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    आख़िरकार देवेंद्र फडणवीस ने जीत लिया किला,तीसरी बार देवेंद्र फडणवीस बनेंगे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री

    आख़िरकार देवेंद्र फडणवीस ने जीत लिया किला,तीसरी बार देवेंद्र फडणवीस बनेंगे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री






    We News 24 Hindi / रिपोर्टिंग सूत्र / अनिल पाटिल 



    मुंबई:- महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव नतीजों के ठीक 11 दिन बाद आखिरकार प्रदेस के मुखिया के नाम पर मुहर लग गई. अपने बेहतरीन प्रदर्शन के साथ बीजेपी ने न सिर्फ सबसे ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज की बल्कि अपना मुख्यमंत्री बनाने का रास्ता भी पूरी तरह साफ कर लिया है. भले ही महायुति में अनबन चलती रही लेकिन आखिरकार हुआ वही जो बीजेपी ने सोचा था. 


    देवेंद्र फडणवीस को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है. यानी महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर देवेंद्र फडणवीस 5 दिसंबर को शपथ लेंगे. देवेंद्र फडणवीस बतौर सीएम तीसरी बार शपथ लेंगे. लेकिन अपने नाम पर मुहर लगने के साथ यानी सीएम पद लेने के साथ-साथ देवेंद्र फडणवीस ने एकनाथ शिंदे और अजित पवार को एक और बड़ा झटका दिया है.  



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    1. बीजेपी का दबदबा:
      चुनावों में शानदार प्रदर्शन के बाद बीजेपी ने अपनी ताकत को साबित किया और महायुति में आंतरिक अनबन के बावजूद, खुद को सरकार बनाने के लिए सबसे उपयुक्त पार्टी के रूप में पेश किया।


    1. बीजेपी की बढ़त:
      बीजेपी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 132 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने में सफलता हासिल की। इसका मतलब है कि जनता का समर्थन उनके पक्ष में रहा।

    2. देवेंद्र फडणवीस का नेतृत्व:
      देवेंद्र फडणवीस तीसरी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। इससे पता चलता है कि बीजेपी ने उनकी नेतृत्व क्षमता पर पूरा भरोसा जताया है।

    3. शिवसेना और एनसीपी की कमजोरी:
      शिवसेना और एनसीपी के विभाजन ने बीजेपी के लिए स्थिति को और भी अनुकूल बना दिया। शिवसेना की 57 और एनसीपी की 41 सीटों ने उनके प्रभाव को सीमित कर दिया।

    4. शिंदे और अजित पवार को झटका:
      एकनाथ शिंदे और अजित पवार की मांगों को नजरअंदाज करते हुए बीजेपी ने अपने शर्तों पर सरकार का गठन सुनिश्चित किया। यह बीजेपी की सशक्त स्थिति और फडणवीस के रणनीतिक कौशल का परिचायक है।

    5. मंत्रालयों का बंटवारा:
      फडणवीस ने मंत्रालयों के बंटवारे में भी अपना दबदबा बनाए रखा। 21-22 मंत्री बीजेपी के होंगे, जबकि शिंदे गुट और अजित पवार को अपेक्षाकृत कम मंत्रालय मिले।


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    यह घटनाक्रम महाराष्ट्र की राजनीति में बीजेपी की बढ़ती शक्ति और विपक्षी दलों की गिरावट को दर्शाता है। फडणवीस के नेतृत्व में सरकार से जनता को क्या उम्मीदें होंगी और यह गठबंधन कितनी स्थिरता दिखाएगा, यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा।


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    1. देवेंद्र फडणवीस का तीसरा कार्यकाल:
      फडणवीस के नेतृत्व को बीजेपी और उसके सहयोगियों द्वारा बार-बार समर्थन मिला है। उनका तीसरी बार मुख्यमंत्री बनना यह साबित करता है कि उनके प्रशासनिक अनुभव और जनता के बीच उनकी स्वीकार्यता को पार्टी ने महत्व दिया।

    2. एकनाथ शिंदे और अजित पवार को झटका:
      मुख्यमंत्री पद पर मुहर लगने के साथ ही देवेंद्र फडणवीस ने शिंदे और पवार को रणनीतिक तौर पर कमजोर कर दिया है। यह दिखाता है कि बीजेपी ने गठबंधन सहयोगियों के दावों के बावजूद अपने लिए बेहतर स्थिति बनाई।

    3. आने वाली चुनौतियां:
      शपथ ग्रहण के बाद, फडणवीस को न केवल गठबंधन को स्थिर रखना होगा, बल्कि जनता के बीच अपनी सरकार की नीतियों और कामकाज के जरिए भरोसा बनाए रखना भी होगा।

    देवेंद्र फडणवीस के तीसरे कार्यकाल से महाराष्ट्र में राजनीतिक स्थिरता और विकास की उम्मीदें जुड़ी हैं। हालांकि, महायुति के सहयोगियों के बीच की अनबन को सुलझाना उनके लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।

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