सीतामढ़ी में जानकी नवमी का अलौकिक उत्सव: रामलीला के साथ माँ जानकी की जन्मभूमि के कायाकल्प का संकल्प
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🗓️ प्रकाशन तिथि: 7 मई 2025
✍️ पवन साह
सीतामढ़ी संवाददाता, We News 24
सीतामढ़ी, 7 मई 2025: माँ सीता की पावन जन्मस्थली सीतामढ़ी आज जानकी नवमी के अवसर पर भक्ति और उल्लास के रंग में रंगी दिखी। शहर के श्री राधा कृष्ण गोयंका महाविद्यालय का खेल मैदान भक्तिमय वातावरण से सराबोर था, जहाँ कला, संस्कृति एवं युवा विभाग बिहार सरकार और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में श्री जानकी जन्मोत्सव आयोजन समिति द्वारा आयोजित भव्य रामलीला का मंचन हो रहा था।
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युद्ध प्रसंग ने बांधा समा:
तीन दिवसीय इस रामलीला के आज के मंचन में युद्ध प्रसंग, विशेष रूप से मेघनाथ वध और रावण वध का सजीव और हृदयस्पर्शी चित्रण किया गया। कलाकारों के सशक्त अभिनय ने दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया। मैदान में मौजूद हर आंख मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के शौर्य और बुराई पर अच्छाई की विजय को देख रही थी। जय श्रीराम और जय सियाराम के जयकारों से पूरा वातावरण गूंज उठा।
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मंत्रियों की गरिमामयी उपस्थिति:
इस पुण्य अवसर पर बिहार सरकार के कला, संस्कृति एवं युवा मंत्री श्री मोतीलाल प्रसाद और पर्यटन मंत्री श्री राजू सिंह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। श्री जानकी जन्मोत्सव आयोजन समिति के अध्यक्ष श्री पंकज कुमार ने पर्यटन मंत्री श्री राजू सिंह को प्रेम और सम्मान का प्रतीक अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया, वहीं कार्यक्रम प्रभारी विशाल कुमार ने उन्हें पावन ग्रंथ रामचरितमानस अर्पित किया। यह सम्मान सिर्फ एक मंत्री का नहीं, बल्कि उस भावना का था जो सीतामढ़ी के लोग अपनी जन्मभूमि के विकास के प्रति रखते हैं।
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माँ सीता की जन्मभूमि के विकास का संकल्प:
पर्यटन मंत्री श्री राजू सिंह ने अपने संबोधन में समस्त जिलावासियों को जानकी नवमी की हार्दिक बधाई दी और सीतामढ़ी के भविष्य को लेकर एक स्वर्णिम तस्वीर पेश की। उन्होंने विश्वास दिलाया कि माता जानकी का भव्य मंदिर बनने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। उन्होंने कहा, "अब वो दिन दूर नहीं जब पूरे देश और दुनिया से लोग अयोध्या में राम मंदिर दर्शन के बाद सीधे माँ सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी आएंगे।"
मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि पर्यटकों के आगमन के लिए आवश्यक विश्वस्तरीय इंफ़्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए बिहार सरकार पूरी तरह संकल्पित है। उन्होंने बताया कि पुनौरा धाम में ज़मीन अधिग्रहण का काम तेज़ी से चल रहा है और रामायण सर्किट के तहत आने वाले सभी मंदिरों का कायाकल्प किया जाएगा। अयोध्या से सीतामढ़ी तक रामायण पथ का निर्माण भी शुरू हो चुका है, जो दोनों पवित्र स्थलों को जोड़ेगा।
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रेलवे कनेक्टिविटी में ऐतिहासिक सुधार:
श्री राजू सिंह ने केंद्र सरकार के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने बताया कि सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय सुविधाएँ प्रदान करने हेतु पिछले वर्ष मोदी सरकार ने 272 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, और अब रेलवे दोहरीकरण के लिए 4540 करोड़ रुपये और स्वीकृत हुए हैं। ये कदम सीतामढ़ी को उत्तर भारत और बिहार का एक महत्वपूर्ण पर्यटन केंद्र बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे।
भव्य समापन और राज्याभिषेक:
तीन दिवसीय रामलीला का समापन अत्यंत भक्तिमय माहौल में हुआ। राज्याभिषेक के मंचन के बाद, सैकड़ों महिलाओं ने मिलकर श्री राम, माता सीता सहित पूरे राम परिवार की आरती उतारी। यह दृश्य देखकर हर किसी की आंखें नम थीं और हृदय में भक्ति का ज्वार उमड़ रहा था।
इस कार्यक्रम में विधान पार्षद श्री वंशीधर बृजवासी सहित श्री जानकी जन्मोत्सव आयोजन समिति के कई प्रमुख सदस्य और स्थानीय गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे, जिनमें पंकज कुमार, बबलू विशाल कुमार, प्रदीप कुमार, नीरज कुमार गोयनका, पारस सिंह, रणधीर कुमार, सोहन कुमार, सुमित कुमार, अमरेन्द्र कुमार, अनिल कुमार, नरेंद्र शर्मा, आशीष व्याहुत, आशुतोष कुमार, संजय कुमार, गौतम कुमार, अमित कुमार, राजू कुमार, विशाल कुमार बिट्टू, धीरज जायसवाल प्रमुख थे।
जानकी नवमी का यह उत्सव सीतामढ़ी के लोगों के लिए सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि अपनी जन्मभूमि के गौरवशाली भविष्य की ओर बढ़ते कदमों का प्रतीक बन गया। माँ सीता की कृपा से सीतामढ़ी निश्चित रूप से विकास के पथ पर अग्रसर होगा।
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