79वां स्वतंत्रता दिवस: बिहटा प्रखंड में धूमधाम से मनाया गया राष्ट्रीय पर्व
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रिपोर्टिंग सूत्र / कलीम .बिहटा
बिहटा (पटना) भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पटना जिले के बिहटा प्रखंड में उत्साह और देशभक्ति का माहौल रहा। प्रखंड मुख्यालय, बिहटा थाना, आईआईटी थाना, नेउरा थाना, आईआईटी पटना, बिहटा नगर परिषद कार्यालय और सभी पंचायतों में ध्वजारोहण समारोह आयोजित किए गए। इस मौके पर प्रखंड प्रमुख मालती देवी, प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) चंदा कुमारी, बिहटा प्रभारी थानाध्यक्ष कृष्णा कुमार, नगर परिषद अध्यक्ष प्रियंका कुमारी और कुंजवा पंचायत के युवा मुखिया अमित कुमार ने ध्वज फहराकर देश की आजादी को सलाम किया।
ध्वजारोहण और शुभकामनाएं
प्रखंड विकास पदाधिकारी चंदा कुमारी ने बिहटा प्रखंड मुख्यालय में तिरंगा फहराया और पूरे प्रदेश व प्रखंडवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “15 अगस्त 1947 को हमारा देश अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ था। यह दिन हमें स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद करने और एकजुटता के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।”
कुंजवा पंचायत में युवा मुखिया अमित कुमार ने पंचायत कार्यालय और उप स्वास्थ्य केंद्र पर ध्वजारोहण किया। उन्होंने कहा, “स्वतंत्रता दिवस देश का महापर्व है। यह हमें धर्म और जाति से ऊपर उठकर शांति और भाईचारे के साथ एकजुट होने का संदेश देता है।” उनके संदेश ने स्थानीय लोगों में देशभक्ति की भावना को और मजबूत किया।
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समारोह में एकता और उत्साह
बिहटा प्रखंड के विभिन्न स्थानों पर आयोजित समारोहों में स्थानीय लोग, अधिकारी और जनप्रतिनिधि शामिल हुए। स्कूलों और पंचायतों में बच्चों ने देशभक्ति गीत और सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। बिहटा नगर परिषद में अध्यक्ष प्रियंका कुमारी ने न केवल ध्वज फहराया, बल्कि स्वच्छता और विकास के लिए सामुदायिक प्रयासों पर जोर दिया। थानों में पुलिस कर्मियों ने परेड के साथ तिरंगे को सलामी दी।
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मानवीय दृष्टिकोण: एकता का संदेश
बिहटा में 79वां स्वतंत्रता दिवस न केवल एक राष्ट्रीय उत्सव था, बल्कि एकता और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक भी बना। स्थानीय नेताओं और अधिकारियों के संदेशों ने स्पष्ट किया कि आजादी का मतलब सिर्फ शासन से मुक्ति नहीं, बल्कि एक समावेशी और समृद्ध समाज का निर्माण है। हालांकि, बिहटा जैसे क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं—जैसे बिजली, पानी और सड़कों—की कमी अभी भी चुनौती है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि सच्ची आजादी तभी संभव है, जब हर नागरिक को मूलभूत सुविधाएं और सम्मान मिले।
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