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    जानकी नवमी पर सीतामढ़ी पुनौरा धाम में उमड़ा आस्था का सैलाब, श्रीराम कथा के दूसरे दिन श्रद्धालुओं की भीड़

    जानकी नवमी पर सीतामढ़ी पुनौरा धाम में उमड़ा आस्था का सैलाब, श्रीराम कथा के दूसरे दिन श्रद्धालुओं की भीड़



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    🖋️ रिपोर्टिंग: पवन साह 

    📍 पुनौराधाम, सीतामढ़ी 
    🗓️ मंगलवार, 29 अप्रैल 2025

    जानकी नवमी के पावन अवसर पर पुनौराधाम स्थित सीता प्रेक्षा गृह में चल रही नौ दिवसीय श्रीराम कथा के दूसरे दिन भक्ति और आस्था की गंगा बहती दिखी। मिथिला राघव परिवार की ओर से आयोजित इस भव्य आयोजन में मंगलवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी।

    कथा के दूसरे दिन मुख्य यजमान जानकी नंदन पांडे द्वारा गुरु पूजन किया गया। वैदिक विधि-विधान से पूजन संपन्न कराया गया, जिसका संचालन आचार्य अवधेश शास्त्री ने किया।



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    जगतगुरु श्री रामभद्राचार्य जी महाराज ने कथा प्रारंभ करते हुए ‘जनक सुता जग जननी जानकी...’ चौपाई का सस्वर गायन किया और कहा,
    “माता सीता की प्राकट्य भूमि पुनौराधाम में कथा उनके ही आशीर्वाद से संभव होती है। यह कथा सोलहवें वर्ष में प्रवेश कर रही है, जो माता की विशेष कृपा का प्रतीक है।”

    जगतगुरु ने सीता-राम की एकता पर गूढ़ विवेचना करते हुए कहा,
    “सीता ही राम हैं और राम ही सीता हैं। अवध में राम सच्चिदानंद ब्रह्म हैं, तो मिथिला में सीता संविदानंद परम ब्रह्म हैं। दोनों एक ही तत्व हैं, दोनों ब्रह्म हैं।”



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    उन्होंने आगे कहा कि सीता स्वयं उपनिषद की आचार्या हैं। सीतोपनिषद का अध्ययन कर सीता तत्व को समझा जा सकता है। राम और सीता के विवाह को त्रेतायुग से आज तक मिथिला की धरती पर गायन के रूप में जीवंत रखा गया है। यह अलौकिक विवाह आज भी श्रद्धा का केंद्र है।

    जगतगुरु ने भगवान राम द्वारा ताड़का और सुबाहु वध, राजा जनक के धनुष यज्ञ, राम-लखन का आमंत्रण और सीता स्वयंवर से जुड़े प्रसंगों की भावपूर्ण व्याख्या की। उन्होंने कहा,
    “राम से प्रेम ही सच्चा पांडित्य है। उनके चरणों से प्रेम करने पर सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं।”


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    कथा के अंत में श्रद्धालुओं ने पुष्पांजलि अर्पित कर जगतगुरु से आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर संत मुठिया बाबा, संयोजक राम शंकर शास्त्री, रघुनाथ तिवारी, मारुति नंदन पांडे, त्रिपुरारी सिंह, मधुकर राय, जितेश कुमार, रंजन कुमार, अन्नू श्रीवास्तव, बाल्मीकि कुमार सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। 

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