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    दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 8 विधायक बढ़ाएंगे केजरीवाल की मुश्किल

    दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 8 विधायक बढ़ाएंगे केजरीवाल की मुश्किल









    We News 24 Hindi / दीपक कुमार 

    नई दिल्ली :- दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा। 'आप' के आठ विधायकों ने बैक टू बैक पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया। बताया जा रहा कि सभी विधायक इस बार टिकट नहीं मिलने से नाराज थे।  सभी ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और स्पीकर को पत्र लिखकर विधानसभा की सदस्यता भी छोड़ दी। वोटिंग से ठीक पहले जिस तरह ये विधायक AAP से अलग हुए उससे अरविंद केजरीवाल की टेंशन बढ़ गई है।


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    ऐसा इसलिए क्योंकि दिल्ली में पांच फरवरी को विधानसभा चुनाव की वोटिंग है। 8 फरवरी को नतीजे आएंगे। आम आदमी पार्टी नेतृत्व की रणनीति यही है कि एक बार फिर दिल्ली में उनकी सरकार बने। इसी रणनीति के चलते पार्टी ने कई सीटों पर अपने उम्मीदवार बदल दिए। सत्ता विरोधी लहर के मद्देनजर ही आप नेतृत्व और पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने करीब दो दर्जन सीटों पर उम्मीदवार बदल दिए। इनमें कई मौजूदा विधायकों के टिकट भी काट दिए गए।

     

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     विधायकों ने आरोप लगाया कि अन्ना हजारे आंदोलन से जन्मी और भ्रष्टाचार मुक्त दिल्ली सुनिश्चित करने के लिए अरविंद केजरीवाल द्वारा गठित 'आप' अब भ्रष्ट हो गई है।"  और अपनी मूल विचारधारा से भटक गई है।उदाहरण के लिए, जनकपुरी के विधायक राजेश ऋषि ने कहा कि AAP अब भ्रष्ट हो चुकी है और इसलिए उन्होंने पार्टी छोड़ दी।भावना गौड़ (पालम से विधायक) ने कहा कि अब AAP पर उनका भरोसा नहीं रहा।


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    इस्तीफा देने वाले सभी विधायक अब भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए हैं। बीजेपी इसे केजरीवाल सरकार की नाकामी के रूप में भुनाने की कोशिश कर रही है। चुनाव से ठीक पहले विधायकों का पार्टी छोड़ना AAP के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। विपक्ष इसे बड़ा मुद्दा बनाएगा और चुनाव प्रचार में इसका इस्तेमाल करेगा।पार्टी के लिए यह भी चुनौती होगी कि जनता को समझा सके कि इन इस्तीफों से AAP पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।


    AAP ने आरोप लगाया कि ये विधायक जनता के लिए उपलब्ध नहीं थे, इसलिए उन्हें टिकट नहीं दिया गया। पार्टी का कहना है कि यह राजनीति का हिस्सा है और इससे चुनावी संभावनाओं पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। इस घटनाक्रम से साफ है कि दिल्ली चुनाव में इस बार मुकाबला काफी दिलचस्प होने वाला है।


    इस्तीफा देने वाले विधायकों में शामिल हैं: 


    1. नरेश यादव (महरौली)
    2. रोहित कुमार (त्रिलोकपुरी)
    3. राजेश ऋषि (जनकपुरी)
    4. मदन लाल (कस्तूरबा नगर)
    5. पवन शर्मा (आदर्श नगर)
    6. भूपेंदर सिंह जून (बिजवासन)
    7. भावना गौड़ (पालम)
    8. गिरीश सोनी

    अब जिन विधायकों ने AAP छोड़ी  है। चुनाव से ऐन पहले इनके अलग होने का नुकसान चुनाव में नजर आ सकता है, क्योंकि इन नेताओं ने पार्टी नेतृत्व और AAP संयोजक केजरीवाल पर सवाल उठाए हैं। पार्टी छोड़ने वाले इन विधायकों ने सोशल मीडिया पर अपने इस्तीफे साझा किए और भ्रष्टाचार समेत अन्य मुद्दों को लेकर आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा। जिस तरह से आम आदमी पार्टी के इन विधायकों ने अपनी ही पार्टी और आलाकमान पर निशाना साधा है, उससे जनता के बीच अच्छा मैसेज नहीं जाएगा।




