इजरायली हमले से दहला ईरान, सैन्य ठिकानों पर हमला करके इजराइल ने किया बड़ा नुकसान
नई दिल्ली, वी न्यूज 24 डेस्क – मिडिल ईस्ट में हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं। इजराइल और ईरान के बीच जारी तनातनी ने एक नया मोड़ ले लिया है। इजरायल डिफेंस फोर्सेज़ (IDF) ने दक्षिण-पश्चिमी ईरान के अहवाज इलाके में एक बड़े हमले को अंजाम दिया है। इस हमले में एक प्रमुख हथियार डिपो को तबाह करने का दावा किया गया है, जिससे ईरानी सैन्य ढांचे को गहरा झटका लगा है।
अहवाज क्यों महत्वपूर्ण है?
अहवाज ईरान के तेल समृद्ध दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में स्थित है, जो रणनीतिक रूप से ईरानी सेना के लिए बेहद अहम है। यहां के ठिकानों पर हमले से इजरायल ने सीधे ईरान की सैन्य क्षमताओं को कमजोर करने का प्रयास किया है। हमले के दौरान कई इमारतों में विस्फोट हुए और अफरातफरी मच गई।
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अमेरिका का क्या रोल है?
अमेरिका इस संघर्ष में शुरू से ही शामिल है। अमेरिकी इंटेलिजेंस ईरानी न्यूक्लियर ठिकानों पर पहले से नजर बनाए हुए है। इजरायल-ईरान संघर्ष में अमेरिका के शामिल होने से मिडिल ईस्ट में टकराव तेज हो चुका है।
ईरान की प्रतिक्रिया क्या है?
अभी तक ईरान की ओर से इस हमले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन जानकार मानते हैं कि ईरान इस हमले को चुपचाप नहीं लेगा। क्षेत्रीय विशेषज्ञों का कहना है कि ईरान इस हमले के जवाब में अपनी रणनीति बदल सकता है।
किसका पलड़ा भारी है?
मौजूदा हालात में इजरायल तकनीकी रूप से ज्यादा मजबूत दिखाई देता है, क्योंकि उसे अमेरिका जैसे बड़े साथी देशों का समर्थन हासिल है। इजरायल की इंटेलिजेंस एजेंसी मोसाद और रक्षा व्यवस्था IDF हमेशा से दुनिया की सबसे सक्षम सेनाओं में गिनी जाती हैं।
वहीं दूसरी ओर ईरान अपनी सैन्य शक्ति, परमाणु कार्यक्रम, और क्षेत्रीय मिलिशिया नेटवर्क के सहारे एक बड़ी चुनौती देने की क्षमता रखता है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि इजरायल के इस हमले से ईरान की सैन्य क्षमताओं पर असर पड़ेगा, लेकिन इससे संघर्ष खत्म नहीं होगा। दोनों देश मिडिल ईस्ट में प्रभाव बनाए रखने के लिए हमेशा से एक-दूसरे के खिलाफ रहे हैं, और इस नए घटनाक्रम से स्थिति और बिगड़ सकती है।
दुनिया की नजरें बनी हुई हैं
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है, क्योंकि इजरायल-ईरान संघर्ष में अन्य देशों के शामिल होने से स्थिति किसी बड़े वैश्विक संकट में बदल सकती है।
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आप क्या सोचते हैं?
क्या इजरायल के इस हमले से ईरान पीछे हटेगा, या दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ेगा? अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में बताइए।
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