Header Ads

ad728
  • Latest Stories

    अलास्का में ट्रंप-पुतिन शिखर सम्मेलन: यूक्रेन युद्धविराम और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा सकरात्मक रहा

    अलास्का में ट्रंप-पुतिन शिखर सम्मेलन: यूक्रेन युद्धविराम और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा सकरात्मक रहा


    📝We News 24 :डिजिटल डेस्क » प्रकाशित: 16 अगस्त 2025, 05:45 IST

    रिपोर्टिंग सूत्र / प्रियंका जयसवाल

    फटाफट पढ़े 

    खबर का सार :अलास्का में ट्रंप-पुतिन सम्मेलन में यूक्रेन युद्धविराम और अमेरिका-रूस संबंधों पर चर्चा हुई। क्षेत्रीय विवादों पर सहमति नहीं बनी। पुतिन ने अगली बैठक मॉस्को में करने का सुझाव दिया, जबकि ट्रंप नाटो और जेलेंस्की को जानकारी देंगे। यह ऐतिहासिक बैठक साझा इतिहास और तनावों को रेखांकित करती है। ट्रंप और पुतिन ने अलास्का में यूक्रेन युद्धविराम और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की। इस ऐतिहासिक सम्मेलन की प्रेस कॉन्फ्रेंस, प्रमुख परिणाम और अनसुलझे मुद्दों के बारे में पढ़ें।



    नई दिल्ली:-- एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक घटना में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 16 अगस्त, 2025 को अलास्का के एंकरेज शहर में एलमेंडोर्फ-रिचर्डसन सैन्य अड्डे पर मुलाकात की। यह बैठक यूक्रेन में चल रहे संघर्ष को रोकने और अमेरिका-रूस संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी। ढाई घंटे से अधिक चली इस वार्ता में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई, जो ट्रंप के वर्तमान कार्यकाल में पुतिन के साथ उनकी पहली मुलाकात थी।


    ट्रंप-पुतिन शिखर सम्मेलन की प्रमुख बातें

    भारतीय समयानुसार शनिवार रात 1:00 बजे शुरू हुई यह बैठक प्रेस कॉन्फ्रेंस के साथ समाप्त हुई, जिसमें दोनों नेताओं ने अपनी बात रखी। यहां प्रमुख बिंदु दिए गए हैं:



    ये भी पढ़े-79वां स्वतंत्रता दिवस: बिहटा प्रखंड में धूमधाम से मनाया गया राष्ट्रीय पर्व



    पुतिन का दृष्टिकोण: शांति वार्ता और साझा इतिहास

    रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि वार्ता सकारात्मक रही और इसका मुख्य ध्यान यूक्रेन में शांति स्थापित करने पर था। उन्होंने जोर देकर कहा कि रूस की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और स्थायी समझौते के लिए युद्ध की मूल वजहों को खत्म करना जरूरी है। पुतिन ने अमेरिका और रूस की भौगोलिक निकटता का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों देश केवल 4 किलोमीटर की दूरी पर “पड़ोसी” हैं, जो रूस के बिग डायोमेड और अमेरिका के लिटिल डायोमेड द्वीपों के बीच की दूरी है।



    पुतिन ने अलास्का के रूसी इतिहास का उल्लेख किया, जो 158 साल पहले रूस का हिस्सा था। उन्होंने रूसी ऑर्थोडॉक्स चर्चों की मौजूदगी का जिक्र करते हुए कहा कि यह साझा विरासत दोनों देशों के बीच समानता और पारस्परिक लाभ वाले संबंधों को मजबूत कर सकती है। पुतिन ने अगली बैठक मॉस्को में करने का सुझाव दिया, जिसे ट्रंप ने पूरी तरह नकारा नहीं, हालांकि उन्होंने कहा कि यह कदम विवादास्पद हो सकता है।


    ये भी पढ़े- 79वें स्वतंत्रता दिवस  पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से अपने 11वें संबोधन में युवाओं, व्यापारियों और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी...



