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    दिल्ली एनसीआर में लाउडस्पीकर बजाने पर देना होगा 1 लाख रुपए का जुर्माना

    दिल्ली एनसीआर में लाउडस्पीकर बजाने पर देना होगा 1 लाख रुपए का जुर्माना




    We News 24 Hindi / रिपोर्ट :-काजल कुमारी 



    नई दिल्ली :- दिल्ली सरकार ने लाउडस्पीकर के उपयोग को लेकर नए सख्त नियम जारी किए हैं। अब बिना अनुमति के लाउडस्पीकर चलाने पर 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। यह निर्णय शहर में शोर प्रदूषण को नियंत्रित करने और नागरिकों को शांतिपूर्ण वातावरण प्रदान करने के लिए लिया गया है।




    🔊 

    1. अनुमति लेना अनिवार्य

    • धार्मिक स्थल, सार्वजनिक समारोह, रैलियाँ या कोई भी आयोजन जहाँ लाउडस्पीकर का उपयोग हो, उसके लिए पुलिस से अनुमति लेनी होगी।

    • बिना परमिट के लाउडस्पीकर चलाने पर जुर्माना + उपकरण जब्ती की कार्रवाई होगी।









    2. ध्वनि सीमा (डेसिबल) के नियम


    स्थानदिन (6 AM - 10 PM)रात (10 PM - 6 AM)
    आवासीय क्षेत्र55 dB45 dB
    औद्योगिक क्षेत्र75 dB70 dB
    शांत क्षेत्र (हॉस्पिटल, स्कूल, कोर्ट)50 dB40 dB

    • निजी स्थानों पर सामान्य से 5 dB अधिक आवाज नहीं होनी चाहिए।


    • सार्वजनिक स्थानों पर सामान्य से 10 dB अधिक आवाज की अनुमति नहीं है।






    3. जुर्माने का प्रावधान


    ✅ लाउडस्पीकर का दुरुपयोग:

    • 10,000 रुपये जुर्माना + उपकरण जब्ती

    ✅ जनरेटर के लिए जुर्माना:

    • 1000 kVA से अधिक: 1 लाख रुपये

    • 62.5 kVA - 1000 kVA: 25,000 रुपये

    • 62.5 kVA से कम: 10,000 रुपये






    🚨 क्यों लागू किए गए ये नियम?


    • शोर प्रदूषण से निपटने के लिए (WHO के अनुसार, 50 dB से अधिक आवाज स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है)।

    • रात की शांति बनाए रखने के लिए।


    • अनावश्यक धार्मिक/राजनीतिक आयोजनों पर नियंत्रण करना।


    📢 क्या ये नियम UP जैसे अन्य राज्यों में भी लागू हैं?

    हाँ, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में भी लाउडस्पीकर पर सख्त नियम हैं।




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    📌 निष्कर्ष:

    दिल्ली सरकार का यह कदम नागरिकों की शांति और स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर उठाया गया है। अगर आप किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में लाउडस्पीकर का उपयोग करना चाहते हैं, तो पहले पुलिस से अनुमति लें, वरना भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है।

    📢 क्या आपको लगता है कि दिल्ली सरकारका  यह नियम सही है? कमेंट में बताएं! 



    डेसिबल (dB) क्या होता है? ध्वनि सीमा की पूरी जानकारी

    डेसिबल (Decibel, dB) ध्वनि की तीव्रता (लाउडनेस) मापने की एक इकाई है। यह बताता है कि कोई आवाज कितनी जोरदार या हल्की है। डेसिबल का स्तर जितना अधिक होगा, आवाज उतनी ही तेज और संभावित रूप से हानिकारक होगी।




    🔊 डेसिबल के स्तर और उदाहरण:


    डेसिबल (dB)                  उदाहरण                                              प्रभाव

    0 dB               पूर्ण शांति (सुनने की सीमा)                    कोई आवाज नहीं
    20-30 dB              फुसफुसाहट, शांत कमरा                         बिल्कुल सुरक्षित
    40-50 dB          सामान्य बातचीत, फ्रिज की आवाज            सामान्य, कोई नुकसान नहीं
    60-70 dB        ऑफिस का शोर, AC की आवाज                 लंबे समय तक रहने पर तनाव हो सकता है
    80-90 dB         यातायात का शोर, ब्लेंडर                         कानों को नुकसान पहुँच सकता है
    100-110 dB ड्रिल मशीन, रॉक कॉन्सर्ट                         15 मिनट से अधिक खतरनाक
    120 dB+         सायरन, जेट विमान का इंजन                  तुरंत कानों को नुकसान



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    📢 दिल्ली में ध्वनि सीमा के नियम:


    दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के अनुसार:

    • आवासीय क्षेत्र:

      • दिन (6 AM - 10 PM): 55 dB

      • रात (10 PM - 6 AM): 45 dB


    • औद्योगिक क्षेत्र:

      • दिन: 75 dB, रात: 70 dB

    • शांत क्षेत्र (हॉस्पिटल, स्कूल, कोर्ट):

      • दिन: 50 dB, रात: 40 dB



     अधिक डेसिबल के नुकसान:

    1. सुनने की क्षमता कम होना (बहरापन का खतरा)।

    2. तनाव, नींद में खलल, हाई बीपी जैसी समस्याएँ।

    3. ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत (विशेषकर बच्चों के लिए)।




     डेसिबल कैसे चेक करें?

    आप मोबाइल ऐप्स (जैसे: Sound Meter, Decibel X) की मदद से अपने आसपास का शोर स्तर माप सकते हैं।



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    ❓ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल:

    Q1. 85 dB से अधिक आवाज कितनी देर सहन कर सकते हैं?
    → WHO के अनुसार, 8 घंटे से अधिक 85 dB की आवाज सुनने से कानों को नुकसान हो सकता है।

    Q2. लाउडस्पीकर पर रोक क्यों लगाई गई?
    → अनियंत्रित शोर से स्वास्थ्य समस्याएँ और सामाजिक तनाव बढ़ता है, इसलिए नियम बनाए गए हैं।

    Q3. क्या मंदिर/मस्जिद में लाउडस्पीकर चलाने की अनुमति है?
    → हाँ, लेकिन ध्वनि सीमा (55 dB दिन, 45 dB रात) का पालन करना अनिवार्य है।




    📌 निष्कर्ष:

    डेसिबल ध्वनि की तीव्रता का पैमाना है, और अधिक शोर शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। दिल्ली सरकार ने नए नियम बनाकर शोर प्रदूषण को नियंत्रित करने का प्रयास किया है।


    🔊 क्या आपके इलाके में अत्यधिक शोर होता है? कमेंट में शेयर करें!

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