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    बिहटा में उमड़ा जनसैलाब: पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में कैंडल मार्च, गूंजे 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' के नारे


    बिहटा में उमड़ा जनसैलाब पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में कैंडल मार्च, गूंजे 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' के नारे


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    रईस अहमद/बिहटा | 23 अप्रैल 2025

    बिहटा, पटना: जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम में मंगलवार देर शाम हुए भीषण आतंकी हमले के खिलाफ बुधवार को बिहार के बिहटा इलाके में जनसैलाब उमड़ पड़ा। बाबा बिटेश्वरनाथ मंदिर से शुरू हुआ कैंडल मार्च आतंक के खिलाफ एकजुटता और शहीदों के प्रति श्रद्धा का प्रतीक बन गया।

    यह आयोजन सिर्फ एक सांकेतिक विरोध नहीं था, बल्कि यह उस आक्रोश और पीड़ा की अभिव्यक्ति थी, जो देश की जनता के दिल में आतंकवाद के खिलाफ उफन रही है। कैंडल मार्च में हजारों की संख्या में स्थानीय लोग, छात्र-छात्राएं, महिलाएं और बुजुर्ग शामिल हुए। मार्च के दौरान ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’, ‘आतंकवाद हाय-हाय’ और ‘शहीदों अमर रहें’ जैसे नारों से पूरा इलाका गूंज उठा।


    बिहटा में उमड़ा जनसैलाब पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में कैंडल मार्च, गूंजे 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' के नारे



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    क्या हुआ पहलगाम में?

    मंगलवार, 22 अप्रैल की शाम जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में एक बर्बर आतंकी हमला हुआ। आतंकियों ने एक टूरिस्ट बस को निशाना बनाया जिसमें गुजरात, महाराष्ट्र और बिहार के पर्यटक सवार थे। प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार, 24 से अधिक लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हैं। यह हमला लेथपोरा-पहलगाम मार्ग पर हुआ जब बस एक संकरी घाटी से गुजर रही थी।
    इस हमले की जिम्मेदारी अब तक किसी आतंकी संगठन ने नहीं ली है, लेकिन खुफिया एजेंसियों को लश्कर-ए-तैयबा की संलिप्तता की आशंका है।


    बिहटा में उमड़ा जनसैलाब पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में कैंडल मार्च, गूंजे 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' के नारे



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    बिहटा की भावनाएं – एकजुटता और आक्रोश

    बिहटा में हुए कैंडल मार्च का नेतृत्व स्थानीय समाजसेवियों और युवाओं ने किया। लोगों के हाथों में मोमबत्तियाँ थीं और आँखों में आंसू। महिलाएं, जिनमें कई गृहिणियाँ और छात्राएँ थीं, आतंक के खिलाफ खड़ी रहीं और मारे गए निर्दोष पर्यटकों को श्रद्धांजलि दी।

    कैंडल मार्च के समापन पर दो मिनट का मौन रखकर मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई। इसके बाद स्थानीय लोगों ने सरकार से मांग की कि घाटी में पर्यटकों की सुरक्षा के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए जाएँ और इस हमले के दोषियों को जल्द से जल्द सज़ा दी जाए।

    जनता का सवाल – आखिर कब तक?

    कई प्रतिभागियों ने सवाल उठाया कि अगर कश्मीर में शांति की बात हो रही है, तो ऐसी घटनाएं कैसे हो रही हैं? क्या आम नागरिक अब भी वहां सुरक्षित नहीं हैं?
    एक स्थानीय निवासी शिवम कुमार ने कहा, “देशभर के लोग कश्मीर को प्यार से देखने जाते हैं, मगर बदले में आतंक मिलता है। सरकार को सिर्फ बयान नहीं, ठोस कार्रवाई करनी चाहिए।”



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    राजनीतिक प्रतिक्रिया और कार्रवाई की माँग

    बिहार से लेकर दिल्ली तक नेताओं ने हमले की निंदा की है। लेकिन बिहटा के युवाओं का साफ संदेश है – "अब केवल निंदा नहीं, निर्णायक कदम चाहिए।"
    उनकी मांग है कि केंद्र सरकार इस हमले को ‘राष्ट्रीय सुरक्षा पर हमला’ मानते हुए आतंकवाद के खिलाफ Zero Tolerance नीति अपनाए।


    📌 नोट: इस कैंडल मार्च में सुरक्षा के भी पर्याप्त इंतजाम थे, और पूरा कार्यक्रम शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। 

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