भारत के खिलाफ पाकिस्तान-तुर्की का बड़ी साजिश: SADAT और IDSB का खतरनाक नेटवर्क
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🆆🅴🅽🅴🆆🆂 24 डिजिटल डेस्क
✍️ Reporting By :Kajal Kumari Updated : 26 May 2025
नई दिल्ली :- भारत के खिलाफ वैश्विक मंचों पर चल रही प्रॉक्सी वॉर में पाकिस्तान और तुर्की का गठजोड़ एक खतरनाक रूप ले चुका है। इसके केंद्र में खड़े हैं तुर्की आधारित संगठन SADAT और IDSB, जो NGO और मानवाधिकार की आड़ में इस्लामी कट्टरता और भारत विरोधी प्रोपेगैंडा को बढ़ावा दे रहे हैं। आइए, इन संगठनों के नेटवर्क, उनके मोड्स ऑपरेंडी और एजेंडे की गहराई से पड़ताल करते हैं।
SADAT डिफेंस कंसल्टेंसी: इस्लामी जेहाद को देती है ताकत
SADAT Defense Consultancy की स्थापना तुर्की के पूर्व ब्रिगेडियर अदनान तनरीवर्दी ने की थी, जो कभी राष्ट्रपति एर्दोआन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार थे। SADAT का घोषित उद्देश्य इस्लामी देशों को सैन्य प्रशिक्षण देना है, लेकिन हकीकत में यह संगठन "इस्लामी यूनियन आर्मी" की दिशा में काम कर रहा है।
SADAT ने सीरिया, लीबिया, अज़रबैजान में भाड़े के लड़ाकों की भर्ती और तैनाती की।
हामास, अल-कायदा और मुस्लिम ब्रदरहुड जैसे संगठनों को अप्रत्यक्ष समर्थन देता है।
भारतीय एजेंसियों के मुताबिक SADAT के प्रशिक्षित लड़ाके पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क्स से जुड़े हैं।
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IDSB: NGO की आड़ में वैश्विक इस्लामी नेटवर्क
Islamic World NGO Association (IDSB), जिसे तुर्की में "İslam Dünyası Sivil Toplum Kuruluşları Birliği" कहा जाता है, सैकड़ों इस्लामिक NGOs का एक अंब्रेला संगठन है। इसका घोषित उद्देश्य इस्लामी उम्मा की एकता है, लेकिन यह भारत, फ्रांस, UAE, इज़राइल के खिलाफ नफरत फैलाने वाले अभियानों का संचालन करता है।
CAA, NRC और कश्मीर के मुद्दे पर भारत के खिलाफ वेबिनार और झूठे प्रोपेगैंडा चलाता है।
IHH जैसे संगठनों से जुड़ा, जो ISIS और अल-कायदा के साथ कथित संबंधों के लिए जांच में रहे हैं।
कश्मीर, फिलिस्तीन जैसे मुद्दों के नाम पर भारत विरोधी अभियानों में सक्रिय।
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SADAT-IDSB Nexus: NGOs के जरिए प्रॉक्सी वॉर
SADAT और IDSB मिलकर एक ऐसा नेटवर्क बनाते हैं जहां सैन्य ताकत और कट्टर विचारधारा भारत के खिलाफ इस्तेमाल होती है।
ये नेटवर्क RToK (Rights to Kashmir), Kashmir Civitas, LFOVK और TRT World जैसे प्लेटफॉर्म को समर्थन देता है।
"इंडिया = इज़राइल" और "सेटलर कॉलोनियलिज्म" जैसे नैरेटिव्स को दुनिया भर में फैलाता है।
UN, OIC और यूरोपीय संस्थाओं में भारत के खिलाफ लॉबिंग करता है।
भारत के लिए खतरे की घंटी
SADAT और IDSB जैसे संगठन सिर्फ वैचारिक युद्ध नहीं, बल्कि सुनियोजित प्रॉक्सी वॉर चला रहे हैं। इनके निशाने पर भारत की वैश्विक छवि, आर्थिक हित और रणनीतिक स्थिरता है। यह साजिश पाकिस्तान और तुर्की की संयुक्त रणनीति का हिस्सा है।
भारत को इस वैश्विक नेटवर्क से निपटने के लिए एक सख्त और बहुस्तरीय रणनीति अपनाने की जरूरत है — कूटनीतिक, साइबर, खुफिया और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एकजुट होकर।
निष्कर्ष
SADAT और IDSB जैसे संगठनों का पर्दाफाश करना और इनकी गतिविधियों पर नजर रखना न केवल भारत की सुरक्षा, बल्कि वैश्विक शांति के लिए भी बेहद जरूरी है। यह सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि एक चेतावनी है — कि हमें अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए जागरूक और एकजुट रहना होगा।
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