सीरिया में चल रहे गृहयुद्ध पर अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि सीरिया हमारा मित्र नहीं है
We News 24 Hindi / रिपोर्टिंग सूत्र / गौतम कुमार
नई दिल्ली :- सीरिया में गृह युद्ध चरम पर है. देश के राष्ट्रपति बशर अल असद ने सीरिया को छोड़ दिया है और वह किसी अज्ञात स्थान पर चले गए हैं. वहीं सीरिया की राजधानी दमिश्क पर अब विद्रोही गुटों ने कब्जा कर लिया है. इस बीच अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा बयान सामने आया है. ट्रंप का कहना है कि सीरिया हमारा दोस्त नहीं है, इसलिए हमें इसमें नहीं पड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि ये हमारी लड़ाई नहीं है इसलिए अमेरिका को इसमें शामिल नहीं होना चाहिए.
सीरिया का गृह युद्ध और इससे संबंधित राजनीतिक घटनाएं वैश्विक और क्षेत्रीय स्थिरता पर गहरा प्रभाव डाल रही हैं। आपकी जानकारी को संक्षेप में निम्नलिखित मुख्य बिंदुओं में प्रस्तुत किया जा सकता है:
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सीरिया की वर्तमान स्थिति:
बशर अल असद की स्थिति:
- सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद ने देश छोड़ दिया है और वह अज्ञात स्थान पर चले गए हैं।
- सीरिया की राजधानी दमिश्क अब विद्रोही गुटों के नियंत्रण में है।
अमेरिकी प्रतिक्रिया:
- अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बयान दिया है कि "सीरिया हमारा दोस्त नहीं है, और यह हमारी लड़ाई नहीं है।"
- ट्रंप का कहना है कि अमेरिका को सीरिया के गृह युद्ध से दूर रहना चाहिए।
- उन्होंने रूस की भूमिका को भी कमतर बताया, यह कहते हुए कि रूस को सीरिया से कुछ खास फायदा नहीं हुआ है।
सीरिया में अमेरिकी सैनिकों की उपस्थिति:
- वर्तमान में सीरिया में 900 अमेरिकी सैनिक मौजूद हैं।
- ट्रंप पहले भी अपने कार्यकाल में सैनिकों को सीरिया से हटाने की बात कर चुके हैं और राष्ट्रपति पद संभालने के बाद इसे फिर से लागू कर सकते हैं।
- हालांकि, अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि सैनिकों को हटाने से रूस और ईरान को फायदा हो सकता है।
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सीरिया का रणनीतिक महत्व
भौगोलिक स्थिति:
सीरिया की सीमाएँ इराक, तुर्किये, जॉर्डन, लेबनान, और इजराइल से लगती हैं।यह पश्चिम एशिया के व्यापार मार्गों और ऊर्जा गलियारों तक पहुँचने का एक महत्वपूर्ण केंद्र है।रूस और अमेरिका के लिए महत्व:रूस: सीरिया, रूस का पश्चिम एशिया में सबसे भरोसेमंद सहयोगी है। यदि बशर अल असद की सत्ता खत्म होती है, तो यह रूस की रणनीतिक स्थिति को कमजोर करेगा।अमेरिका: विद्रोही गुटों को अमेरिका का समर्थन प्राप्त है। सीरिया पर अमेरिका का प्रभाव कायम रहना पश्चिम एशिया में उसका दबदबा बनाए रखने के लिए आवश्यक है।तेल बाजार पर असर:सीरिया में जारी संघर्ष से कच्चे तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी।भारत जैसे तेल आयात करने वाले देशों पर इसका विशेष असर देखने को मिल सकता है।
चुनौतियां और भविष्य के संभावित परिदृश्य:
गृह युद्ध के परिणाम:बशर अल असद की सत्ता से बेदखली के बाद सीरिया में विद्रोही गुटों, रूस, और अमेरिका के बीच शक्ति संघर्ष तेज हो सकता है।सीरिया में सत्ता का शून्य पैदा होने से क्षेत्रीय स्थिरता और बिगड़ सकती है।अमेरिका का निर्णय:यदि अमेरिका सैनिकों को वापस बुलाता है, तो इससे रूस और ईरान को सीरिया में अपनी पकड़ मजबूत करने का मौका मिल सकता है।दूसरी ओर, अमेरिकी वापसी पश्चिम एशिया में शक्ति संतुलन को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है।आर्थिक और सामाजिक प्रभाव:सीरिया के गृह युद्ध का प्रभाव वैश्विक बाजार, विशेष रूप से तेल की कीमतों पर पड़ेगा।क्षेत्रीय व्यापार मार्गों और सुरक्षा पर भी इसका व्यापक असर होगा।
निष्कर्ष:
सीरिया का संकट केवल एक देश का आंतरिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह पश्चिम एशिया की भू-राजनीतिक स्थिरता और वैश्विक ऊर्जा बाजार के लिए एक बड़ा खतरा है। इसमें अमेरिका, रूस, और ईरान जैसे बड़े खिलाड़ियों की भूमिका इसे और अधिक जटिल बनाती है। आने वाले समय में, सीरिया में शांति और स्थिरता लाना एक बड़ी चुनौती होगी, जिसके लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग और सामरिक संतुलन आवश्यक होगा।
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