54 साल बाद मॉक ड्रिल: पाकिस्तान से तनाव के बीच सरकार की बड़ी तैयारी, जानें कब, कैसे और क्यों
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🗓️ प्रकाशन तिथि: 7 मई 2025
✍️ प्रियंका जायसवाल
संवाददाता, We News 24
नई दिल्ली: पाकिस्तान से जारी तनाव के बीच भारत सरकार ने एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। 54 साल बाद, 1971 के युद्ध के बाद पहली बार, देश के 25 राज्यों के 244 सीमावर्ती और तटीय जिलों में बड़े पैमाने पर नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है। यह अभ्यास बुधवार, 7 मई को होगा और इसका मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान के साथ किसी भी संभावित संघर्ष की स्थिति में प्रभावी नागरिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
क्यों 54 साल बाद हो रही है यह ड्रिल?
इस मॉक ड्रिल का समय अत्यंत महत्वपूर्ण है। आखिरी बार इस तरह की ड्रिल 1971 में आयोजित की गई थी, जिस साल भारत और पाकिस्तान के बीच दो मोर्चों पर युद्ध हुआ था। वर्तमान में, दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर है। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे। भारत ने इस हमले का बदला लेने के लिए पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकियों के ठिकानों पर "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत स्ट्राइक की हैं।
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इस बढ़ते तनाव और किसी भी संभावित युद्ध की आशंका को देखते हुए, केंद्र सरकार ने नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। गृह मंत्रालय के तहत नागरिक सुरक्षा के अतिरिक्त महानिदेशक बी संदीपकृष्ण ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर इस व्यापक अभ्यास का निर्देश दिया है। यह कदम संभावित हवाई हमलों, ब्लैकआउट और अन्य आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए नागरिकों और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को तैयार करने के लिए उठाया गया है।
कैसे होगी मॉक ड्रिल और क्या है तैयारी?
गृह मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, मॉक ड्रिल में कई महत्वपूर्ण पहलू शामिल होंगे:
चेतावनी सायरन प्रणाली का परीक्षण: हवाई आक्रमण की स्थिति में चेतावनी सायरन प्रणाली के सही संचालन को परखा जाएगा।
नागरिकों और छात्रों का प्रशिक्षण: आम लोगों और छात्रों को आक्रमण की स्थिति में खुद को बचाने और अन्य नागरिक सुरक्षा पहलुओं का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें सुरक्षित स्थानों पर जाना, आश्रय लेना और आपातकालीन स्थितियों में प्रतिक्रिया करना शामिल होगा।
ब्लैकआउट का अभ्यास: अचानक बिजली गुल होने (ब्लैकआउट) का अभ्यास भी होगा, ताकि लोग ऐसी स्थिति में आवश्यक कदम उठाने के लिए तैयार रहें।
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अहम प्रतिष्ठानों की सुरक्षा: महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की पहचान छिपाने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बंदोबस्त किए जाएंगे, ताकि दुश्मन के विमान उन्हें आसानी से निशाना न बना सकें।
सुरक्षित निकासी योजना: हमले की स्थिति में आम लोगों की सुरक्षित निकासी की योजना बनाई जाएगी और उसका बार-बार पूर्वाभ्यास किया जाएगा।
संचार व्यवस्था का परीक्षण: वायुसेना के साथ हॉटलाइन और रेडियो संपर्क सुचारु बनाने का परीक्षण होगा।
अन्य नागरिक सुरक्षा सेवाएं: वार्डन सेवा, अग्निशमन, बचाव अभियान और डिपो प्रबंधन के संचालन को भी परखा जाएगा।
नियंत्रण कक्षों की व्यवस्था: इन सभी जिलों में नियंत्रण कक्ष और छद्म नियंत्रण कक्षों की व्यवस्था की जाएगी।
लोगों को क्या तैयारियां रखनी चाहिए?
मॉक ड्रिल के मद्देनजर, गृह मंत्रालय ने एक बैठक में आपातकालीन हालात के लिए नागरिकों को तैयार रहने की आवश्यकता पर जोर दिया। इसमें शामिल हैं:
चिकित्सा किट: घरों में एक प्राथमिक चिकित्सा किट रखें।
मशालें और मोमबत्तियां: ब्लैकआउट की स्थिति के लिए मशालें और मोमबत्तियां रखें।
नगदी : संभावित इलेक्ट्रॉनिक विफलता के लिए कुछ नगदी यानी कैश रखें।
आवश्यक आपूर्ति: भोजन, पानी और अन्य आवश्यक आपूर्ति का स्टॉक रखें।
कहां-कहां होगी मॉक ड्रिल?
मॉक ड्रिल की आधिकारिक सूची अभी जारी नहीं की गई है, लेकिन यह देश के 25 राज्यों के 244 सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट में होगी। इन जिलों को उनकी संवेदनशीलता के आधार पर श्रेणियों में बांटा गया है। इन जिलों में सीमावर्ती और तटीय क्षेत्रों के साथ-साथ महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठानों वाले स्थान भी शामिल हैं।
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पीएम मोदी की लगातार बैठकें
पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की चल रही तैयारियों के बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार उच्च-स्तरीय बैठकें कर रहे हैं। उन्होंने रक्षा सचिव, एयर चीफ मार्शल, नौसेना प्रमुख और सेना प्रमुख से सुरक्षा तैयारियों और चुनौतियों की जानकारी ली है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और गृह सचिव गोविंद मोहन से भी उन्होंने मंत्रणा की है। पीएम की लगातार बैठकों को पाकिस्तान के खिलाफ जल्द ही सैन्य कार्रवाई किए जाने के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
पहलगाम हमले के बाद बिगड़े संबंध
पहलगाम आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के संबंध गंभीर रूप से तनावपूर्ण हो गए हैं। भारत ने इस हमले के बाद कई रणनीतिक कदम उठाए हैं, जिनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, पाकिस्तानी उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या में कटौती करना, अटारी चेक पोस्ट को बंद करना और सभी श्रेणियों में डाक सेवाओं को बंद करना शामिल है।
यह मॉक ड्रिल इस बात का स्पष्ट संकेत है कि भारत सरकार किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है और नागरिकों की सुरक्षा उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। यह अभ्यास न केवल तैयारियों को परखेगा बल्कि नागरिकों को भी आपातकालीन स्थितियों के लिए जागरूक और प्रशिक्षित करेगा।
📢 यह अभ्यास सुरक्षा का हिस्सा है, घबराएं नहीं, जागरूक बनें।
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