भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए
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रिपोर्ट काजल कुमारी ,24 अप्रैल 2025
जम्मू-कश्मीर :- के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ पांच प्रमुख फैसले लिए गए, जिनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना और पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना शामिल है।
पहलगाम हमले की पृष्ठभूमि
पहलगाम के बैसरन घाटी क्षेत्र में हुए इस आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई, जिनमें भारत के विभिन्न राज्यों के पर्यटक और एक नेपाली नागरिक शामिल थे। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी संगठन 'द रजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) ने ली है। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, हमले का मास्टरमाइंड लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद है, जो पाकिस्तान में स्थित है।
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भारत सरकार के प्रमुख फैसले
1. सिंधु जल संधि का निलंबन
भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह संधि तभी बहाल की जाएगी जब पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद का समर्थन करना बंद कर देगा। इस संधि के तहत पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों के पानी का उपयोग करने की अनुमति थी। इस कदम से पाकिस्तान की कृषि और बिजली उत्पादन पर गंभीर प्रभाव पड़ने की आशंका है, क्योंकि देश की 80% खेती इन्हीं नदियों के पानी पर निर्भर है।
2. पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द
भारत ने सार्क वीजा छूट योजना (SVES) के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को भारत आने की अनुमति नहीं देने का फैसला किया है। इस योजना के तहत पहले जारी किए गए सभी वीजा रद्द कर दिए गए हैं और भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का निर्देश दिया गया है। अटारी-वाघा सीमा पर पाकिस्तानी नागरिकों को वापस जाने के लिए आते देखा गया।
3. राजनयिक संबंधों में कटौती
भारत ने नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य और नौसेना व वायुसेना सलाहकारों को 7 दिनों के भीतर देश छोड़ने को कहा है। साथ ही, भारत ने पाकिस्तान में स्थित अपने उच्चायोग से सलाहकारों को वापस बुला लिया है। पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर से पुलिस ने बैरिकेड भी हटा दिए हैं।
4. अटारी चेक पोस्ट बंद
भारत ने अटारी एकीकृत चेक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद करने का फैसला किया है। इससे दोनों देशों के बीच आवाजाही और छोटे स्तर पर होने वाला व्यापार पूरी तरह बंद हो जाएगा। हुसैनीवाला बॉर्डर पर होने वाली दैनिक बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी भी बंद कर दी गई है।
5. पाकिस्तान सरकार के सोशल मीडिया अकाउंट पर प्रतिबंध
केंद्र सरकार ने पाकिस्तान सरकार के X (पूर्व में ट्विटर) हैंडल को भारत में बैन कर दिया है।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
भारत के इन कदमों के जवाब में पाकिस्तान ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) की आपातकालीन बैठक बुलाई है, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ करेंगे। इस बैठक में रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ, सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और ISI प्रमुख असीम मलिक सहित शीर्ष नागरिक और सैन्य नेतृत्व शामिल होंगे।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत पर 'फाल्स फ्लैग ऑपरेशन' का आरोप लगाते हुए कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद का शिकार होने के बावजूद इसे बढ़ावा नहीं दे सकता। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान भारत को "मुंहतोड़ जवाब" देने की स्थिति में है।
सुरक्षा तैयारियाँ
पाकिस्तान ने भारत की संभावित सैन्य कार्रवाई के डर से अपनी सैन्य तैयारियाँ बढ़ा दी हैं:
पाकिस्तानी वायुसेना ने 18 लड़ाकू विमान (चीन निर्मित JF-17) कराची एयरबेस से भारतीय सीमा के नजदीक लाहौर और रावलपिंडी के एयरफोर्स स्टेशनों पर तैनात किए हैं।
लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) पर पाकिस्तानी सेना की तैनाती बढ़ा दी गई है।
पाकिस्तान ने अरब सागर में फायरिंग अभ्यास शुरू कर दिया है और 24-25 अप्रैल को कराची तट से मिसाइल परीक्षण की योजना बनाई है।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अमेरिका ने पहलगाम हमले के बाद अपने नागरिकों के लिए जम्मू-कश्मीर की यात्रा से बचने की चेतावनी जारी की है। ब्रिटेन ने हमले में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि वह "दुख के इस समय में भारत के साथ" है।
भारत की आंतरिक तैयारियाँ
भारत सरकार ने पहलगाम हमले पर चर्चा के लिए सभी राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई है5। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन तेज कर दिया है, जिसमें उधमपुर और पुंछ में मुठभेड़ें हुई हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर में पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और रॉ व आईबी प्रमुखों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की।
इन कदमों से स्पष्ट है कि भारत सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले को गंभीरता से लेते हुए पाकिस्तान के खिलाफ राजनीतिक, आर्थिक और कूटनीतिक मोर्चे पर व्यापक कार्रवाई शुरू कर दी है। यह भारत की आतंकवाद के प्रति शून्य सहनशीलता की नीति को दर्शाता है।
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