नेपाल बॉर्डर पर धर्मांतरण, महिला तस्करी और हत्या का खेल — छांगुर बाबा का गजवा-ए-हिंद का खेल
✍️ विशेष रिपोर्ट | दीपक कुमार | वरिष्ठ पत्रकार | We News 24
"नेपाल बॉर्डर पर कुछ तो बड़ा खेल चल रहा है" — ये कोई सनसनीखेज हेडलाइन नहीं, बल्कि एक कड़वी हकीकत है।
एक ऐसा नेटवर्क जो डराता है, चौंकाता है और एक गहरी अंतरराष्ट्रीय साजिश की ओर इशारा करता है।
सवाल सिर्फ यह नहीं कि नेपाल सीमा पर कौन और क्यों सक्रिय है,
सवाल ये है — क्या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस खतरनाक नेटवर्क की गंभीरता को समझ पा रहे हैं?
बलरामपुर की सीमा से निकली खौफनाक कड़ी
We News 24 की टीम जब उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में स्थित नेपाल बॉर्डर पहुंची,
तो जांच की एक नई कड़ी हाथ लगी — एक ऐसा नेटवर्क जो धर्मांतरण, तस्करी और हत्या जैसे संगीन अपराधों को सीमा पार से संचालित कर रहा है।
पहली परत पीलीभीत की रिपोर्ट से सामने आई थी,
जहाँ सिख समुदाय के लोगों को बहला-फुसलाकर ईसाई धर्म में परिवर्तित करने की कोशिश की जा रही थी।
लेकिन बलरामपुर में मामला और भी गहरा निकला।
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छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन का — एक अंतरराष्ट्रीय साजिश की जड़ें
जांच आगे बढ़ी तो सामने आया छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन का नाम —
एक ऐसा व्यक्ति जिसने साइकल पर नाग और अंगूठी बेचने से शुरुआत की,
लेकिन आज भारत-नेपाल सीमा पर धर्मांतरण, महिला तस्करी और हत्या जैसे अपराधों का सरगना बन चुका है।
We News 24 की टीम नेपाल के कोइलाबास तक पहुँची।
जो पता चला, वह रूह कंपा देने वाला था।
- हिंदू लड़कियों को बहला-फुसलाकर नेपाल ले जाया जाता है।
- वहाँ उनका धर्मांतरण कर दिया जाता है।
- कई लड़कियाँ कभी वापस लौटकर अपने देश नहीं आ पाईं।
स्थानीय लोगों ने बताया कि बलरामपुर और उतरौला क्षेत्र से
दर्जनों महिलाएँ गायब हो चुकी हैं, जिनमें से कई की हत्या तक कर दी गई।
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🔴 कैसे करता था धर्मांतरण?
अमर उजाला में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, छांगुर: पहले लोगों से कलमा पढ़वाता,फिर उन्हें प्रतिबंधित पशु का मांस खिलाता,और इस पूरी प्रक्रिया का वीडियो बनाकरविदेशी फंडिंग देने वाली इस्लामिक संस्थाओं को भेजता था। \ इसका उद्देश्य था: "क्या व्यक्ति का हिंदू धर्म से मोहभंग हुआ है या नहीं।"
उत्तर प्रदेश की एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) की रिपोर्ट में सामने आया है कि:
छांगुर को विदेशी इस्लामिक संगठनों से आर्थिक सहयोग मिल रहा था।
करीब 10 करोड़ रुपये की फंडिंग की तैयारी थी।
उसका नेटवर्क नेपाल तक फैला था, जहाँ वह हिंदू महिलाओं का धर्मांतरण और हत्या तक करवा रहा था।
🕌 गजवा-ए-हिंद: धर्मांतरण से जिहाद की ओर ले जाने की योजना
"गजवा" यानी इस्लाम फैलाने के लिए युद्ध, "गजवा-ए-हिंद" यानी भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करने का सपना। छांगुर बाबा इसी गजवा-ए-हिंद की मानसिकता के तहत: युवाओं को जलसों के जरिए प्रभावित करता,कट्टरपंथ की तरफ झुकाव रखने वालों को छांटता,और उन्हें आर्थिक मदद व वैचारिक प्रशिक्षण देने की योजना बनाता।
📌 प्रमुख तथ्य:
- नेपाल सीमा से सटे 46 गांवों में सक्रिय
- विदेशी संस्थाओं को वीडियो भेजकर फंडिंग जुटाना
- महिलाओं को झांसे में लेकर धर्मांतरण और हत्या
- भारत-नेपाल सीमा पर मानव तस्करी और धर्म परिवर्तन का रैकेट
सिर्फ एक रैकेट नहीं, एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क
यह कोई छिटपुट मामला नहीं। यह एक सुनियोजित अंतरराष्ट्रीय साजिश है।
कोइलाबास (नेपाल) और तुलसीपुर (भारत) के बीच बॉर्डर ट्रैक पर
"इंसानियत को खरीदा और बेचा जा रहा है"।
लोगों ने बताया कि उन्हें बहुत बाद में समझ आया कि
पूरे नेटवर्क के पीछे छांगुर बाबा है — तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
धर्मांतरण कानून लागू होने के बावजूद, नेटवर्क कैसे सक्रिय है?
भारत और नेपाल, दोनों में धर्मांतरण विरोधी कानून मौजूद हैं।
फिर भी यह नेटवर्क खुलेआम काम कर रहा है।
- जो लोग आवाज उठाते हैं, उन्हें चुप करा दिया जाता है।
- भारतीय कानून सीमा पर कमजोर और लाचार नजर आता है।
झान्गुर बाबा ने नेताओं, अधिकारियों और सिस्टम को अपने प्रभाव में ले रखा है।
बलरामपुर में कई बड़े अफसर तक उसके आगे नतमस्तक नजर आते हैं।
बॉर्डर की डेमोग्राफी बदल रही है — क्या सरकारें सो रही हैं?
यह मामला सिर्फ झान्गुर बाबा तक सीमित नहीं है।
ऐसे दर्जनों बाबा और नेटवर्क भारत के नेपाल, बांग्लादेश सीमा पर सक्रिय हैं।
- सीमावर्ती गांवों की डेमोग्राफी तेजी से बदल रही है।
- हिंदू समुदाय वहाँ अल्पसंख्यक बनता जा रहा है।
- यह भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।
सरकार को चेतावनी समझनी होगी
राज्य और केंद्र सरकारों को इस रिपोर्ट को सिर्फ मीडिया की सनसनी समझने की गलती नहीं करनी चाहिए।
- यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा, महिला अधिकार, और धर्मिक स्वतंत्रता से जुड़ा है।
- अब वक्त आ गया है कि केंद्र और राज्य मिलकर इस नेटवर्क की जड़ तक पहुँचें।
📌 We News 24 की यह विशेष रिपोर्ट सीमा पार अपराध, धर्मांतरण और तस्करी के उस काले सच को उजागर करती है जिसे अब तक नजरअंदाज किया गया।
📢 अगर आप भी ऐसे किसी मामले से जुड़े हैं, या जानकारी रखते हैं — तो चुप न रहें। आपकी एक आवाज किसी की जिंदगी बचा सकती है।
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