2.4 करोड़ है. यहां प्रति मिनट 600 मिमी वर्षा होती है, जो आवश्यकता से काफी कम है। दिल्ली अपनी 50 प्रतिशत पानी की जरूरतों के लिए हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब पर निर्भर है। अगर इन राज्यों ने इनकार कर दिया तो दिल्ली बर्बादी की कगार पर पहुंच जाएगी.
मुंबई: मुंबई समुद्र तट पर स्थित है। यहां भारी बारिश होती है. मुंबई अच्छे जल संसाधनों से समृद्ध है लेकिन तेजी से शहरीकरण और जनसंख्या विस्फोट के सामने जल संसाधन प्रबंधन प्रभावी नहीं है, इसलिए भविष्य में यहां पानी की कमी हो सकती है।
जयपुर: जयपुर अपनी पानी की जरूरतों के लिए बाणगंगा नदी पर बने रामगढ़ बांध पर निर्भर है। इसका भूजल स्तर नीचे जा रहा है। शहर को अपने सीमित संसाधनों में ही रहना होगा अन्यथा यहां भी जल संकट उत्पन्न हो सकता है।
बठिंडा: भले ही पंजाब में पाँच नदियाँ हैं, लेकिन इसकी कृषि जल खपत जल संसाधनों की तुलना में बहुत अधिक है। नीति आयोग की रिपोर्ट में पंजाब के कई शहरों पर जल संकट का खतरा मंडरा रहा है.
चेन्नई: तटीय शहर चेन्नई में 1400 मिमी की भारी वर्षा होती है, जो दिल्ली की तुलना में दोगुनी से भी अधिक है और इसकी आबादी बहुत कम है। फिर भी जल निकायों और भूजल स्तर के कंक्रीटीकरण और कुप्रबंधन के कारण इसे पानी की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
संसाधनों के कुप्रबंधन को ठीक करना आवश्यक है
जल की कमी एक मानव निर्मित आपदा है, इसलिए संसाधन के कुप्रबंधन को ठीक करना महत्वपूर्ण है। हम टिक-टिक बम पर बैठे हैं. जहाँ उपभोग है, वहाँ उपभोग उससे भी अधिक है। उदाहरण के लिए, दिल्ली पड़ोसी राज्यों से पानी ले रही है, जहां पहले से ही पानी की कमी है। 1977 से दिल्ली जल बोर्ड लगातार निर्माण की इजाजत देता रहा है, जबकि शहर में ज्यादा पानी नहीं है.
लगातार हो रहे अवैध बहुमंजिला फ्लेट का निर्माण
इसका एक मुख्य वजह है दिल्ली में लगातार हो रहे अवैध बहुमंजिला फ्लेट का निर्माण जो लोकल पुलिस और एमसीडी के भ्रष्ट कर्मचारी के सांठ गाँठ से बन रहा है पहले जिस प्लाट पर एक परिवार रहता था .वंहा फ्लेट बनने से पचास परिवार रहते है जाहिर सी बात है की पानी की खपत भी ज्यादा होगा .कही ना कही इस समस्या के लिए सरकारी एजेंसी जैसे दिल्ली पुलिस एमसीडी भी जिम्मेदार है .
वी न्यूज 24 फॉलो करें और रहे हर खबर से अपडेट


कोई टिप्पणी नहीं
कोमेंट करनेके लिए धन्यवाद