    ट्रंप का पक्ष: प्रगति और चुनौतियां

    राष्ट्रपति ट्रंप ने वार्ता को “सार्थक” बताया, लेकिन स्वीकार किया कि भूमि विवाद जैसे कुछ मुद्दों पर सहमति नहीं बन सकी। उन्होंने पुतिन के साथ अपने अच्छे व्यक्तिगत संबंधों की बात दोहराई, लेकिन 2016 के अमेरिकी चुनावों में रूस के कथित हस्तक्षेप से उत्पन्न तनाव का भी जिक्र किया। ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध को तत्काल रोकने की इच्छा जताई और कहा, “मैं चाहता हूं कि यूक्रेन में आज ही युद्ध रुक जाए और वहां लोगों का मरना बंद हो।” उन्होंने चेतावनी दी कि यदि युद्ध जारी रहा तो रूस को गंभीर आर्थिक परिणाम भुगतने होंगे।

    ट्रंप ने कहा कि वह जल्द ही नाटो और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से संपर्क कर इस बैठक के परिणामों पर चर्चा करेंगे।


    भूमि विवाद पर कोई सहमति नहीं

    बातचीत में सबसे बड़ा अड़चन यूक्रेन और रूस के बीच भूमि नियंत्रण का मुद्दा रहा। रूस वर्तमान में यूक्रेन के लगभग 20% भूभाग पर कब्जा किए हुए है और उसने इसे छोड़ने से इनकार किया है, जबकि जेलेंस्की ने शांति समझौते के लिए अपनी जमीन रूस को न देने की शर्त रखी है। इस मुद्दे पर कोई सहमति नहीं बन सकी।


    प्रेस कॉन्फ्रेंस की मुख्य बातें


    पुतिन की टिप्पणी: पुतिन ने ट्रंप के सहयोग और “दोस्ताना बातचीत” के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिका-रूस संबंध शीत युद्ध के बाद सबसे निचले स्तर पर हैं और अब टकराव छोड़कर बातचीत का समय है। उन्होंने यूरोपीय नेताओं और यूक्रेन से शांति वार्ता में हस्तक्षेप न करने की अपील की।

    ट्रंप की टिप्पणी: ट्रंप ने पुतिन के साथ अपने “शानदार” संबंधों की बात कही, लेकिन पिछले विवादों के कारण रुकावटों का जिक्र किया। उन्होंने भविष्य की वार्ताओं के प्रति आशावाद व्यक्त किया और यूक्रेन युद्ध को जल्द खत्म करने की जरूरत पर जोर दिया।

    पुतिन का कथन: पुतिन ने कहा कि यदि ट्रंप 2022 में अमेरिकी राष्ट्रपति होते तो यूक्रेन में युद्ध शुरू नहीं होता, यह बात वह पहले भी कई बार कह चुके हैं।


    ये भी पढ़े-क्या भारत वास्तव में आजाद है? 78 वर्षों की आजादी का एक कड़वा विश्लेषण


    प्रतिक्रियाएं और विश्लेषण

    ट्रंप के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने दावा किया कि इस बैठक में पुतिन की जीत हुई। उन्होंने कहा कि पुतिन ने संबंधों को फिर से स्थापित करने में प्रगति की, बिना युद्धविराम के लिए तत्काल दबाव का सामना किए। बोल्टन ने यह भी बताया कि ट्रंप को इस बैठक से ज्यादा कुछ हासिल नहीं हुआ और जेलेंस्की को पहले से सूचित न करना चिंता का विषय है।


    सम्मेलन की व्यवस्था और सुरक्षा

    यह ऐतिहासिक सम्मेलन एक अमेरिकी सैन्य अड्डे पर हुआ, जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद किसी रूसी नेता का पहला ऐसा दौरा है। सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए गए, जिसमें यातायात मार्ग बदलना, घरेलू उड़ानों का समय बदलना और एंकरेज के सभी होटलों को बुक करना शामिल था। रूसी प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव और अन्य शामिल थे, जबकि अमेरिकी पक्ष में विदेश मंत्री मार्को रुबियो, विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और सीआईए निदेशक जॉन रैटक्लिफ शामिल थे।


    संदर्भ और निहितार्थ

    अलास्का सम्मेलन अमेरिका-रूस संबंधों की नाजुक स्थिति को दर्शाता है। दोनों नेताओं ने शांति की इच्छा जताई, लेकिन अनसुलझे क्षेत्रीय विवाद और अलग-अलग प्राथमिकताएं युद्धविराम को मुश्किल बनाए हुए हैं। जेलेंस्की को वार्ता से बाहर रखने से स्थायी समाधान को लेकर बहस छिड़ गई है।

    अगले कदम: पुतिन का मॉस्को में अगली बैठक का सुझाव आगे की वार्ता का रास्ता खोल सकता है, हालांकि ट्रंप ने चेतावनी दी कि यह कदम अमेरिका में आलोचना का सामना कर सकता है। नाटो और यूक्रेन सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस सम्मेलन के परिणामों पर नजर रखेगा।


     

    कोई टिप्पणी नहीं

    कोमेंट करनेके लिए धन्यवाद

    Post Top Ad

    ad728

    Post Bottom Ad

    ad728