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    निचिरेन शोशु संप्रदाय की अवैध गतिविधियां भाग-1,दक्षिण कोरिया में कल्याणकारी सुविधा की आड़ में फर्जी मंदिर का निर्माण

     

    दक्षिण कोरियाई समाचार रिपोर्ट करते हैं कि संप्रदाय के दक्षिण कोरियाई कार्यालय पर अधिकारियों द्वारा छापा मारा गया था।
    दक्षिण कोरियाई समाचार रिपोर्ट करते हैं कि संप्रदाय के दक्षिण कोरियाई कार्यालय पर अधिकारियों द्वारा छापा मारा गया था। 

     निचिरेन शोशू संप्रदाय एक जापानी बौद्ध संप्रदाय है, जिसका नाम इसके संस्थापक निचिरेन (1222-1282) के नाम पर रखा गया है। निचिरेन शोशू का मुख्यालय जापान में माउंट फ़ूजी के पास स्थित ताकाईजी मंदिर में है। यह संप्रदाय निचिरेन की शिक्षाओं का अनुसरण करता है, जो लोटस सूत्र (सद्धर्म पुण्डरीक सूत्र) को बौद्ध धर्म का उच्चतम और सबसे अंतिम शिक्षण मानते थे।

    हालांकि, निचिरेन शोशू संप्रदाय पर अपने संप्रदाय को बढ़ाने के लिए अवैध गतिविधियों में शामिल होने के गंभीर आरोप लगे हैं। इस संदर्भ में, कुछ प्रमुख घटनाएं और विवाद इस प्रकार हैं:


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    दक्षिण कोरिया में कल्याणकारी सुविधा की आड़ में निचिरेन शोशु संप्रदाय की अवैध गतिविधियां, फर्जी मंदिर का निर्माण
    फर्जी मंदिर घटना को लेकर नागरिकों का प्रदर्शन





    प्रमुख घटनाएं और विवाद:

    • 1992 फर्जी मंदिर प्रकरण: नवंबर 1992 में, निचिरेन शोशू संप्रदाय ने दक्षिण कोरिया में एक कल्याण सुविधा की आड़ में एक फर्जी मंदिर बनाया। इस मामले का खुलासा होने पर यह घटना बड़ी सामाजिक समस्या बन गई। स्थानीय निवासियों ने इसका विरोध किया और व्यापक मीडिया कवरेज के कारण इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान आकर्षित किया।

    • 1994 बुसान जिला न्यायालय का फैसला: 1994 में, बुसान जिला न्यायालय ने नकली मंदिर बनाने के लिए बड़ी मात्रा में धन की तस्करी के आरोप में संप्रदाय के दक्षिण कोरियाई शिक्षक हिरोमिची मोरी और तीन अन्य को विदेशी मुद्रा नियंत्रण अधिनियम का उल्लंघन करने का दोषी ठहराया।

    • 1995 निर्वासन: 1995 में, आप्रवासन नियंत्रण कानून का उल्लंघन करने के लिए चोमिची इशिबाशी सहित तीन भिक्षुओं पर जुर्माना लगाया गया और उन्हें निर्वासित कर दिया गया।


    • वीजा जारी करने से इनकार: सियोल प्रशासनिक न्यायालय ने एक मुकदमे में कहा कि निचिरेन शोशू एक धार्मिक संगठन है जिसने अतीत में अवैध गतिविधियों के कारण सामाजिक विवाद पैदा किया है। इस आधार पर दक्षिण कोरियाई न्याय मंत्रालय ने धार्मिक वीजा जारी करने से इनकार कर दिया।

    अन्य अवैध गतिविधियाँ

    • हवाला और हुंडी के माध्यम से धन की तस्करी: निचिरेन शोशू संप्रदाय के लोगों पर आरोप है कि वे टूरिस्ट वीजा का दुरुपयोग करके दूसरे देशों में अवैध रूप से प्रवेश करते हैं और हवाला और हुंडी के माध्यम से धन की तस्करी करते हैं। यह धन संप्रदाय की अवैध गतिविधियों को वित्तपोषित करने के लिए उपयोग किया जाता है।

    • धर्म परिवर्तन: निचिरेन शोशू संप्रदाय के लोगों पर यह भी आरोप है कि वे गलत जानकारी देकर दूसरे देशों में प्रवेश करते हैं और वहां धर्म परिवर्तन की गतिविधियों को अंजाम देते हैं।

    इन घटनाओं ने निचिरेन शोशू संप्रदाय की गतिविधियों पर सवाल उठाए और धार्मिक संगठनों के संचालन में पारदर्शिता और कानूनी पालन की आवश्यकता को उजागर किया इस घटना ने न केवल स्थानीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान आकर्षित किया और धार्मिक संगठनों के संचालन पर सवाल उठाए गए।

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