🚑 एंबुलेंस खुद बीमार, कैसे हो मरीजों का इलाज? सिंगोड़ी उपस्वास्थ्य केंद्र की गंभीर लापरवाही से स्वास्थ्य सेवाएं ठप
📲 वी न्यूज 24 को फॉलो करें और हर खबर से रहें अपडेट!
👉 ताज़ा खबरें, ग्राउंड रिपोर्टिंग, और निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए जुड़ें हमारे साथ।
🆆🅴🅽🅴🆆🆂 24 डिजिटल डेस्क Update :27 May 2025
✍️ संवाददाता: निलेश प्रजापति | We News 24
सिंगोड़ी, मध्यप्रदेश — जहाँ एक तरफ सरकार मरीजों को त्वरित स्वास्थ्य सेवाएं देने का दावा करती है, वहीं दूसरी ओर सिंगोड़ी उप स्वास्थ्य केंद्र में दोनों एम्बुलेंस पिछले दो महीने से खराब पड़ी हैं। हालात ये हैं कि गंभीर मरीजों और गर्भवती महिलाओं को निजी वाहनों के सहारे अस्पताल पहुंचना पड़ रहा है।जिस सेवा पर मरीजों की आखिरी उम्मीद टिकी होती है, जब वही दम तोड़ने लगे तो हालात वाकई चिंताजनक हो जाते हैं। सिंगोड़ी उप स्वास्थ्य केंद्र में कुछ ऐसा ही हो रहा है, जहां दोनों एम्बुलेंस —
ये भी पढ़े- रास्ते के विवाद में दो पक्षों में जमकर मारपीट और रोड़ेबाजी, महिला समेत आधा दर्जन घायल
🚑 एम्बुलेंस खुद ‘आईसीयू’ में!
प्रदेश सरकार ने आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए 108 और जननी एक्सप्रेस जैसी एम्बुलेंस सेवाएं शुरू की थीं। लेकिन सिंगोड़ी क्षेत्र में यह सेवा खुद "बीमार" चल रही है। मरम्मत और रखरखाव के अभाव में अब हालात ऐसे हो गए हैं कि मरीजों को समय पर अस्पताल ले जाना भी किसी जंग जीतने जैसा हो गया है।
🩺 मरीज बीच रास्ते में फंसते जा रहे हैं
स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार एम्बुलेंस चलने के दौरान ही खराब हो जाती है, जिससे मरीज बीच रास्ते में फंस जाते हैं। इससे न सिर्फ समय की बर्बादी होती है बल्कि मरीज की जान को भी गंभीर खतरा होता है।
ये भी पढ़े-"माई बहन मान योजना" से मिलेगा बिहार की महिलाओं को संबल, हर माह 2500 रुपये की गारंटी: कांग्रेस का बड़ा ऐलान
👩🍼 प्रसूताओं को सबसे ज़्यादा परेशानी
गर्भवती महिलाओं के लिए जननी एक्सप्रेस एक जीवनरेखा होती है, लेकिन जब यह ही खुद ‘बीमार’ हो जाए, तो गांव की महिलाओं को कभी ऑटो, तो कभी बाइक से अस्पताल जाना पड़ता है। इससे न सिर्फ मां और बच्चे की जान को खतरा है, बल्कि यह जननी सुरक्षा योजना की पूरी मंशा पर ही सवाल उठाता है।
📍 सिंगोड़ी उप स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति
-
1️⃣ 108 एम्बुलेंस: खराब, मरम्मत नहीं हुई
-
2️⃣ जननी एक्सप्रेस: बंद पड़ी है, गर्भवती महिलाओं को हो रही भारी परेशानी
-
मरीजों को निजी वाहनों से लाना मजबूरी बन गई है।
🎤 प्रशासन की प्रतिक्रिया
कुरुष ठाकुर, बीएमओ, अमरवाड़ा
"एम्बुलेंस 108 हमारे अधीन नहीं है, इसका संचालन भोपाल से किया जाता है।"
प्रभजोत भारद्वाज, एम्बुलेंस डीएम
"एक एम्बुलेंस का इंजन सीज हो गया था, जिसकी मरम्मत हो रही है। वाहन क्रमांक 9941 चालू है, जबकि 1287 आज चालू हुई है।"
🤷♂️ सवाल यह है...
अगर एम्बुलेंस दो महीने से खराब है और संचालन की जिम्मेदारी भोपाल की है, तो क्या स्थानीय प्रशासन की कोई जवाबदेही नहीं बनती? और जब तक इंजन बदला जाएगा, तब तक कितनी और जिंदगियां खतरे में पड़ेंगी?
ये भी पढ़े-एलोवेरा जूस: पेट, त्वचा और बालों के लिए वरदान! जानिए इसके चमत्कारी फायदे
🛠️ कागज़ी जवाबों से नहीं होगा इलाज
प्रशासन का पल्ला झाड़ना:
कुरुष ठाकुर, बीएमओ अमरवाड़ा ने कहा:
“108 एम्बुलेंस हमसे संबंधित नहीं है, इसका संचालन भोपाल से किया जाता है।”
कंपनी की सफाई:
प्रभजोत भारद्वाज, एम्बुलेंस डीएम ने कहा:
“एक एम्बुलेंस में इंजन सीज हो गया था, जिसकी मरम्मत चल रही है। 9941 नंबर की गाड़ी चालू है, जबकि 1287 भी आज से फिर चालू हुई है।”
लेकिन स्थानीय लोगों का अनुभव कुछ और ही कहता है। ज़मीनी सच्चाई यही है कि जब ज़रूरत होती है, तब एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं रहती।
📢 We News 24 की मांग
क्या सरकार बताएगी कि जब जीवनरक्षक एम्बुलेंस ही काम न करे, तो आम जनता किसके पास जाए?
क्या मरम्मत और मॉनिटरिंग के लिए कोई जवाबदेही तय की जाएगी?
क्या हर हफ्ते एम्बुलेंस की तकनीकी जांच नहीं होनी चाहिए?
खराब एम्बुलेंस के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाए
जिम्मेदारी तय कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए
⛔ क्योंकि सवाल सिर्फ मशीन का नहीं, ज़िंदगियों का है।
📲 We News 24 की अपील:
अगर आपके क्षेत्र में भी स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही हो रही है, तो हमें बताएं।
WhatsApp करें: We News 24 WhatsApp Group
कोई टिप्पणी नहीं
कोमेंट करनेके लिए धन्यवाद