दिल्ली में डबल ,अनिधकृत पानी कनेक्शन पर होगी कार्यवाही .छतरपुर के अवैध,डबल कनेक्शन पर जल बोर्ड का चलेगा डंडा
📍 नई दिल्ली | छत्तरपुर | 10 जून 2025
✍️ रिपोर्ट: शहरी संवाददाता ,कविता चोधरी
दिल्ली जल बोर्ड ने राजधानी में डबल और फर्जी वॉटर कनेक्शन के खिलाफ सख्त कार्रवाई का ऐलान किया है, और इसकी शुरुआत छत्तरपुर जैसे उन क्षेत्रों से हो रही है जहाँ अवैध फ्लैटों की भरमार है और एक ही प्रॉपर्टी पर कई फर्जी और चोरी के पानी के कनेक्शन चल रहे हैं।
इस बदलाव के पीछे एक बड़ी भूमिका निभाई है वी न्यूज 24 के वरिष्ठ पत्रकार दीपक कुमार की, जिन्होंने लगातार शिकायतें, ग्राउंड रिपोर्ट्स और RTI (सूचना का अधिकार) के ज़रिए इस पूरे मुद्दे को उजागर किया।
🔍 क्या है मामला?
साउथ दिल्ली के छत्तरपुर, लाल डोरा क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहा है जहां बिना अप्रूवल के सैकड़ों बिल्डर फ्लैट बनाए गए हैं।
इन अवैध फ्लैटों में मल्टीपल वॉटर कनेक्शन चल रहे हैं — हर फ्लोर पर अलग -अलग फ्लैटों के हिसाब से पानी कनेक्शन
इसका नतीजा है कि जल बोर्ड को ना तो राजस्व मिल रहा है, ना ही जरूरतमंदों को सही तरीके से पानी।
🎤 पत्रकार दीपक कुमार की रिपोर्टिंग और शिकायत का असर
V News 24 के वरिष्ठ पत्रकार के.के. ने 2024 से इस मुद्दे को उठाया, जिसमें उन्होंने बताया कि:
“छत्तरपुर और आसपास के इलाकों के एक ही बिल्डिंग और घरो में कई -कई पानी के कनेक्शन चल रहे हैं। RTI से सामने आया कि न तो फ्लैटों वैध है, न ही पानी के कनेक्शन।”
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उन्होंने जल बोर्ड से सवाल किया:
इन कनेक्शनों की मंजूरी किसने दी?
मीटर लगाए किस आधार पर गए?
एक ही नाम पर कई मीटर कैसे वैध हुए?
इन RTI और मीडिया कवरेज के बाद ही जल बोर्ड ने पहली बार आधिकारिक जांच का एलान किया है।
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🧾 जल बोर्ड की योजना और सख्त कार्रवाई
अब दिल्ली जल बोर्ड ने स्पष्ट कर दिया है कि:
एक ही नाम पर चल रहे डबल या मल्टीपल मीटरों की जांच होगी।
अवैध फ्लैटों में लगे बिना अनुमति के मीटर काटे जाएंगे।
बिजली बिल और प्रॉपर्टी टैक्स दस्तावेजों के जरिए क्रॉस वेरिफिकेशन किया जाएगा।
जल बोर्ड के अनुसार, मुफ्त पानी योजना का 50% लाभ ऐसे ही फर्जी कनेक्शनों के ज़रिए उठाया जा रहा है।
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💸 हर साल ₹1200 करोड़ का नुकसान
जल बोर्ड को इस फर्जीवाड़े की वजह से:
हर साल ₹1200 करोड़ का नुकसान होता है
29 लाख उपभोक्ताओं में से 12.85 लाख मुफ्त पानी योजना का लाभ ले रहे हैं
इनसे कोई रेवेन्यू नहीं आता, जबकि वॉटर टैरिफ और सर्विस चार्ज 2015 और 2018 से अब तक रिवाइज नहीं हुए
जनवरी, 2015 में सर्विस चार्जेज 146.41 रुपये था और नियमानुसार हर साल 10 प्रतिशत इसमें बढ़ोतरी करनी थी। इस हिसाब से 20 हजार लीटर हर महीने पानी का इस्तेमाल करने वालों को पानी के बिलों पर 259.37 रुपये, 20 से 30 हजार तक पानी यूज करने वालों को 389.07 रुपये और हर महीने 30 हजार लीटर से अधिक पानी इस्तेमाल करने वालों को 518.75 रुपये सर्विस चार्ज देना पड़ता। टैरिफ और सर्विस चार्ज सालों से रिवाज्ड न होने से जल बोर्ड को हर साल 1200 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
जिन लोगों ने एक ही नाम पर कई-कई मीटर लगा रखे हैं, उनके मीटरों की जांच की जाएगी। जिन्होंने डबल या मल्टीपल मीटर लगा रखा है, उनका कनेक्शन भी काटा जाएगा। जल बोर्ड अफसरों का मानना है कि 20 हजार लीटर मुफ्त पानी स्कीम का लाभ लेने वाले जो 12.85 लाख लोग हैं, उसमें मल्टीपल मीटर वालों की संख्या करीब 50 प्रतिशत है। यह स्कीम आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए थी। लेकिन, लोगों ने इस स्कीम का मिसयूज करना शुरू कर दिया और एक ही नाम पर कई-कई कनेक्शन लेने लगे। मीटरों की जांच के लिए बिजली बिलो और प्रॉपर्टी टैक्स असेसमेंट नोटिस से भी हेल्प ली जाएगी।
🧠 निष्कर्ष: जब जिम्मेदार पत्रकारिता से बदलती है नीतियां
छत्तरपुर के अवैध फ्लैटों में चल रहे पानी घोटाले पर पत्रकार दीपक कुमार . की RTI और रिपोर्टिंग ने एक बड़ा प्रशासनिक असर डाला है।
यह दिखाता है कि जब पत्रकारिता जिम्मेदारी के साथ सवाल उठाती है, तो नीतियों में बदलाव लाना संभव है।
अब जरूरत है कि इस जांच को ईमानदारी से लागू किया जाए ताकि पानी हर जरूरतमंद तक पहुंचे — ना कि अवैध बिल्डरों और फर्जी उपभोक्ताओं की घर तक जाए।
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