     पार्टी छोड़ने वाले विधायकों ने AAP नेतृत्व को घेरा 


    मेहरौली से मौजूदा विधायक नरेश  यादव का कहना है कि वे अन्ना आंदोलन की विचारधारा के साथ AAP में शामिल हुए थे, लेकिन अब पार्टी अपने मूल सिद्धांतों से भटक चुकी है।उन्होंने सीधे केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और कहा कि पार्टी पारदर्शिता के बजाय भ्रष्टाचार में फंस गई है।उनका आरोप है कि केजरीवाल का पूरा कार्यकाल एलजी (उपराज्यपाल) और अफसरों को कोसने में ही बीत गया।जनता के विकास कार्य ठप रहे और सरकार अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा पाई। यादव ने कहा कि प्रशासन और अधिकारियों से लगातार टकराव के कारण सरकार जनता के काम नहीं कर पाई।उन्होंने संकेत दिया कि AAP की सरकार सिर्फ बहाने बनाती रही और ठोस नीतियों पर ध्यान नहीं दिया।


    कस्तूरबा नगर से मौजूदा विधायक मदन लाल ने शुक्रवार को दावा किया कि उन्होंने और पार्टी के अन्य विधायकों ने ‘आप’ की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। मदन लाल ने कहा कि उन्होंने अपना त्यागपत्र दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल को भी भेज दिया है। उन्होंने बताया कि आप के सात विधायक इस बात से दुखी हैं कि पार्टी और आलाकमान ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया। वे वर्षों से ईमानदारी से काम कर रहे हैं। हम जल्द ही अपनी भविष्य की रणनीति साझा करेंगे। 

    पालम से दो बार की विधायक भावना गौड़ ने कहा कि मैं आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रही हूं, क्योंकि मेरा आप (केजरीवाल) और पार्टी पर से भरोसा उठ गया है। 

    त्रिलोकपुरी आरक्षित सीट से आप विधायक मेहरौलिया ने भी अपना त्यागपत्र ‘एक्स’ पर शेयर किया। उन्होंने कहा कि ऐसे फर्जी और अवसरवादी लोगों से मेरा रिश्ता आज खत्म हो गया है, जिन्हें बाबा साहेब (आंबेडकर) की सिर्फ तस्वीर चाहिए, उनकी विचारधारा नहीं। मैं आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और अन्य सभी पदों से इस्तीफा देता हूं। ‘आप’ अब भ्रष्ट हो गई है- 


    राजेश ऋषि जनकपुरी के विधायक राजेश ऋषि भी केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी छोड़ने वालों में शामिल हैं। ऋषि ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि अन्ना हजारे आंदोलन से जन्मी और भ्रष्टाचार मुक्त दिल्ली सुनिश्चित करने के लिए अरविंद केजरीवाल द्वारा गठित ‘आप’ अब भ्रष्ट हो गई है, जिसके परिणामस्वरूप मैं भारी मन से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और अन्य सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं। 


     कैसे ये नेता बढ़ाएंगे केजरीवाल की मुश्किल समझिए 

    इस्तीफा देने वाले इन विधायकों के तेवर से साफ है कि इस चुनाव में वो आम आदमी पार्टी की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। उन्होंने जिस तरह से भ्रष्टाचार, पार्टी की तय विचारधारा से दूर जाने के आरोप लगाए उस पर केजरीवाल और दूसरे नेताओं को सफाई देना काफी मुश्किल होगा। जनता के बीच भी ये नेता केजरीवाल को टारगेट करेंगे, ये स्थिति भी पार्टी को परेशान करेगी।


     विपक्ष भी उठाएगा AAP विधायकों का मुद्दा 

    विपक्ष भी इस मुद्दे को चुनाव में भुनाने की कोशिश करेगा। AAP के इन विधायकों ने अपनी पार्टी को घेरा है अब बीजेपी और कांग्रेस के कैंडिडेट इस मुद्दे को जनता में रखेंगे, जिससे आम आदमी पार्टी के लिए स्थिति असहज हो सकती है। इसकी शुरूआत हो चुकी है। कालकाजी विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी ने कहा कि सबको मालूम है कि केजरीवाल ने 10 सालों में कुछ नहीं किया। अब वो जनता को क्या जवाब दें। दिल्ली का विकास हो, दिल्ली प्रदूषण से मुक्त हो, दिल्ली के लोगों को पीने का बढ़िया पानी मिले इसलिए दिल्ली की हित में उन विधायकों ने इस्तीफा दिया है और वे सब बीजेपी को जिताना चाह रहे होंगे।  



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