Header Ads

ad728
  • Breaking News

    हार का ठीकरा एवीएम पर फोड़ना ठीक नहीं ,याचिकाकर्ता को सुप्रीम कोर्ट लगाईं फटकार

    हार का ठीकरा एवीएम पर फोड़ना ठीक नहीं ,याचिकाकर्ता को सुप्रीम कोर्ट लगाईं फटकार






    We News 24 Hindi / रिपोर्टिंग सूत्र / अंजली कुमारी 



    नई दिल्ली :- महाराष्ट्र चुनाव में हार के बाद ईवीएम को लेकर विपक्ष की चिंताओं ने एक बार फिर जोर पकड़ा है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर साफ और सख्त रुख अपनाया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा बैलेट पेपर से चुनाव कराने के अभियान की घोषणा के बीच, सुप्रीम कोर्ट ने बैलेट पेपर की वापसी की मांग को खारिज करते हुए इसे अनावश्यक और हार का बहाना करार दिया।



    ये भी पढ़े-बिहटा: बालू लदा ट्रक ने बाइक सवार दंपति को कुचला, पत्नी की मौत



    सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियां:

    1. ईवीएम पर हार का ठीकरा फोड़ने की प्रवृत्ति:
      कोर्ट ने कहा कि जब राजनीतिक दल हारते हैं, तो ईवीएम को दोष देते हैं, लेकिन जीतने पर ईवीएम को लेकर कोई सवाल नहीं उठाते।
    2. बैलट पेपर का कोई औचित्य नहीं:
      कोर्ट ने स्पष्ट किया कि देश में पारदर्शी और आधुनिक प्रणाली के तहत ईवीएम चुनाव का बेहतर विकल्प है।



    हमारे twitter Page को Like करे

    हमारे twitter Page को Like करे

    हमारे WhatsApp Chenal को Join करे

    हमारे WhatsApp Chenal को Join करे

    हमारे Facebook Page को Likeकरे

    हमारे Facebook Page को Likeकरे



    याचिका पर फटकार:

    डा. केए पॉल द्वारा बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग वाली जनहित याचिका पर कोर्ट ने सवाल उठाए और पूछा कि यह विचार कैसे आया। याचिकाकर्ता ने खुद को सामाजिक कार्यकर्ता बताते हुए दुनिया के कई देशों में बैलेट पेपर के उपयोग का तर्क दिया। इस पर कोर्ट ने कहा कि यह मामला उनके क्षेत्र का नहीं है और उनका ध्यान सामाजिक कार्यों पर होना चाहिए।


    ये खबर भी पढ़े -महाराष्ट्र में CM पद को लेकर पेंच फंसा! शिंदे ने उठाया ये कदम, क्या बोले रामदास अठावले


    पृष्ठभूमि:

    देश में ईवीएम 2000 के दशक से चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा रही है। चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट दोनों ही इसके पक्ष में हैं, क्योंकि यह तेज़, पारदर्शी और त्रुटिहीन मानी जाती है। विपक्ष अक्सर हार के बाद इसे मुद्दा बनाता है, लेकिन अब तक इन आरोपों के समर्थन में कोई ठोस सबूत सामने नहीं आया है।

    निष्कर्ष:

    सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी और रुख राजनीतिक दलों के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि चुनावी हार-जीत को लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा मानें और ईवीएम को लेकर अनावश्यक विवाद खड़ा करने से बचें। 

    कोई टिप्पणी नहीं

    कोमेंट करनेके लिए धन्यवाद

    Post Top Ad

    ad728

    Post Bottom Ad

    ad728