बिहटा दोस्ती के नाम पर धोखा: इलाज के नाम पर मांगे पैसे के बदले हड़प ली जमीन, अब जान से मारने की धमकी
📍 WE News 24 | पटना, बिहटा से कलीम की रिपोर्ट
पटना (बिहटा): बिहार की राजधानी पटना के बिहटा थाना क्षेत्र से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने दोस्ती और भरोसे की परिभाषा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। महुआर गांव निवासी सत्यप्रकाश पांडे का आरोप है कि उनके करीबी दोस्त अभयानंद ने उन्हें न केवल आर्थिक रूप से ठगा बल्कि उनकी कीमती जमीन भी हड़प ली।
🤝 दोस्ती, इलाज और धोखा
सत्यप्रकाश पांडे और अभयानंद, जो घोड़ाटाप गांव का निवासी है, वर्षों पुराने दोस्त हैं और एक साथ कारोबार भी किया करते थे। चार साल पहले जब सत्यप्रकाश के पिता की तबीयत बिगड़ी, तो उन्होंने अभयानंद से 17 लाख रुपये उधार मांगे।
अभयानंद ने यह रकम देने के एवज में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट लिखवाया — यह कहकर कि वह सिर्फ एक गारंटी है। लेकिन जब सत्यप्रकाश पैसे लौटाने और दस्तावेज़ वापस मांगने गए, तो अभयानंद ने साफ इनकार कर दिया और कहा कि वह एग्रीमेंट नहीं बल्कि जमीन की रजिस्ट्री थी।
👵 मां की बीमारी का उठाया फायदा
सत्यप्रकाश का आरोप है कि उनकी मां मानसिक रूप से अस्वस्थ और मूक हैं। अभयानंद ने इसी का फायदा उठाकर उनसे 2.30 बीघा जमीन धोखे से रजिस्ट्री करवा ली। उन्होंने कहा:
"मेरे मां बोल नहीं सकतीं और मानसिक रूप से थोड़ा अस्थिर हैं, इसी वजह से धोखे से यह जमीन अपने नाम करवा ली गई।"
💰 15 लाख का चेक और 3 लाख नकद भी ले गया
सत्यप्रकाश के अनुसार, विवाद सुलझाने के बहाने जब वह दो दिन पहले अभयानंद से मिलने गए तो उसने जमीन देने का झांसा देकर 15 लाख का चेक और 3 लाख रुपये नकद भी ले लिए। रजिस्ट्री ऑफिस तक ले जाकर, बिना बताकर जमीन अपनी पत्नी के नाम करा ली।
⚠️ अब मिल रही है जान से मारने की धमकी
सबसे गंभीर आरोप यह है कि अब अभयानंद सत्यप्रकाश और उनके परिवार को जान से मारने की धमकी दे रहा है। सत्यप्रकाश ने कहा:
"वह कह रहा है कि तुम्हें, तुम्हारे मां-पिता को गोली मार दूंगा। मेरी प्रशासन और सरकार से हाथ जोड़कर विनती है कि हमें सुरक्षा दी जाए।"
ये भी पढ़े-पहलगाम हमले में एनआईए की बड़ी कार्रवाई: आतंकियों को पनाह देने वाले दो गिरफ्तार
🏛️ प्रशासन से मांग: जान और ज़मीन की रक्षा करें
इस मामले ने स्थानीय स्तर पर हलचल मचा दी है। लोगों का कहना है कि यदि प्रशासन समय रहते कार्रवाई नहीं करता तो यह किसी बड़ी घटना में तब्दील हो सकता है।
📌 भरोसे की कीमत जमीन और जान से चुकानी पड़ी
इस घटना ने यह साफ कर दिया कि भरोसा जब धोखे में बदलता है, तो उसका खामियाजा केवल आर्थिक नहीं, भावनात्मक और जीवन की सुरक्षा से जुड़ा हो सकता है। प्रशासन को इस मामले में तत्काल संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए।
📲 बिहार के हर ज़रूरी और संवेदनशील मामलों की सटीक खबरों के लिए जुड़े रहें WE News 24 के साथ।
📢 रिपोर्ट: वी न्यूज 24
📲 वी न्यूज 24 को फॉलो करें और हर खबर से रहें अपडेट!
👉 ताज़ा खबरें, ग्राउंड रिपोर्टिंग, और निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए जुड़ें हमारे साथ।
🆆🅴🅽🅴🆆🆂 24 डिजिटल डेस्क
कोई टिप्पणी नहीं
कोमेंट करनेके लिए धन्यवाद