विरार इमारत हादसा: गैरकानूनी चार मंजिला इमारत ढहने से 14 की मौत, NDRF का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
सार:- विरार में गैरकानूनी चार मंजिला रामाबाई अपार्टमेंट ढहने से 14 लोगों की मौत, जिसमें एक मां-बेटी शामिल। NDRF का बचाव कार्य जारी, बिल्डर गिरफ्तार। प्रभावित परिवारों को राहत शिविरों में ठहराया गया।
📝We News 24 :डिजिटल डेस्क » प्रकाशित: 28 अगस्त 2025, 06:05 AM IST
रिपोर्टिंग : राधू जाधव
विरार, 28 अगस्त 2025: महाराष्ट्र के पालघर जिले के विरार में एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। गैरकानूनी चार मंजिला रामाबाई अपार्टमेंट का पिछला हिस्सा बुधवार तड़के 12:05 बजे अचानक ढह गया, जिसमें 14 लोगों की जान चली गई। मृतकों में 24 साल की मां आराही ओमकार जोविल और उनकी एक साल की बेटी उत्कर्षा जोविल भी शामिल हैं। नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF) की टीमें मलबे में फंसे लोगों को निकालने में जुटी हैं, जबकि पुलिस ने इमारत के बिल्डर को हिरासत में ले लिया है। प्रभावित परिवारों को राहत शिविरों में ठहराया गया है।
हादसे का विवरण और बचाव कार्य
हादसा विरार पूर्व के नारंगी रोड पर स्थित रामाबाई अपार्टमेंट में हुआ, जब इमारत का पिछला हिस्सा पास की खाली चॉल पर गिर गया। इस इमारत को 2012 में बनाया गया था, लेकिन वसई-विरार नगर निगम (VVMC) ने इसे गैरकानूनी घोषित किया था। अब तक 17 लोगों का पता चला है, जिनमें 14 की मौत हो चुकी है, एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल है, और दो को सुरक्षित निकाला गया है।
पालघर की जिला कलेक्टर इंदु रानी जाखड़ ने बताया कि मलबे में अभी और लोगों के फंसे होने की आशंका है। NDRF की दो टीमें, एक मुंबई और एक पालघर से, तुरंत मौके पर पहुंची। शुरुआत में तंग गलियों के कारण भारी मशीनें नहीं पहुंच पाईं, इसलिए मलबा हटाने का काम हाथों से करना पड़ा। VVMC के असिस्टेंट कमिश्नर गिल्सन गोंसाल्वेस ने कहा, "अब मशीनों की मदद से मलबा हटाने का काम तेजी से चल रहा है।"
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया और राहत कार्य
हादसे ने स्थानीय लोगों में दहशत और गुस्सा पैदा कर दिया है। एक निवासी ने कहा, "यह इमारत पहले से ही जर्जर थी। VVMC ने इसे खतरनाक घोषित किया था, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।" लोग सोशल मीडिया पर #VirarBuildingCollapse और #IllegalConstruction जैसे हैशटैग के साथ अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, "गैरकानूनी निर्माणों पर समय रहते कार्रवाई क्यों नहीं होती?"
हादसे ने कई परिवारों को बेघर कर दिया। VVMC ने प्रभावित लोगों को चंदनसर समाजमंदिर में ठहराया है, जहां उन्हें खाना, पानी, दवाइयां और अन्य जरूरी सुविधाएं दी जा रही हैं। आसपास की चॉलों को खाली कराकर निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी विवेकानंद कदम ने बताया कि जिस चॉल पर मलबा गिरा, वह खाली थी, जिससे बड़ा नुकसान टल गया।
बिल्डर की गिरफ्तारी और गैरकानूनी निर्माण का सवाल
पुलिस ने VVMC की शिकायत पर इमारत के बिल्डर नित्तल गोपीनाथ साने को गिरफ्तार कर लिया है। उन पर महाराष्ट्र क्षेत्रीय और नगर नियोजन (MRTP) अधिनियम, 1966 और भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर-इरादतन हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है। स्थानीय लोगों और कार्यकर्ताओं ने सवाल उठाया कि 2012 में बनी इस इमारत पर पहले कार्रवाई क्यों नहीं हुई। शिव सेना नेता अनिल चव्हाण ने कहा, "VVMC ने नोटिस जारी किया था, लेकिन बिल्डर ने इसे नजरअंदाज किया। अब लोगों की जान जाने के बाद कार्रवाई हो रही है।"
यह हादसा क्यों है सबक?
यह हादसा भारत में गैरकानूनी निर्माण और पुरानी इमारतों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि मॉनसून में कमजोर इमारतों के ढहने का खतरा बढ़ जाता है। सरकार और स्थानीय निकायों को ऐसी इमारतों पर सख्ती और समय पर कार्रवाई की जरूरत है। क्या आप भी मानते हैं कि इस तरह के हादसों को रोकने के लिए और सख्त कदम उठाने चाहिए? अपनी राय कमेंट में जरूर बताएं।
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